कहने को तो रिश्तों के नाम वही हैं-प्रेमी-प्रेमिका, मंगेतर, पति-पत्नी… लेकिन इन रिश्तों में पड़ने और उन्हें निभाने का तरीक़ा डेटिंग ऐप्स के आने के बाद थोड़ा बदल गया है. रिश्तों में थोड़ा खुलापन आ गया है, थोड़ी रोचकता आ गई है. लेकिन आपको यह भी मालूम होना चाहिए कि डेटिंग ऐप्स पर चीटिंग और भावनात्मक शोषण भी होता है. यहां हम आपको इसी भावनात्मक शोषण के बारे में बता रहे हैं.
हम आप भले ही न मानें, लेकिन आज के युवाओं के जीवन में डेटिंग ऐप यूं आ जुड़े हैं, जैसे उनके रूटीन का एक हिस्सा हों. हम ये तो नहीं कहेंगे कि डेटिंग ऐप्स के ज़रिए प्रेम या साथी तलाशना ही आपके लिए सबसे सही विकल्प है, लेकिन इस बात से इनकार भी नहीं करेंगे कि इन ऐप्स के ज़रिए आपको अपना मनपसंद साथी/प्रेमी तलाशने में आसानी होती है.
टिन्डर, बम्बल जैसे ऐप्स पर आप अपना अकाउंट लगभग तुरंत ही बना कर साथी की तलाश शुरू कर सकते/सकती हैं. आप कई लोगों से चैट करने के बाद अपना पूरा समय ले कर यह तय कर सकते हैं कि आप किससे मिलना चाहते हैं, किससे नहीं. इन ऐप्स पर आपको दुनिया के हर देश के युवाओं से बात करने का मौक़ा मिलता है और ये पसंदीदा साथी की तलाश को आसान बना देते हैं. बावजूद इसके यहां ऐसे लोगों की कमी नहीं है, जो इस प्लैटफ़ॉर्म का इस्तेमाल कर फ़र्जीबाड़ा करते हैं. आपको अप्रोच करने के बाद तरह-तरह के टैन्ट्रम्स करते हैं.
अत: बहुत ज़रूरी है कि आप डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करने के साथ-साथ इससे जुड़े भावनात्मक शोषण और इनसे संबंधित टर्म्स के बारे में भी जानकारी जुटाते रहें. यहां हम आपको तीन ऐसे टर्म्स के बारे में बता रहे हैं, जिनका इस्तेमाल डेटिंग ऐप्स पर अक्सर होता है. ये ऐसे टर्म्स हैं, जो इन ऐप्स पर आपका भावनात्मक शोषण करने या फिर रिश्ते तोड़ने के लिए अपनाए जाते हैं. और यदि आपको इनके बारे में मालूमात होंगे तो आप छोटे-छोटे संकेतों से ही यह समझ सकेंगे/सकेंगी कि इस रिश्ते में आगे बढ़ने से कुछ भी हासिल नहीं होने वाला. इस तरह इनके बारे में जानन आपकी मदद करेगा. तो आइए, इन्हें जानें…
घोस्टिंग: इस टर्म का सीधा मतलब ये है कि किसी रोमैंटिक रिश्ते का इस तरह अंत करना कि अपने पूर्व प्रेमी/प्रेमिका से हर तरह का संपर्क समाप्त कर देना और आप तक पहुंचने के उनके सारे प्रयासों को इग्नोर कर देना. यह डेटिंग ऐप्स पर किसी के साथ ब्रेकअप करने का तरीक़ा है, जो बिल्कुल अच्छा नहीं है, लेकिन इन ऐप्स पर ऐसा होता है. यह इतनी रूखे ढंग से किया जाता है कि उस व्यक्ति को इस बात का कारण बताने की ज़रूरत भी नहीं समझी जाती कि आख़िर ये ब्रेकअप हुआ क्यों?
गैसलाइटिंग: गैसलाइटिंग एक तरह से भावनात्मक शोषण या इमोशल ऐब्यूज़ है. जहां आपके मनोभावों से खेल कर आपको सामने वाला डेटिंग पार्टनर इतना कन्फ़्यूज़ कर देता/देती है कि आप अपनी सोच, समझ, याद्दाश्त या निर्णय पर ही संदेह करने लगते हैं. इस तकनीक का इस्तेमाल अक्सर पार्टनर्स या डेटिंग पाटर्नर्स अपने साथी को नियंत्रण में रखने या उन्हें दबा कर रखने के लिए करते हैं. यह भावनात्मक शोषण का ऐसा रूप है, जिसमें आपको पता ही नहीं चल पाता कि कैसे आपके डेटिंग पार्टनर ने आपको अपने ही संदेह के घेरे में लाकर मानसिक आघात पहुंचाया है और आपके आत्मविश्वास को चूर-चूर कर दिया है.
ब्रेडक्रमिंग: यह एक ऐसा तरीक़ा है, जहां डेटिंग पार्टनर आपको रोमैंटिक और फ़्लर्ट करने वाले मैसेज भेजता है, ऐसी बातचीत करता है, लेकिन वह सामाजिक रूप से आपसे जुड़ने में किसी भी तरह का कमिटमेंट नहीं करता. यहां उस पार्टनर का उद्देश केवल ये होता है कि बिना किसी प्रतिबद्धता के वो आपके साथ रोमैंटिक रिश्ता रखे. वह आपसे ऑनलाइन और रोमैंटिक फ़ोरम्स पर तो आपसे बात करता रहे और आपको जताए कि वह आपमें दिलचस्पी ले रहा है, लेकिन जैसे ही आप उनके साथ जुड़ने की कोशिश करें, वह आप में रुचि लेना कम कर दे या आपको इग्नोर करे.
इन तीनों टर्म्स के बारे में आपको बताने का हमारा उद्देश्य यही है कि यदि कभी आपके साथ किसी डेटिंग ऐप पर या फिर वास्तविक जीवन में ऐसा कुछ हो तो आप यह समझ सकें कि सामने वाला व्यक्ति आपका भावनात्मक शोषण कर रहा है. यह समझने पर आप ख़ुद ही उस रिश्ते से किनारा कर लेंगे और बेवजह आपका दिल भी नहीं टूटेगा.
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