तो रोज़ाना ले देकर सर्दी-खांसी से जूझते रहते हैं आप? नाक इस क़दर बहती है कि बग़ैर रुमाल घर से बाहर निकला दूभर हो जाता है? ऐसे में क्या किया जा सकता है? डॉक्टर दीपक आचार्य की मानिए और अनन्नास यानी पाइनैप्पल से हाथ मिला लीजिए. आपको शर्तिया फ़ायदा होगा. अब हमारा मानना तो ये है कि जब तन अफ़लातून होगा, तभी तो मन चंगा होगा.
तो साहब ले देकर जब-तब सर्दी-खांसी से जूझते रहते हैं आप? नाक इस कदर बहती है कि बग़ैर रुमाल लिए घर की दहलीज़ नहीं लांघ पाते? कभी पाइनैप्पल ट्राय कीजिए. आपको करना बस ये है कि रोज एक ग्लास ताज़ा अनन्नास (पाइनैप्पल) का जूस ज़रूर पी लें, दो हफ़्तों तक. वो भी किसी भी समय… फिर देखिए सर्दी-खांसी कैसे लंगोट पकड़कर छूमंतर हो जाएगी, वो भी लंबे समय तक के लिए. अनन्नास में पाया जानेवाला रसायन ‘ब्रोमेलेन’ अलग-अलग प्रकार के एंज़ाइम्स का मिश्रण है, ये रसायन सर्दी-खांसी में बनने वाले म्यूकस की अच्छी ख़ासी ख़बर ले लेते हैं और ये क्लिनिकल स्टडीज़ में प्रमाणित भी हुआ है! और तो और ये साइनसाइटिस में भी कमाल का असर करता है. तो अब देरी किस बात की? अपने दवाओं के बक्से से ख़तरनाक शक्कर की चाशनी वाले कफ़ सिरप को बाहर निकाल फेकें और घूमते-फिरते जाएं और अनन्नास लेते आएं और बनाएं एक गिलास रस (हां, इसमें शक्कर बिल्कुल न डालें) और चट्ट कर जाएं…या फिर अनन्नास को काटकर चबा जाएं. जैसे भी हो, आप इस फल को पेट की पगडंडी दिखाएं.
इसका साइंटिफ़िक ऐंगल
तो अब थोड़ा इसके साइंटिफ़िक ऐंगल पर भी बतिया लेते हैं. ‘एक्टा ओटोरायनोलेरिंजोलॉजिका इटालिका’ एक बड़ा प्रचलित इटालियन जर्नल है. वर्ष 2018 की जो क्लिनिकल स्टडी इसमें छपी, मेरे वैज्ञानिक मित्र उसे पढ़ें ज़रूर. स्टडी का टाइटल ‘Bromelain’s penetration into the blood and Sino nasal mucosa in patients with chronic rhinosinusitis’ है. इस क्लिनिकल स्टडी में साइनसाइटिस के 40 रोगियों को 20-20 के दो ग्रुप्स में बांट दिया गया. एक ग्रुप के रोगियों को 30 दिनों तक ब्रोमेलेन (यह पाइनैप्पल में होता है) की 500 मिलीग्राम की टेबलेट्स 30 दिनों तक दी गईं और दूसरे ग्रुप के रोगियों को ऐंटीइन्फ़्लेमटॉरी सामान्य दवाएं दी गईं. और 30 दिन बाद लैब एग्ज़ामिनेशन से पता चला कि ब्रोमेलेन दिए रोगियों के म्यूकस में ये ग़ज़ब काम कर रहा था. रोगियों को ख़ूब फ़ायदा भी मिला. जिन वैज्ञानिकों ने ये स्टडी करी उन्होंने बताया कि पाइनैप्पल का ब्रोमेलेन जो है, वो पैरानासल साइनस पैथोलॉजी में ज़बरदस्त काम करता है.
तो इन बातों का सार क्या है?
अब दीपक आचार्य आपसे ये नहीं कह रहे हैं कि आप ब्रोमेलेन खोजने जाएं, जब पाइनएप्पल चबाएंगे या इसका जूस पिएंगे तो अपने आप ये आपको मिल जाएगा. एक बात ज़रूर ध्यान रखिएगा, अनन्नास के बीचों बीच वाला कठोर हिस्सा फेंकना नहीं है, ये वही हिस्सा है, जहां यह एन्ज़ाइम सबसे ज़्यादा पाया जाता है.
और इस बात पर भी ध्यान दें कि अनन्नास हमारे खाने को भी ताबड़तोड़ तरीक़े से पचाता है. पता है ये मीट को गलाने (Meat Tenderizer) का भी काम करता है. आंध्रप्रदेश के श्रीकाकुलम जिले में अन्नानास की ख़ूब खेती होती है. किसी जनम में भटकते हुए मैं यहां भी गया था. यहां के आदिवासी जब जब तगड़ा मांसाहार यानी हैवी नॉनवेज लेते हैं तो उसके बाद पाइनैप्पल ज़रूर खाते हैं. ध्यान रहे ब्रोमेलेन प्रोटीन को तोड़ने में एकदम सॉलिड तरीक़े से काम करता है. ये अपने देश का सॉलिड ज्ञान है.
चलते चलते एक बात और बता दूं.. आर्थ्राइटिस, जोड़ों का दर्द और अक्सर हाथ-पैर के दर्द की शिकायत वाले मित्रगण भी यही फ़ॉर्मूला अपनाएं. और एक बात कहूं? ये जो पाइनैप्पल है न ये एक ज़बरदस्त ऐंटइन्फ़्लैमटॉरी आइटम है.
तो अपनी समस्या का आसान और स्वादिष्ट इलाज पढ़कर मज़ा आया? ये मज़ा मैं सब हिंदुस्तानियों को देना चाहता हूं. आप भी इसमें सहभागी होइए और धड़ाधड़ शेयर मारिए पोस्ट को. भला कीजिए दो-चार का…
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट