हमारे शरीर में 65 से 70% तक पानी है. पानी की इस मात्रा का संतुलित रहना ज़रूरी है. फ़िलहाल बाहर झमाझम बारिश हो रही है. पर ऐसे लोगों की भी कमी नहीं है, जिनमें शरीर में पानी की कमी है. आख़िर कैसे हो जाती है शरीर में पानी की कमी? और हर मौसम में कैसे ख़ुद को हाइड्रेटेड कैसे रखें? आपको इन दो ज़रूरी सवालों के जवाब यह लेख देगा.
शरीर में पानी की कमी को डीहाइड्रेशन कहते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, डीहाइड्रेशन के लक्षणों को नज़रअंदाज़ करने से गंभीर चिकित्सा समस्याएं हो सकती हैं. मानव शरीर का लगभग एक-तिहाई हिस्सा पानी से बना है. शुष्क और आर्द्र मौसम में शरीर से बहुत अधिक पसीना निकलने के चलते जल और लवण का संतुलन बाधित होता है, नतीजतन शरीर के सामान्य तापमान को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त पानी की आवश्यकता होती है. एनएचएस के अनुसार, शरीर में पानी की कमी यानी डीहाइड्रेशन होने के निम्न लक्षण हैं.
* प्यास लगना
* गहरा पीला और तेज़ गंध वाली पेशाब होना
* चक्कर आना
* थकान महसूस होना
* मुंह, होंठ और आंखों का सूख जाना
* दिन में 4 बार से कम पेशाब लगना
बदलते मौसम में डीहाइड्रेशन से कैसे बचें?
चाहे ठंडी के बाद गरमी का मौसम आ रहा हो या गरमी के बाद बारिश का, शरीर को बदलते मौसम के साथ एड्जस्ट करने में समय लगता है. मौसम में बदलाव का असर शरीर में पानी की मात्रा पर होता है. इससे बचने के लिए आपको भोजन में नमीयुक्त फल और सब्ज़ियों की भरपूर मात्रा लेनी चाहिए.
नमीयुक्त फल और सब्ज़ियों के सेवन से डीहाइड्रेशन का सही तरीक़े से मुक़ाबला किया जा सकता है. सालभर हमारे लिए उपलब्ध फल और सब्ज़ियों में प्रचुर मात्रा में पानी मौजूद होता है. तरबूज, स्ट्रॉबेरी, अनन्नास कुछ ऐसे फल हैं जिनमें पानी भरपूर मात्रा में होता है. टमाटर, मूली और खीरा ये सभी पानी से भरपूर सब्ज़ियां हैं, जिनका आपको सेवन करना चाहिए. ऑयली और मसालेदार खाद्य पदार्थों की जगह दिनभर ऐसे फलों और सब्ज़ियों का सेवन करें, जिसमें पानी भरपूर मात्रा हो.
इलेक्ट्रोलाइट्स से ख़ुद को रीचार्ज करें
ज़्यादातर लोग फलों के रस या एनर्जी ड्रिंक्स तब लेते हैं, जब उनके शरीर में पानी की कमी होती है. वो इसे पर्याप्त मानते हैं. हालांकि, उन्हें एहसास नहीं होता है कि उनके शरीर से जो अत्यावश्यक लवण और तरल पदार्थ बाहर निकल रहे हैं, उनकी भरपाई किसी भी फ्रूट ड्रिंक से नहीं की जा सकती है. ऐसे में हमें उन पेय पदार्थों की ज़रूरत होती है, जो शरीर को रीहाइड्रेट करें, रीचार्ज करें और उसे हम आसानी से लेते रह सकें. डीहाइड्रेशन का उपचार ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन से होता है, क्योंकि इससे शारीरिक मेहनत या डीहाइड्रेशन के चलते हुए लवण और तरल पदार्थों के हुए नुक़सान की भरपाई हो जाती है. इनमें चीनी, ग्लूकोज़, सोडियम और पोटैशियम का उपयुक्त मिश्रण होता है. श्रम, अधिक गर्मी और खेल गतिविधियों के कारण होने वाले डीहाइड्रेशन के लिए यह बेहद उपयुक्त है. ग्रामीण क्षेत्रों में डीहाइड्रेशन से निपटने के लिए किसी भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र पर मुफ़्त ओआरएस दिया जाता है.
सोडा की जगह फलों के रस लें
अगर आपको लगता है कि सॉफ़्ट ड्रिंक या सोडा के कैन से आपकी प्यास बुझ जाएगी, तो हो सकता है कि आप अधिक ग़लत न हों, लेकिन जब हाइड्रेशन की बात आती है, तो सोडा, कॉफी और चाय व्यर्थ हैं. दरअसल, ये आपके शरीर में पानी की कमी पैदा कर सकते हैं, इसलिए हमारी सलाह है कि आप किसी मौसम विशेष में ही नहीं बल्कि पूरे वर्ष इन पेय पदार्थों से दूर रहें. आप पानी के अलावा फ्रूट जूस से भी अपनी प्यास बुझा सकते हैं.
शराब से बचें
शराब मूत्रवर्धक के रूप में कार्य करता है. अन्य तरल पदार्थों की तुलना में इसके चलते आपके शरीर के गुर्दे, मूत्रवाहिनी और मूत्राशय के ज़रिए आपके रक्त का तरल पदार्थ बहुत तेज़ी से बाहर निकलता है. यदि आप शराब का सेवन करते समय पर्याप्त पानी नहीं पीते हैं, तो आप जल्द डीहाइड्रेटेड हो सकते हैं. सभी मौसमों में अपने आप को हाइड्रेटेड बनाए रखने के लिए शराब के सेवन से बचने या कम करने की सलाह दी जाती है.
पानी पीते रहें
पानी की कमी को पानी पीकर ही पूरा किया जा सकता है. यदि आप व्यायाम करते हैं, तो यह महत्वपूर्ण है कि आप अपने पानी का सेवन दो गुना बढ़ाएं. कसरत करने से कम से कम चार घंटे पहले, भरपूर मात्रा में पानी पिएं. कसरत के दौरान, हर 10 -15 मिनट में ख़ुद को हाइड्रेट करें. दोपहर 2 बजे तक 1.5 लीटर पानी पी जाएं, भले ही आपको प्यास न लगी हो. प्यास लगना अक्सर डीहाइड्रेशन का संकेत देता है. हर समय अपने साथ पानी की एक बोतल रखें, ताकि जब भी आपको प्यास महसूस हो आपके पास पानी उपलब्ध रहे. अधिक पानी पीने के लिए याद दिलाने हेतु आप किसी ऐप का भी उपयोग कर सकते हैं.
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