इंटरनेट और सोशल मीडिया इन दिनों हमारे जीवन का अभिन्न अंग है. इतना कि पूरे विश्व की 40% आबादी और भारत की 140 करोड़ आबादी में से लगभग 47% लोग, जो इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं, वे दिन का लगभग चौथाई समय इंटरनेट के इस्तेमाल में बिताते हैं. और इसमें से सोशल मीडिया पर बिताया गया समय तो चौथाई समय से भी ज़्यादा है. ऐसे में सोशल मीडिया का हमारे जीवन पर असर पड़ना लाज़मी है. यहां हम ये बताने जा रहे हैं कि कैसे आप इस असर को सकारात्मक बनाए रखें.
इंटरनेट और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या हमारे देश में दिनों दिन बढ़ रही है. यदि इस रिपोर्ट की मानें, जो वर्ष 2022 के आंकड़े बता रही है, तो सोशल मीडिया यूज़र्स की संख्या सालाना 4.2% की दर से बढ़ रही है. देश के 47% लोग इंटरनेट का इस्तेमाल करते हैं और भारत में लोग औसतन रोज़ाना इंटरनेट पर 7 घंटे 19 मिनट का समय बिताते हैं, जिसमें से सोशल मीडिया के इस्तेमाल का समय औसतन 2 घंटे 36 मिनट है.
अब यदि सवाल ये किया जाए कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल हमारे मानसिक स्वास्थ्य पर कैसा असर डालता है तो वर्ष 2015 में अमेरिका के प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा की गए एक सर्वे में यह बात समाने आई है कि सोशल मीडिया लोगों के भीतर तनाव बढ़ाता है. इस बारे में बीबीसी का यह आलेख खुलासा करता है कि ऑस्ट्रिया में वर्ष 2014 हुई एक रिसर्च में सामने आया है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल आपके मूड को ‘लो’ कर देता है. कुछ लोगों ने 20 मिनट तक केवल इंटरनेट ब्राउज़ किया, जबकि कुछ ने 20 मिनट तक फ़ेसबुक का इस्तेमाल किया तो पाया गया कि फ़ेसबुक का इस्तेमाल करने वालों ने बाद में अच्छा महसूस नहीं किया. इसकी वजह शायद ये रही कि फ़ेसबुक इस्तेमाल करने वालों को बाद में यह समय की तरह बर्बादी लगा.
यही नहीं, साइंस डायरेक्ट पर मौजूद इस रिपोर्ट का कहना है कि कई सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स का इस्तेमाल करने से ऐंगज़ाइटी और डिप्रेशन की समस्या हो सकती है. एक-दो सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स का इस्तेमाल करने वालों की तुलना में सात से अधिक सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म्स इस्तेमाल करने वालों में ऐंगज़ाइटी के लक्षण ज़्यादा नज़र आते हैं.
यह सब होने के बावजूद इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि सोशल मीडिया और इंटरनेट बहुत काम की चीज़ें हैं. इन्होंने पैन्डेमिक के दौरान, जब लोग घर से बाहर निकल ही नहीं सकते थे, लोगों को एक-दूसरे से जुड़ा होने का एहसास कराया, एक-दूसरे का और दुनिया के हर हिस्से का हालचाल जानने में मदद की. ऐसे में बहुत ज़रूरी है कि हम ख़ुद ही सोशल मीडिया के इस्तेमाल को ले कर ऐसा संतुलन साधें कि उसके फ़ायदे हमें मिलें और नुक़सान कम से कम हों. तो आइए जानते हैं कि कैसे हम सोशल मीडिया का अपने हित में सही इस्तेमाल करें:
समय तय करें, उस पर अटल रहें
हम किसी भी काम के बीच सोशल मीडिया पर जाएंगे तो जो काम कर रहे होंगे, वह पूरी तन्मयता से नहीं कर सकेंगे और इससे हमारे काम की क्वालिटी पर असर पड़ेगा. अत: सोशल मीडिया के इस्तेमाल का समय तय कर लीजए और उस पर स्टिक कीजिए. ज़रूरी नहीं कि दिन में एक ही बार आप सोशल मीडिया देख सकते हैं. यदि आपने एक घंटे का समय इसके लिए तय किया है तो 15-15 मिनट के चार स्लॉट्स में इसे बांट लें.
जो बात ख़ुश करे, वह साझा करें
कोई अच्छा विचार, कोई अच्छी फ़ोटो, कोई अच्छा कोट, जो भी आपको ख़ुश करता हो सोशल मीडिया पर अपनी टाइमलाइन पर उसे पोस्ट करें. ताकि जब भी आप उसे देखें आप ख़ुशनुमा महसूस करें. अपने अच्छे समय, अच्छे दिनों को याद करने पर आप अच्छा महसूस करेंगे/करेंगी.
अनफ़ॉलो बटन का इस्तेमाल करें
हम सभी के कुछ सोशल मीडिया फ्रेंड्स ऐसे होते हैं, जो नकारात्मक बातें लिखते हैं, हर चीज़ को नकारात्मक ढंग से पेश करते हैं या फिर बेवजह ही दख़लअंदाज़ी करते हैं. यदि आप चाहते/चाहती हैं कि सोशल मीडिया आपके पक्ष में काम करे तो जान लीजिए कि ऐसे ही लोगों से दूर रहने के लिए अनफ़ॉलो बटन बनाया गया है.
लोगों से अपनी तुलना बंद करें
यह बात हमें ख़ुद को रोज़ ही समझानी होगी कि सोशल मीडिया को अपने हक़ में इस्तेमाल करना है तो दूसरों से अपनी तुलना बंद करनी होगी. अक्सर लोग अपने जीवन का सफ़ेद पक्ष ही सोशल मीडिया पर सामने लाते हैं, काले पक्ष को छुपा ले जाते हैं. ये मान कर चलें कि जो कपल हमेशा प्यारभरी फ़ोटोज़ डालते हैं, उनके बीच भी उतनी ही कहासुनी होती है, जितनी आपकी आपके पार्टनर के साथ होती है. सोशल मीडिया पर रह कर संतुलित बने रहना है तो लोगों से अपनी तुलना कभी न करें.
पसंदीदा पेज फ़ॉलो करें
हम सभी कुछ न कुछ सीखना चाहते हैं या फिर कुछ न कुछ पसंद करते हैं, जैसे- पेंटिंग, बागवानी, डांस, एक्सरसाइज़, योग वगैरह. सोशल मीडिया पर आपको ऐसे ढेरों पेजेज़ मिल जाएंगे जो आपकी पसंद के मुताबिक़ होंगे. आप उन्हें जॉइन करें और ख़ुश रहें.
ब्रेक लेना तो बनता है
हम लगातार तो ऑफ़िस में भी काम नहीं करते. छह महीनों बाद एक हफ़्तेभर का ब्रेक तो बनता है, है ना? बिल्कुल इसी तरह सोशल मीडिया से छोटे-छोटे ब्रेक लेते रहिए. इससे आप रीयल लाइफ़ को एंजॉय कर सकेंगे और दोबारा सोशल मीडिया पर लौटना अच्छा महसूस कराएगा.
फ़ोटो: फ्रीपिक