आज की तारीख़ में पैसा किसी के पास हो न हो, समय हो न हो, पर तनाव सबसे पास भर-भरकर है. अगर आप भी तनाव में डूब रहे हों तो, तनाव की दरिया से तैरकर बाहर निकलने के लिए अभी इसी वक़्त योग को पतवार बना लें.
‘योगा से होगा’ भले ही कितना भी स्टीरियोटाइप्ड स्लोगन लगे, पर यक़ीन मानिए, योग में रोग को हरने की ज़बर्दस्त क्षमता होती है. चाहे रोग शारीरिक हो या मन मानसिक बोझ लेकर बैठा हो, योग आपको हल्का होने की राह ज़रूर दिखाएगा. आज हम पांच बेहद बेसिक और आसानी से किए जानेवाले उन योगासनों के बारे में बात करने जा रहे हैं, जो आपको तनाव से छुटकारा दिलाने में बेहद कारगर साबित होने जा रहे हैं.
योगासन नंबर 1: सुखासन
इसके नाम से ही ज़ाहिर है, यह बेहद आसानी से किया जानेवाला आसान है. कई बार तो हम जाने-अनजाने यह आसन रोज़ाना करते भी हैं. इस आसन में बैठने से हमें अंदरूनी शांति मिलती है और दिमाग़ हल्का महसूस करता है. इस पोज़िशन में बैठने से आपका पॉश्चर सुधरता है और शरीर का संतुलन बेहतर होता है.
कैसे करें: ज़मीन पर पालथी मारकर मेरूदंड को सीधा रखकर बैठने को ही सुखासन कहते हैं. इसमें बस आपको दाएं पैर के पंजे को बाईं जांघ और बाएं पैर के पंजे को दाईं जांघ के नीचे रखना होता है. आंखें बंद करें, मेरूदंड सीधा रखकर गहरी सांसें भरें और छोड़ें. 2-3 मिनट के बाद पैरों की पोज़िशन एक्सचेंज करें.
योगासन नंबर 2: ताड़ासन
खड़े होकर किए जानेवाले सभी योगासनों की बेसिक पोज़िशन ताड़ासन को माना जाता है. इस आसन में गहरी सांस भरते हुए पूरे शरीर को स्ट्रेच करना होता है, जिसके चलते तनाव भी छू-मंतर हो जाता है.
कैसे करें: कमर और गर्दन को सीधा रखते हुए खड़े हो जाएं. अब हाथों को ऊपर उठाते हुए सिर के ऊपर ले जाएं. आपके हाथों की उंगलियां एक-दूसरे से सटी हों और हथेली सामने की ओर हो. गहरी सांस भरते हुए पूरे शरीर को ऊपर की ओर खींचें. ऐसा करते हुए शरीर के वज़न को पंजे पर ले जाएं. शरीर में होनेवाले खिंचाव को पैर के पंजों से लेकर हाथों की उंगलियों तक महसूस करें. इस पोज़िशन में 3-4 काउंट करने तक सांसें रोककर खड़े रहें, उसके बाद सांसे छोड़ते हुए ओरिजिनल पोज़िशन में आ जाएं. यह आसन 10-12 बार रिपीट करें.
योगासन नंबर 3: बालासन
बालासन या चाइल्ड पोज़ का हमारे नर्वस सिस्टम पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जिससे कारण तनाव और थकान को दूर भगाने में मदद मिलती है. इसके नियमित अभ्यास से दिमाग़ शांत होता है.
कैसे करें: मैट पर घुटनों के बल बैठ जाएं, वज्रासन की तरह. अब गहरी सांस लेते हुए आगे की तरफ़ झुकें. दोनों हाथों को आगे की ओर करें. सिर जितना हो सके, ज़मीन की तरफ़ ले जाने का प्रयास करें. माथे को ज़मीन से टच करने की कोशिश करें. इस पोज़िशन में कुछ समय बने रहें और फिर वापस ओरिजिनल पोज़िशन में आ जाएं.
योगासन नंबर 4: सेतुबंधासन
सेतुबंधासन, जिसे अंग्रेज़ी में ब्रिज पोज़िशन भी कहा जाता है को इंसोम्निया (अनिद्रा), एंज़ायटी और माइग्रेन से राहत दिलाने का सबसे अच्छा योगासन माना जाता है. इससे ब्लड प्रेशर नियंत्रण में रहता है और पीठ दर्द भी दूर ही रहता है.
कैसे करें: मैट पर पीठ के बल लेट जाएं. अब हाथों को बगल में फैलाएं. धीरे-धीरे घुटनों को मोड़ते हुए हिप्स के पास ले आएं. ऐसा करते हुए सांस अंदर खींचें. हाथों को ज़मीन पर रहने दें और हिप्स को जितना हो सके, ऊपर उठाने की कोशिश करें. कुछ देर तक सांस रोकें और उसके बाद सांस छोड़ते हुए दोबारा ओरिजिनल पोज़िशन में आ जाएं.
योगासन नंबर 5: शवासन
शरीर को रिलैक्स करनेवाले इस योगासन को सबसे अंत में किया जाता है. पीठ के बल लेटकर दिमाग़ को शांत रखकर सांसें लेने और छोड़ने से ब्लड प्रेशर सहित तनाव को भी कम करने में मदद मिलती है. आपका फ़ोकस बढ़ता है. आप दिमाग़ी रूप से शांत महसूस करते हैं.
कैसे करें: मैट पर पीठ के बल लेट जाएं. शरीर को एकदम ढीला छोड़ दें. अपनी आंखें बंद कर लें. दोनों पैर रिलैक्स्ड हों और एक-दूसरे से थोड़ी दूर हों. हाथ भी शरीर से थोड़े दूर हों. हथेली खुली और ऊपर की ओर हो. धीमे-धीमे सांस लेते हुए दिमाग़ में किसी भी तरह के विचारों को जगह न दें यानी सोचना बंद कर दें. हां, आपको सोना नहीं है. 5 मिनट बाद एक तरफ़ करवट लें और धीरे-धीरे उठें. उठने के बाद कुछ समय तक सुखासन में आंखें बंद करके बैठे रहें.
नियमित रूप से इन पांचों योगासनों का अभ्यास आपको तनाव के दरिया से शतप्रतिशत खींचकर बाहर लाएगा.
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