हम सभी स्वस्थ और फ़िट रहना चाहते हैं. हम इसके लिए योग और एक्सरसाइज़ को अपने जीवन में ख़ासा महत्व भी देते हैं. और बहुत संभव है कि आपके योगासनों में भुजंगासान या कोबरा पोज़ शामिल भी हो. हो सकता है कि आपको भुजंगासन के फ़ायदे मिल भी रहे हो, लेकिन इस बात की गुंजाइश ज़रूर है कि आपको वे फ़ायदे हैं क्या, इस बारे में मालूमात न हों. यहां हम इसी अंतराल को पाटने जा रहे हैं.
योगासन हमें फ़िट रखते हैं, यह मानी हुई बात है. यही वजह है कि ये आपकी दिनचर्या का हिस्सा भी होते हैं, पर उनसे हमें क्या-क्या फ़ायदे होते हैं, इस बारे में हमें कम ही जानकारी होती है. हम कोशिश कर रहे हैं कि आपको इस बात की जानकारी देते रहें, ताकि योगासन करते समय आपको यह बात भी पता हो कि किसी योगासन को करने से आपको क्या फ़ायदे होंगे. आज हम आपको भुजंगासन से होने वाले लाभ के बारे में बताएंगे.
जैसा कि नाम ही कहता है-भुजंगासन यानी भुजंग (सांप) + आसन (मुद्रा). ऐसा योगासन, जो सांप के फन उठाने से प्रेरित है. इसे कोबरा पॉस्चर के नाम से भी जाना जाता है. यदि आप सूर्य नमस्कार करते हैं तो उसकी सातवें नंबर की मुद्रा भुजंगासन ही होती है. भुजंगासन करने से आपको कई फ़ायदे होते हैं, जिन्हें हम सूचीबद्ध रूप में नीचे बता रहे हैं.
पेट को रखता है सेहतमंद: यह आसन पेट की चर्बी को कम करने और पेट को टोन करने में सहायक होता है. भुजंगासन करने से पेट में मौजूद गैस्ट्रोइन्टस्टाइनल फ़्लूइड स्टिमुलेट होता है, जो बेहतर पाचन के लिए कारगर होता है. जब खाना अच्छी तरह पचेगा तो ज़ाहिर है कि आपका पेट ठीक रहेगा और आधे से अधिक बीमारियां यूं भी आपसे दूर रहेंगी.
लचीलापन बढ़ाता है: उम्र बढ़ने के साथ-साथ शरीर का लचीलापन कम होता जाता है और शरीर कठोर यानी स्टिफ़ होता जाता है. जिसकी वजह से झुकने या उठने-बैठने में कई लोगों को समस्या होने लगती है. शरीर को लचीला बनाए रखने में भुजंगासन बहुत कारगर होता है. जब शरीर का लचीलापन बना रहता है तो शारीरिक संतुलन भी बना रहता है.
कमर के निचले हिस्से के दर्द से राहत देता है: कुर्सी पर बैठे-बैठे काम करने से कई बार कमर के निचले हिस्से में दर्द यानी लोअर बैक पेन होने लगता है. भुजंगासन करने से इस दर्द में आराम मिलता है. भुजंगासन गर्दन के दर्द में भी राहत देता है.
कंधे, रीढ़ और बाज़ुओं को करता है रिलैक्स: हम सभी की दिनचर्या भले ही कितनी व्यस्त क्यों न हो, लेकिन फिर भी अधिकतर काम बैठे-बैठे कम्प्यूटर के सामने ही करने होते हैं. एक ही पॉस्चर में लंबे समय तक बैठे रहने से हमारे कंधों, बाज़ुओं और रीढ़ की हड्डी पर तनाव बढ़ता है और शरीर अकड़ा हुआ महसूस होता है. भुजंगासन करने से कंधे, रीढ़ और बाज़ुओं की अकड़न में आराम पहुंचता है.
वज़न कम करने में सहायक: पेट की चर्बी को कम करने वाला भुजंगासन आपके बढ़ते वज़न पर लगाम लगाने में भी कारगर है. यही नहीं, यह आपके दिमाग़ को शांत करने, मन को एकाग्र करने और शारीरिक थकान को कम करने में भी कारगर है.
कैसे करें: भुजंगासन करने का तरीक़ा यह है कि आप एक मैट पर पेट के बल लेटें. पैरों को सीधा रखें और हथेलियों को सीने के पास कंधों की सीध में ले आएं. गहरी सांस लेते हुए अपने शरीर के ऊपरी हिस्से (कमर तक के हिस्से को) को ऊपर की ओर ले जाएं. सिर को जितना संभव हो ऊपर की ओर उठाएं. आधा मिनट तक इस स्थिति में बने रहें. अब सांस छोड़ते हुए नीचे की ओर आ जाएं.
आप अपनी क्षमता के अनुसार इस प्रक्रिया को पांच से दस बार तक दोहरा सकते/सकती हैं. धीरे-धीरे इसकी संख्या बढ़ाई जा सकती है.
सावधानियां: सबसे पहली सावधानी तो यह है कि आप कोई भी आसन किसी एक्स्पर्ट की देखरेख में ही शुरू करें. जब वह एक्स्पर्ट आपको इस बात की इजाज़त दे कि अब आप ख़ुद ये आसन कर सकते हैं, तभी वह आसन ख़ुद करना शुरू करें. इसके अलावा यदि कोई महिला गर्भवती है या फिर आपको हर्निया, अल्सर आदि की शिकायत है, अपर बैक पेन की समस्या है या फिर आपकी किसी तरह की सर्जरी हुई है तो किसी भी तरह का आसान करने से पहले अपने डॉक्टर या योग एक्स्पर्ट की सलाह लें. यदि आपको यह आसन करने से किसी तरह की तकलीफ़ हो रही हो तो इसे बिल्कुल न करें.
फ़ोटो : फ्रीपिक