हमें पता है नारियल पानी तो बहुत पिया होगा आपने, लेकिन उसकी मलाई को कहीं आप-इसमें तो बहुत फ़ैट होता है, कह कर खाने से बचते तो नहीं हैं? यदि इसे खाने से बचते हैं तो जान लें कि इसमें मौजूद फ़ैट आपकी मेमोरी के लिए बहुत अच्छा होता है. क्यों और कैसे? ये बात डॉक्टर दीपक आचार्य से बेहतर और कौन बता सकता है भला? तो आइए, उन्हीं से जानते हैं कि क्यों कच्चे नारियल की मलाई ज़रूर खाई जानी चाहिए…
टेंडर कोकोनट पल्प का नाम सुना है आपने? अरे कच्चे नारियल की मलाई यार… कच्चे, पानी वाले नारियल के अन्दर जो सफ़ेद नर्म मलाई होती है, वही. कई लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं, मैं तो इसे खाने से कभी चूकता भी नहीं, आज भी दबाकर खाया है. इस मलाई में 25% वसा (फ़ैट) होती है और इस फ़ैट का लगभग 65% हिस्सा मीडियम चेन ट्राइग्लिसराइड (MCT या Medium Chain Triglycerides) होता है. कहने का मतलब ये कि ये वो वसा नहीं जिसकी दहशत में आधे से ज़्यादा लोग खानपान की कई चीज़ों को नकार देते हैं.
नारियल की मलाई वाला ये जो MCT है ना, ये हमारी सेहत के लिए टॉप आइटम है, ख़ासतौर से ब्रेन के लिए बतौर टॉनिक और याददाश्त को टकाटक बनाने के लिए. वो भी हर महीने सिर्फ़ एक या दो बार खाकर, सच्ची!
मेरे बचपन की गर्मियों की छुट्टियों का बड़ा हिस्सा आंध्रप्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले के समुद्र तटीय इलाकों में बीता है. ननिहाल उधर का ही है अपना. बुज़ुर्ग नाना जी अक्सर मुझे ताज़े नारियल की मलाई खिलाया करते और कहा करते कि इसे खाओगे तो नींद अच्छी आएगी और याददाश्त भी बढ़ेगी.
बीते दिनों, वर्ष 2004 में ‘न्यूरोबॉयोलोजी ऑफ़ एजिंग’ जर्नल की एक शोध रिपोर्ट पढ़ रहा था, तो नानाजी की याद आ गई. इस बहुप्रचलित विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित एक क्लिनिकल रिसर्च रिपोर्ट में बताया गया कि 20 बुज़ुर्गों को MCT की 40 मिलीलीटर की सिर्फ एक डोज़ दी गई और पाया गया कि इन तमाम बुजुर्गों के मानसिक क्रियाकलापों और याददाश्त में कमाल का तेज़ी आई. ये डोज़ कोई महीनों, दिनों या घंटों तक नहीं दिया गया, ये डोज़ सिर्फ़ एक बार का था.
तो बताइए MCT का इतना प्रभाव और वो भी इतनी रफ़्तार से, क्या आपको कुछ सोचने पर मजबूर नहीं कर रहा? अब आपके दोस्त दीपक आचार्य की ये सलाह भी पढ़ लीजिए… मेंटल स्ट्रेस, ब्रेन रिलेटेड प्रोब्लम्स, बार-बार भूलने की समस्या, एब्सेंट माइंड जैसी समस्याओं से निपटारे में नारियल की मलाई फ़ायदा ज़रूर करेगी. अल्ज़ाइमर्स के रोगियों को भी रोज़ नारियल पानी, नारियल की गिरी और ख़ासतौर से नारियल की मलाई खिलाना चाहिए, फ़ायदा तो हो कर रहेगा…क्या पता कोई चमत्कार ऐसा भी हो जाए जिसपर आप भी भरोसा ना कर पाएं!
कच्चे नारियल, उसका पानी और उसकी मलाई या कच्चे नारियल की ताज़ी गिरी…ये सभी बेहतरीन हैं. सेहत से भरे हुए हैं. तो काले, नारंगी और बुलबुले वाले सारे सोडा आइटम्स के लिए अपनी चौखट बंद करें और पकड़ें वो पगडंडी जो ले जाए आपको नारियल पानी और नारियल मलाई की ओर. भटको तो सही. अपन को तो नारियल की मलाई ख़ूब पसंद है इसलिए तो दोस्तों को भूलते नहीं बनता. फुकटिया स्ट्रेस और फालतू के टीमटाम से दूर रहें. स्वस्थ रहें, मस्त रहें, चुस्त और दुरुस्त रहें.
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