बूढ़ा होता अख़बारवाला और घटती छोटी बचत: अरुण चन्द्र रॉय की कविता
अपने आसपास की रूटी न घटनाओं और लोगों को संवेदनशीलता की नज़र से एक कवि ही देख सकता है. बूढ़ापे...
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अपने आसपास की रूटी न घटनाओं और लोगों को संवेदनशीलता की नज़र से एक कवि ही देख सकता है. बूढ़ापे...
क्या आपको भी लगता है कि ज़िंदगी में कोई मज़ा नहीं है, रस नहीं है? तो फिर आपको जाने-माने गांधीवादी...
नीट की परीक्षा, हमारे समूचे शिक्षण तंत्र की, हमारे समाज की और कुल-मिलाकर हमारे देश की बहुत बड़ी परीक्षा ले...
जब से इंटरनेट आया है, परिवहन के साधन उन्नत हुए हैं, पूरा विश्व जैसे एक ग्लोबल गांव में तब्दील हो...
मनुष्य द्वारा स्वयं को इस दुनिया का नियंता समझने की ग़लतफ़हमी को दूर करती यह कविता बताती है कि इस...
एक ख़ूबसूरत लड़की के पीछे लट्टू हो रहे एक शादीशुदा पुरुष की अजीबोग़रीब मनोस्थिति की मज़ेदार कहानी है ‘आठवां आश्चर्य’....
देसी अंदाज़ में दुनिया की बात करनेवाले कवि रमाशंकर यादव ‘विद्रोही’ की कविता दुनिया मेरी भैंस कुछ स्वार्थी लोगों द्वारा...
रामधारी सिंह दिनकर का महाकाव्य रश्मिरथी महाभारत का काव्यांतरण है कुंती के जेष्ठ पुत्र यानी कर्ण के नज़रिए से लिखे इस महाकाव्य...
परिवार कहने को तो दुनिया का सबसे प्यारा शब्द है, पर क्या क़रीब से भी यह शब्द उतना ही प्यारा...
आज भी हमारे देश में लड़कियों का पालन-पोषण इस ढंग से किया जाता है कि जीवन का तमाम हिस्सा जी...
हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.
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