जब पूरी दुनिया स्वास्थ्य से जुड़ी सबसे बड़ी क्राइसिस से गुज़र रही हो तो विश्व स्वास्थ्य दिवस और भी महत्वपूर्ण हो जाता है. हैदराबाद की जानी-मानी एंडोक्राइन सर्जन डॉ संगीता झा बता रही हैं इस हेल्थ डे पर स्वस्थ रहने के पांच छोटे और अचूक नुस्ख़े, ताकि आप अपनी सेहत के लिए किसी सरकार के भरोसे रहने के बजाय आत्मनिर्भर बन सकें.
आज वर्ल्ड हेल्थ डे है यानी विश्व स्वास्थ्य दिवस. इस दिन का चयन सन 1948 में 7 अप्रैल को हुआ था पर पहली बार ये सन 1950 में पूरे विश्व में बनाया गया. अंग्रेज़ी की एक पुरानी कहावत है,‘जब पैसा जाता है, कुछ नहीं जाता है लेकिन जब स्वास्थ्य जाता है तो कुछ जाता है.’ आज ये पूरी तरह से बदल गई है कि अगर स्वास्थ्य गया तो मानो सब कुछ चला गया. ख़ैर, वर्ल्ड हेल्थ डे की इस बार अहमियत इसलिए भी बढ़ गई है, क्योंकि पूरी दुनिया एक ऐतिहासिक महामारी से जूझ रही है.
हर साल इस दिवस के लिए एक थीम तय किया जाता है. इसे सेलिब्रेट करने के लिए स्लोगन दिया जाता है. इस साल यानी 2021 में कुछ हट कर स्लोगन दिया गया है कि सभी को एक स्वस्थ्य सुंदर दुनिया दी जाए.
कितना प्रैक्टिकल है इसे नारे को साकार कर पाना?
यह नारा कहने में जितना सरल लगता है उसे हमारे देश भारत में अमल में लाना उतना ही कठिन है. यूनाइटेड किंगडम में स्वास्थ्य बजट उनके रक्षा बजट से लगभग तिगुना है. हमारे देश में आज भी ग़रीबी, भुखमरी, कन्याभ्रूण हत्या, लिंग भेद जैसी कुरीतियां अपना जाल फैलाए हुए हैं. साथ ही हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान, चीन और अब यहां तक की नेपाल भी अब दुश्मन बन बैठा है, इसलिए रक्षा बजट और स्वास्थ्य बजट की तुलना अप्रासंगिक ही होगा. हमारे देश में सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवाओं की क्या दशा है, यह बात किसी से छुपी हुई है क्या? विभिन्न सरकारें अनेकों योजनाएं लाती हैं, पर शिक्षा की तरह ही स्वास्थ्य बजट लगातार कम होता जा रहा है. साफ़ पानी, साफ़ वातावरण, सही शिक्षा हर नागरिक का जन्म सिद्ध अधिकार है. यह हमारे अधिकार हमें कितने मिल रहे हैं, उसपर हम कभी और चर्चा करेंगे. पर मैं आज अधिकार से अधिक कर्तव्य की बात करना चाहती हूं. सरकारों को जो करना है, वे अपनी गति से करती रहेंगी, पर हमें अपने स्वास्थ्य का ध्यान ख़ुद रखना है. हम स्वस्थ रहें और हमारा परिवार भी, यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य भी है. तो सरकार करे ना करे हमें इन पांच बातों का ध्यान रखकर ख़ुद स्वस्थ बनाए रखना है.
1. खानपान संतुलित रखें
अच्छे स्वास्थ्य का आधार संतुलित भोजन है. दिन में तीन बार संतुलित मील हमारी ज़रूरत है. हमारी कोशिश रहनी चाहिए कि हम पीज़ा बर्गर से परहेज़ करें और घर पर बना दाल-चावल सब्ज़ी खाएं और साथ में फल और सलाद भी भरपूर खाएं. आधी बीमारियां कुपोषण या ज़्यादा खाने से होती हैं. सब्ज़ियां और फल भी स्थानीय और मौसमी होने चाहिए.
2. भरपूर नींद लें
अच्छी नींद हमारे शरीर को रीचार्ज कर देती है. हमारे शरीर को अगले दिन की चुनौतियों के लिए तैयार कर देती है. स्वस्थ्य शरीर के लिए अच्छी बेहद आवश्यक है इसीलिए ज़रूरी है सही समय पर सोना और सही समय पर उठना.
3. मानसिक तनाव से बचें
स्वस्थ शरीर के लिए उसको चलानेवाले मस्तिष्क का स्वस्थ होना बहुत ज़रूरी है. मस्तिष्क तभी स्वस्थ होगा, जब आप मानसिक तनाव से बचे रहेंगे. मानसिक तनाव से बचाए रखने यानी मानसिक संतुलन को बनाए रखने में ऊपर बताई गई दो बातें यानी अच्छा संतुलित भोजन और अच्छी नींद की महत्वपूर्ण भूमिका होती है.
4. नियमित व्यायाम करें
व्यायाम भी स्वस्थ्य रहने के लिए बहुत ही आवश्यक है. अमेरिकन हार्ट असोसिएशन की गाइड लाइन के अनुसार हफ़्ते में 150 मिनट का व्यायाम करना अत्यंत आवश्यक है. अगर हफ़्ते में तीन दिन एक-एक घंटे का वर्क आउट किया जाए तो हमारी ज़रूरतें पूरी हो जाती हैं.
5. बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य का ख़ास ख़्याल रखें
आज के बच्चे कल के नागरिक हैं इसलिए बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास देश की प्रगति में बहुत मायने रखता है जिसके लिए स्त्रियों की साक्षरता और स्वास्थ्य अत्यंत महत्वपूर्ण है. स्त्रियों में होने वाली बीमारियां, ख़ासकर कैंसर को सही समय पर पहचानना, उसकी सही जानकारी उन्हें देना. चाहे हो स्तन का कैन्सर हो या सरविक्स का, सही समय पर उनकी पहचान और ट्रीटमेंट प्राण घातक नहीं होता है.