• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home हेल्थ मेंटल हेल्थ

क्यों कोरोना से निर्णायक जंग में सभी मृतकों की ससम्मान अंत्येष्टि बेहद ज़रूरी है?

डॉ अबरार मुल्तानी by डॉ अबरार मुल्तानी
May 13, 2021
in मेंटल हेल्थ, हेल्थ
A A
क्यों कोरोना से निर्णायक जंग में सभी मृतकों की ससम्मान अंत्येष्टि बेहद ज़रूरी है?
Share on FacebookShare on Twitter

कोरोना से युद्ध को जीतने के लिए हम सभी संभावित विकल्पों को आज़मा रहे हैं. लॉकडाउन, वैक्सिनेशन, पर्याप्त स्वास्थ्य सुविधाएं बेशक अहम हैं. जाने-माने आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ अबरार मुल्तानी की मानें तो कोरोना से छिड़ी मानवता की इस जंग में मृतकों की ससम्मान अंत्येष्टि भी बेहद ज़रूरी है.

मरने वालों को यह बात यक़ीनन सांत्वना देती है कि उनके अंतिम संस्कार में हज़ारों की भीड़ जमा होगी. यह एक अनोखा मनोविज्ञान है. मरने वाले के परिजनों को भी यह बात कुछ शांति पहुंचाती है कि उनके अपने की अंतिम यात्रा में हज़ारों की भीड़ थी. उनके दुःख के हज़ारों साझा हैं. उन्हें यह बात वाक़ई शांति देती है. अंतिम यात्रा में हज़ारों या लाखों की संख्या परिजनों को दुःख की जगह गर्व का अनुभव करवाती है. मैं कई ऐसे लोगों से मिला हूं जिन्होंने मुझे अपने परिजनों की अंतिम यात्रा के बारे में बताया कि,‘उनके कितने चाहने वाले थे, देखो ना हज़ारों लोग उनकी अर्थी को कंधा देने के लिए आए थे.’ यह कहते हुए उनकी आंखों में अजब सी चमक होती थी. मैं देखता था कि उन्हें दुःख तो था लेकिन अपने परिजन पर गर्व भी था. गर्व का यह अनुभव उनके दुःख को बहुत कम कर देता था.

लेकिन दुनिया ने 180 डिग्री का मोड़ लिया. कोरोना आया. एक ऐसा वायरस जो बेहद संक्रामक है. इससे डरे हुए लोग और सरकारें संक्रमण से बचने के लिए लोगों को इकट्ठा करने से रोक रहे हैं. इसमें अंतिम यात्रा में लोगों के शामिल होने पर भी प्रतिबंध लगाया. अब केवल गिनती के कुछ लोग ही शामिल हो सकते हैं किसी भी व्यक्ति की अंतिम यात्रा में. चाहे अमीर हो या ग़रीब, चाहे महान हो या आम, चाहे नेता हो या कार्यकर्ता, चाहे आम हो या ख़ास… सबकी अंतिम यात्रा में बस कुछ लोग! यह नियम सबको पालन करना है.

इन्हें भीपढ़ें

burnout-syndrome

बर्नआउट सिंड्रोम से यूं निपटें

April 1, 2024
कहीं आपको भी लगातार तो महसूस नहीं होती ग्लानि की भावना?

कहीं आपको भी लगातार तो महसूस नहीं होती ग्लानि की भावना?

