टोक्यो में आज के दिन भारत ने कुल दो मेडल जीतते हुए कुल मेडल्स की संख्या 5 कर ली. आज 41 साल बात पुरुष हॉकी में भारत ने पदक जीता वहीं, रवि कुमार दहिया ने रजत पदक जीतकर, सुशील कुमार की बराबरी की.
आज भारत के पास कई पदक जीतने और इतिहास बनाने का मौक़ा था. हालांकि भारत ने संभावित पांच में से केवल दो ही पदक हासिल करने में सफलता पाई, पर हॉकी में 41 साल तक चले पदकों के सूखे को समाप्त ज़रूर किया.
पुरुष हॉकी टीम ने जीता कांस्य पदक
टोक्यो ओलंपिक में कमाल के फ़ॉर्म में चल रही भारतीय हॉकी टीम मॉस्को ओलंपिक के 41 साल बाद पदक जीतने में क़ामयाब रही. आज कांस्य पदक के लिए भारत का जर्मनी से मुक़ाबला था. मैच में एक समय ऐसा भी था कि भारत 1-3 से पिछड़ा हुआ था. हाथ से कांस्य पदक निकलता दिख रहा था, पर भारतीय खिलाड़ियों ने हिम्मत न हारते हुए जर्मनी रक्षापंक्ति को भेद दिया और अंत में भारत 5-4 से विजेता बनकर उभरा. 8 ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतनेवाली हॉकी टीम की कांस्य पदक जीतने की उपलब्धि को इसलिए भी ख़ास और यादगार माना जा रहा है, क्योंकि अब हॉकी में यूरोपिन टीमों और ऑस्ट्रेलिया-अर्जेंटीना जैसी टीमों का दबदबा हो गया है. भारत ने कांस्य पदक जीतने की राह में कई यूरोपियन टीमों को धूल चटा दी.
फ़ाइनल में रवि को रजत तो बाक़ी पहलवान रहे ख़ाली हाथ
आज पुरुषों के 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कैटेगरी का फ़ाइनल मैच था, जिसमें भारत के रवि कुमार का सामना रूस के पलवान ज़ाउर उगेव से था. रवि फ़ाइनल में अपना फ़ॉर्म बनाए नहीं रह पाए और उन्हें रूसी पहलवान ने 7-4 के आसान अंतर से पटखनी दे दी. इस हार के बाजवूद रवि कुमार भारतीय कुश्ती के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में अपना नाम लिखा चुके थे. वे पहलवान सुशील कुमार के बाद ओलंपिक सिल्वर जीतनेवाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गए हैं.
कुश्ती के ही 86 किलोग्राम फ्रीस्टाइल के कांस्य पदक मुक़ाबले में दीपक पुनिया ने बेहतरीन शुरुआत की. वे आख़िरी 20 सेकेंड तक जीतते लग रहे थे, जब सैन मरीनो के पहलवान नज़ेम अमेन ने उन्हें पटकनी देकर चित कर दिया. पूरे मुक़ाबले के दौरान आगे रहने के बाद इस तरह हारना दिल तोड़ने जैसा रहा.
महिलाओं के 57 किलोग्राम फ्रीस्टाइल में अंशु मलिक को रेपेचेज राउंड में खेलने का मौक़ा मिला था, पर वे अपने पहले ही मैच में हार गईं. इस तरह उन्होंने पदक जीतने के मौक़ा को ज़ाया कर दिया.
कुश्ती में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद विनेश फोगाट ने किया निराशा
महिलाओं की कुश्ती के 53 किलोग्राम फ्रीस्टाइल वर्ग में स्टार रेसलर विनेश फोगाट अपना पहला ओलंपिक मेडल जीतने के लिए उतरी थीं. उन्होंने रियो में चूके मौक़े की भरपाई करते हुए राउंड ऑफ़ 16 में स्विट्ज़रलैंड की पहलवान पर आसान जीत हासिल की, पर क्वॉर्टरफ़ाइनल में बेलारूस की वनेसा कलादज़िंस्काया से 3-9 से हार गईं. बेलारूस की पहलवान के सेमीफ़ाइनल में हारते ही रेपेचेज के ज़रिए कांस्य पदक जीतने की विनेश की रही-सही उम्मीद भी टूट गई. टोक्यो में गए भारतीय दल में विनेश मेडल जीतने की सबसे प्रबल दावेदार मानी जा रही थीं. उनका हारना भारत के लिए किसी झटके से कमी नहीं रहा.
अदिति अशोक कर रही हैं गोल्फ़ में शानदार प्रदर्शन
गोल्फ़ में भारतीय पुरुषों ने जहां निराशा किया है, वहीं भारतीय महिलाएं मेडल की उम्मीद जगा रही हैं. टोक्यो में सबसे सरप्राइज़िंग प्रदर्शन कर रही हैं गोल्फ़र अदिति अशोक. दुनिया की 200वें रैंकिंग की यह खिलाड़ी तीन राउंड के बाद दूसरे स्थान पर विराजमान है. हालांकि अभी गोल्फ़ के आगे राउंड्स बचे हुए हैं, पर अदिति अशोक जिस तेज़ी से शुरुआती दौर से ही टॉप 2 में बनी हुई हैं, लगने लगा है कि गोल्फ़ से भारत को सरप्राइज़ पदक मिल सकता है.
कल किन भारतीय खिलाड़ियों और खेलों पर रहेगी ख़ास नज़र?
-कल महिला हॉकी टीम अपना पहला ओलंपिक पदक जीतने के लिए ग्रेट ब्रिटेन की टीम से टकराएगी. बता दें कि ग्रेट ब्रिटेन ने रियो में आयोजित पिछले ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीता था.
-रवि कुमार दहिया के मेडल जीतने से पहले टोक्यो में पुरुष कुश्ती में भारत की सबसे बड़ी उम्मीद कहे जानेवाले बजरंग पुनिया 65 किलोग्राम के फ्रीस्टाइल वर्ग में अपने अभियान की शुरुआत करेंगे.
-महिलाओं के 50 किलोग्राम फ्रीस्टाइल कैटेगरी में सीमा बिस्ला उतरेंगी. चार महिला पहलवानों में से तीन के ख़ाली हाथ लौटने के बाद उनसे उम्मीद बढ़ गई है.
-गोल्फ़ में अदिति अशोक और दिशा डागर को अगले राउंड में खेलना है. अदिति अशोक अपनी बढ़त को बरक़रार रखने की कोशिश करेंगी.