यदि आप भी ऑस्कर अवॉर्ड सम्मानित गीतकार गुलज़ार के प्रशंसकों में से एक हैं तो उनकी ज़िंदगी और लेखन के माहौल को यशवंत व्यास की पेशकश ‘बोसकीयाना’ के ज़रिए बेहद नज़दीक से जान सकते हैं. इस किताब में उनके रहन-सहन, उनके घर, उनकी पसंद-नापसंद और वे इस दुनिया को कैसे देखते हैं और कैसे देखना चाहते हैं, इस पर जानने मिलेंगी कई बातें. यह बातों का इक लम्बा सिलसिला है जो एक मुलायम आबोहवा में हमें समूचे गुलज़ार से रूबरू कराता है.
यदि आप गुलज़ार की ज़िन्दगी और उनके फ़लसफ़े को बेहद क़रीब से जानने को उत्सुक हैं तो राधाकृष्ण प्रकाशन लेकर आ रहे हैं यशवंत व्यास की नई पेशकश ‘बोसकीयाना’. बेमिसाल शख़्स, मशहूर शायर, फ़िल्म निर्देशक, लेखक-गीतकार गुलज़ार की सोच को आप तक बोसकीयाना के माध्यम से पहुंचाने का काम किया है जाने-माने प्रयोगशील लेखक-पत्रकार यशवंत व्यास ने.
गुलज़ार साहब ने बोसकीयाना के प्रकाशित होने पर बताया,‘‘बोसकीयाना मेरे घर का नाम है,’’ आगे उन्होंने राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक माहेश्वरी, यशवंत व्यास और बोसकीयाना किताब को साकार करने के बारे में कहा,‘‘ माहेश्वरी मेरे बड़े पुराने दोस्त हैं, उन्हें मांगने का हक़ भी है और छीनने का भी हक़ है. वहीं यशवंत व्यास पूरे जेबकतरे हैं, लिखने से पहले जेब काट लेते हैं, बोलने से पहले जीभ काट लेते हैं, जो सोचता हूं वो भांप लेते हैं. इन दोनों दोस्तों ने मिलकर मेरी पोल खोल दी है, यक़ीन न आए तो किताब खोल कर देख लीजिए.’’
प्रकाशन ने इसे जिन ख़ास आकर्षणों के साथ प्रस्तुत किया है वो हैं: विशेष सजिल्द संस्करण आकर्षक गिफ़्ट बॉक्स में (साइज़ लगभग 7.75 x 10.25 इंच), 4 रंगों में छपाई, कई अनदेखे फ़ोटो के साथ; गुलज़ार कलम; एक्स्क्लूसिव बुकमार्क; आकर्षक नोट पैड; ‘बोसकीयाना’ लिमिटेड गिफ़्ट पैक कैन्वस बैग.
पुस्तक: बोसकीयाना, प्रकाशक: राधाकृष्ण प्रकाशन, लेखक: गुलज़ार, बाइंडिंग: हार्डबाउंड, मूल्य: 1200/-, पृष्ठ: 228, प्रकाशन वर्ष: नवम्बर, 2020