January 29, 2024
सायटिका में आराम देते हैं ये योगासन

सायटिका में आराम देते हैं ये योगासन

January 9, 2024
ये चीज़ें बढ़ाएंगी आपका मेटाबॉलिज़्म

ये चीज़ें बढ़ाएंगी आपका मेटाबॉलिज़्म

January 5, 2024

लोगों में कोरोना से बेइंतहा डर की एक बड़ी वजह यह भी है कि यदि उन्हें दुर्भाग्य से इसका संक्रमण हो गया और मृत्यु हो गई तो उनका अंतिम संस्कार कैसे होगा? क्या उन्हें लावारिस पटक दिया जाएगा? क्या उनके शव से सब डरेंगे और दूर से ही क़ब्रों में लुढ़का देंगे? उनकी चिताओं को अग्नि कैसे दी जाएगी? उनके परिजन लेने आएंगे भी कि नहीं उनकी लाश को? उनके अच्छे कर्मों और संबंधों का क्या कोई याद रखेगा जब मेरी अंतिम यात्रा में ही लोग नहीं आएंगे तो? क्या मैं बहुत जल्दी भुला दिया जाऊंगा? क्या ये तय की गई संख्या के लोग भी इकट्ठा हो पाएंगे मेरी अंतिम यात्रा में? इस डर को मीडिया में आ रही ख़बरें हवा दे रही हैं कि नदियों में संक्रमितों के शव लावारिस फेंक दिए गए, या उनके लिए लकड़ियों का इंतज़ाम ही नहीं हो पाया, उनकी देह को लेने कोई परिजन नहीं आया, लाशों को जेसीबी से क़ब्रें खोदकर एक साथ दफ़ना दिया गया… आदि, आदि. ऐसी ख़बरें लोगों को दहशत में डालती हैं, इसलिए वे ख़ुद को संक्रमित घोषित नहीं करवाना चाहते. इसमें एक पेच और है और वह यह कि यदि गांव या मोहल्ले में एक व्यक्ति संक्रमण के लक्षण देखकर कोविड टेस्ट करवाता है और उसकी दुर्भाग्य से मृत्यु हो जाती है. उसका अंतिम संस्कार कोरोना प्रोटोकॉल के तहत होता है लेकिन वहीं दूसरे 10 व्यक्ति इसी रोग के लक्षणों के साथ मर जाते हैं लेकिन वे टेस्ट नहीं करवाते और उन्हें सामान्य तरीक़े और सम्मान के साथ अंत्येष्टि या कफ़न दफ़न कर दिया जाता है. अब आप मुझे बताइए गांव या मोहल्ले वालों पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा? जो बेचारा जागरूक था, सिस्टम का सहयोग कर रहा था उसकी ऐसी अंतिम यात्रा और जो सहयोग नहीं कर रहे उनकी अच्छी और ससम्मान अंतिम यात्रा! तो शासन क्या करे? शासन इस महामारी के काल में सबके अंतिम संस्कार (चाहे मृतक की मृत्यु का जो भी कारण हो) कोविड प्रोटोकॉल के तहत ही करवाए लेकिन सम्मान तथा उनके धार्मिक रीति रिवाजों के अनुसार करवाए. सबका अंतिम संस्कार जब एक समान होगा तो लोग सहयोग करने लगेंगे. इस मनोवैज्ञानिक पहलू को नज़रअंदाज नही किया जा सकता क्योंकि हम मनुष्य मन से ही संचालित होते हैं और मन को समझे बगैर हम न तो दूसरे मनुष्यों को नियंत्रित कर सकते हैं और न ही उनसे सहयोग पा सकते हैं.

यह अकाट्य सत्य है कि दुनिया में अब भी अधिकांश लोग मृत्यु के बाद होने वाली बातों से डरते हैं. उनकी मृत देह के साथ क्या सुलूक किया जाएगा इसकी उन्हें हमेशा फ़िक्र रहती है. मृत देह के साथ हुए बुरे बर्ताव ने इतिहास में कई युद्धों को जन्म दिया है और मृत देह को सम्मान देकर कई युद्ध ख़त्म हुए हैं. लोगों का यह डर ख़त्म कीजिए यह कोरोना से युद्ध जीतने में मदद करेगा वरना इसे जीतना मुश्क़िल है. प्रिय शासकों और प्रशासकों कृपया सबके साथ एक जैसा किंतु सम्मान वाला व्यवहार कीजिए.

Photo: Tom Fisk/Pexels.com

Tags: Dr Abrar Multani’s ArticlesDr. Abrar MultaniHealthNazariyaOye AflatoonPerspectiveYour viewआपकी रायओए अफलातूनडॉ अबरार मुल्तानीडॉ अबरार मुल्तानी के लेखनज़रियानया नज़रिया
डॉ अबरार मुल्तानी

डॉ अबरार मुल्तानी

डॉ. अबरार मुल्तानी एक प्रख्यात चिकित्सक और लेखक हैं. उन्हें हज़ारों जटिल एवं जीर्ण रोगियों के उपचार का अनुभव प्राप्त है. आयुर्वेद का प्रचार-प्रसार करने में वे विश्व में एक अग्रणी नाम हैं. वे हिजामा थैरेपी को प्रचलित करने में भी अग्रज हैं. वे ‘इंक्रेडिबल आयुर्वेदा’ के संस्थापक तथा ‘स्माइलिंग हार्ट्स’ नामक संस्था के प्रेसिडेंट हैं. वे देश के पहले आनंद मंत्रालय की गवर्निंग कमेटी के सदस्य भी रहे हैं. मन के लिए अमृत की बूंदें, बीमारियां हारेंगी, 5 पिल्स डिप्रेशन एवं स्ट्रेस से मुक्ति के लिए और क्यों अलग है स्त्री पुरुष का प्रेम? उनकी बेस्टसेलर पुस्तकें हैं. आयुर्वेद चिकित्सकों के लिए लिखी उनकी पुस्तकें प्रैक्टिकल प्रिस्क्राइबर और अल हिजामा भी अपनी श्रेणी की बेस्ट सेलर हैं. वे फ्रीलांसर कॉलमिस्ट भी हैं. उन्होंने पंडित खुशीलाल शर्मा आयुर्वेदिक महाविद्यालय से आयुर्वेद में ग्रैजुएशन किया है. वे भोपाल में अपनी मेडिकल प्रैक्टिस करते हैं. Contact: 9907001192/ 7869116098

Related Posts

कहीं आपको भी त्यौहारों की तड़क-भड़क परेशान तो नहीं करती?
ज़रूर पढ़ें

कहीं आपको भी त्यौहारों की तड़क-भड़क परेशान तो नहीं करती?

December 15, 2023
क्या आपका डर आपके फ़ैसलों पर हावी  हो जाता है?
ज़रूर पढ़ें

क्या आपका डर आपके फ़ैसलों पर हावी हो जाता है?

November 23, 2023
क्या आप सुबह उठकर अपना बिस्तर ठीक करते हैं?
ज़रूर पढ़ें

क्या आप सुबह उठकर अपना बिस्तर ठीक करते हैं?

November 3, 2023
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.