स्वर कोकिला लता मंगेशकर की आवाज़ की मिठास की कोई मिसाल नहीं है. उनकी आवाज़ ने करोड़ों लोगों का दिल जीता, लाखों को मदहोश बना दिया, हज़ारों को जीने का सलीका सिखाया और प्रेरणा भी दी. किसी ने उन्हें बेमिसाल कहा, किसी ने लाजवाब, किसी ने उन्हें ईश्वर का वरदान कहा, तो किसी ने देवी सरस्वती का साक्षात रूप माना. लेकिन कुछ लोगों ने ऐसा कुछ कहा कि उसकी मिसाल दूसरी नहीं. यहां शकील अहमद लता मंगेशकर के लिए जानीमानी हस्तियों द्वारा समय-समय पर कही गई ऐसी ही बातों को उल्लेख कर रहे हैं.
सुरों की मल्लिका लता मंगेशकर को कई लोगों ने इस सदी का इंसानी अजूबा माना है. उनकी आवाज़ ने करोड़ों लोगों का दिल जीता, लाखों को मदहोश बना दिया, हज़ारों को जीने का सलीका सिखाया और प्रेरणा भी दी. किसी ने उन्हें बेमिसाल कहा, किसी ने लाजवाब, किसी ने उन्हें ईश्वर का वरदान कहा, तो किसी ने देवी सरस्वती का साक्षात रूप माना. सारी दुनिया के संगीतज्ञों ने उनके लिए कुछ न कुछ कहा, सारी दुनिया के संगीतप्रेमियों ने उनके लिए बहुत कुछ कहा. लेकिन कुछ लोगों ने ऐसा कुछ कहा कि उसकी मिसाल दूसरी नहीं. लता के लिए लोगों के दिलों में जो स्नेह, प्यार, सम्मान, इज़्ज़त है वह उनके उद्गारों और ख़यालों में झलकता है.
शास्त्रीय संगीत की दुनिया के दिग्गज और सबसे बड़ी हस्ती माने जानेवाले उस्ताद बड़े ग़ुलाम अली ख़ां साहब लता की आवाज़ की परिपक्वता और सुरीलेपन के इतने क़ायल थे कि एक बार कह गए कि ‘कमबख़्त कभी ग़लती से भी बेसुरी नहीं होती.’
नौशाद अली और लता मंगेशकर का साथ और उससे निकले बेहद सुरीले, सदाबहार और नाक़ाबिल-ए-फ़रामोश नग़मों को दुनिया आज तक याद रखती है, उन्हें गुनगुनाती, उन पर झूमती है. नौशाद ने लता के बारे में कहा था,‘लता की आवाज़ में हिंदुस्तान का दिल धड़कता है.’
बरसों-बरस यश चोपड़ा की फ़िल्मों की सफलता का एक पैमाना रहीं लता के लिए उन्होंने कहा था कि लताजी के गायन में ईश्वर के वरदान की झलक है और वे जब गाती हैं तो संगीत उनके हिसाब से चलता है.
गीतकार और फ़िल्मकार गुलज़ार साहब का लता के साथ पुराना और बहुत ही ख़ास सम्बंध रहा है. गुलज़ार द्वारा लिखे गीतों को गाकर लता मंगेशकर को तीन में से दो राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं. वे कहते हैं, उनकी आवाज़ और गायन में मशक्कत नज़र आती है. वह सहज है और भीतर से निकली हुई इबादत की तरह है. उनकी आवाज़ चांद पर पहुंची हुई आवाज़ है.
फ़िल्मकार श्याम बेनेगल कहते हैं,‘उनके जैसा कोई और हुआ ही नहीं है. एक मिस्र की उम्मे कुल्सुम थीं और एक लता हैं.’
पंडित हरि प्रसाद चौरसिया की लता के बारे में राय है कि कभी-कभार ग़लती से ऐसा कलाकार पैदा हो जाता है.
पटकथा लेखक और गीतकार जावेद अख़्तर ने लता के लिए कई लाजवाब और दिल को छू लेनेवाले गीत लिखे हैं. वे कहते हैं,‘हमारे पास एक चांद है, एक सूरज है, तो एक लता मंगेशकर भी है!’
दिलीप कुमार कहते हैं कि लता की आवाज़ एक रौशनी है, जो सारे आलम के गोशे-गोशे में मौसिकी का उजाला फैलाती है. लता की आवाज़ एक करिश्मा है.
अमिताभ बच्चन कहते हैं कि लता की आवाज़ इस सदी की आवाज़ है.
मशहूर नाटककार विजय तेंडुलकर कहते हैं कि इस दुनिया में लोग बहुत व्यावहारिक होते हैं, पर लता के गीत रोज़ सुनते हैं. उससे किसी का पेट नहीं भरता, लेकिन सुने जा रहे हैं पागलों की तरह.
शास्त्रीय गायक उस्ताद आमिर ख़ां कहते हैं कि हम शास्त्रीय संगीतकारों को जिसे पूरा करने में तीन से डेढ़ घंटे लगते हैं, लता वह तीन मिनट में पूरा कर देती हैं.
प्रसिद्ध संगीतकार एस. डी. बर्मन ने एक बार कहा था कि जब तक लता है, तब तक हम संगीतकार सुरक्षित हैं.
ग़ज़ल गायक जगजीत सिंह ने कहा था,‘बीसवीं सदी की तीन बातें याद रखने लायक हैं, एक चांद पर आदमी की जीत, दूसरा बर्लिन की दीवार का टूटना और तीसरा लता का जन्म.’
शाहरुख़ ख़ान कहते हैं,‘मेरी ख़्वाहिश है कि मैं किसी अभिनेत्री की भूमिका निभाऊं और मुझे पर्दे पर लता की आवाज़ पर अभिनय करने का मौक़ा मिले.’
फ़ोटो सौजन्य: पिन्टरेस्ट / गूगल, bollywoodirect.medium.com