पहिए के आविष्कार ने इंसान की ज़िंदगी को गति दे दी. इन्हीं पहियों पर दौड़ते हुए इंसान ने हवा में भी उड़ान भरना सीखा. पहिए से मिले रफ़्तार ने इंसान ज़िंदगी बदल दी, पर कई बार यही रफ़्तार उसकी ज़िंदगी भी ले लेती है. वाहन चलाते समय की जानेवाली छोटी-छोटी ग़लतियां हर साल लाखों लोगों की मौत का कारण बनती हैं. आज हम उन छोटी-छोटी ग़लतियों की बात करने जा रहे हैं, जो जानलेवा साबित होती हैं.
ग़लती #1 बिना पर्याप्त आराम किए ड्राइव करना
हरियाणा में हुए उस सड़क हादसे को ज़्यादा दिन नहीं हुए हैं, जब ड्राइवर की कुछ पलों की झपकी ने छह लोगों की जान ले ली थी. ड्राइविंग एक ज़िम्मेदारी भरा काम है और किसी भी ज़िम्मेदारी को हम ठीक से तभी निभा सकते हैं, जब हम होशोहवाश में हों. हमारा मस्तिष्क पूरी तरह से जागृत अवस्था में हो. कई बार लोग थकान को नज़रअंदाज़ करके ड्राइविंग करने लगते हैं, नतीजतन हम इस तरह की दुखद घटनाओं के बारे में सुनते हैं. ड्राइवर भी इंसान है, उसे भी आराम की ज़रूरत होती है. तो कभी भी ड्राइवर को फ़ोर्स न करें. अगर कभी वह ख़ुद को ड्रायविंग के लिए तैयार बताए और आपको लगे कि उसकी नींद पूरी नहीं हुई है तो उसे मना ही कर दें. गाड़ी चलाते समय दिमाग़ फ्रेश होना चाहिए. अगर आपको किसी चीज़ का तनाव हो, आप ग़ुस्से में हों, मूड ठीक न हो तो गाड़ी ना ही चलाएं तो बेहतर होगा. आपके लिए भी और सड़क पर चल रहे दूसरे लोगों के लिए भी.
ग़लती #2 नशे की हालत में ड्राइव करना
चर्चित वेब सिरीज़ पंचायत के दूसरे सीज़न के एक एपिसोड में गांव में नशामुक्ति के प्रचार हेतु आई गाड़ी का ड्राइवर ख़ुद ही नशे में धुत होकर गाड़ी चला रहा था. उसका कहना था कि वह नींद में भी गाड़ी चला सकता है. पर अंत में होता क्या है, वह दुर्घटना कर बैठता है. अक्सर अच्छे ड्राइवर एक वक़्त के बाद इतने ज़्यादा ओवर कॉन्फ़िडेंट हो जाते हैं कि उन्हें लगता है कि वे किसी भी स्थिति में गाड़ी चला लेंगे. इस तरह की मानसिकता ऐक्सिडेंट का कारण बनती है.
ग़लती #3 अनफ़िट गाड़ी चलाना
आमतौर पर यह देखा जाता है कि जो लोग रोड पर लापरवाह ड्राइविंग करते हैं, वे अपनी गाड़ी की देखभाल को लेकर भी उतनी ही लापरवाह होते हैं. अगर आपकी गाड़ी की फ़िटनेस यानी कंडिशन ठीक नहीं है तो आपके सफ़र के सुहाना होने की संभावना कम हो जाती है. आपकी गाड़ी आपको बीच सफ़र में या कहें सड़क पर धोखा दे सकती है. ख़ासकर लॉन्ग ड्राइव पर जाते समय सबसे पहले बोनट खोलकर फ़्लूइड लेवल चेक कर लें. गाड़ी के लाइट्स, वाइपर्स और टायर्स की स्थिति का आकलन भी बहुत ज़रूरी है. उसी तरह क्लच और ब्रेक्स की कंडिशन भी अच्छी होनी चाहिए, क्योंकि ब्रेक्स ही तो हैं जो आपको ज़रूरी कंट्रोल उपलब्ध कराते हैं.
ग़लती #4 गाड़ी चलाते समय फ़ोन पर बात करना या लाउड म्यूज़िक सुनना
मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाना दुर्घटना को निमंत्रण देन जैसा है. जब आप गाड़ी चला रहे हों तो आपका पूरा ध्यान ट्रैफ़िक और रोड पर होना चाहिए. मोबाइल पर बात करने से ड्राइवर का ध्यान भटक सकता है. हर साल फ़ोन पर बात करते समय या टैक्स मैसेज करते समय होनेवाली दुर्घटनाएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि मोबाइल पर बात करते समय गाड़ी चलाना ख़तरनाक साबित हो सकता है. वैसे तो आपको ड्राइव करते समय मोबाइल का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए, पर फिर भी ज़रूरी हो तो हैंडफ्री डिवाइसेस यूज़ करें.
गाड़ी में हल्का और सूदिंग म्यूज़िक प्ले हो रहा हो तो बेहद सुकूनदायक लगता है, पर लाउड म्यूज़िक न केवल आपका मूड ख़राब कर सकता है, बल्कि आपको डिस्ट्रैक्ट भी कर सकता है.
ग़लती #5 तेज़ रफ़्तार से गाड़ी चलाना
कई लोगों को लगता है कि जब वे सड़क पर हों तो सबसे आगे वही हों. इस चक्कर में वे ख़तरनाक तरीक़े से ओवरटेक करते हुए आगे बढ़ते हैं. देखिए आप किसी से जीतने हारने के लिए सड़क पर गाड़ी लेकर नहीं उतरे हैं. जैसे सड़क पर गाड़ी चला रहे दूसरे लोगों को कहीं न कहीं जाना है, आपको भी कहीं जाना ही होगा. पर हमें नहीं लगता कि आपको अस्पताल जाना होगा. वैसे तेज़ रफ़्तार ड्राइविंग की सबसे बुरी बात यह है कि इससे अमूमन वे लोग अस्पताल नहीं पहुंचते जो ख़राब ड्राइविंग कर रहे होते हैं, बल्कि कई बार ऐसे लोग दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं, जो ट्रैफ़िक के नियमों का पालन करते हुए ड्राइविंग कर रहे होते हैं. आपको स्पीड के नियमों का अनिवार्य तौर पर पालन करना सीखना होगा. जैसे-शहर में स्पीड 40 से अधिक न हो, स्कूल, हॉस्पिटल के मोड़ पर स्पीड कम कर लें. स्पीड ब्रेकर का भी सम्मान करें, भले ही शहर में जगह-जगह स्पीड ब्रेकर क्यों न बने हों.
सड़क पर सुरक्षा देंगी, ये छोटी-छोटी सावधानियां
* रोड के बाएं तरफ़ से चलें, ताकि अगर कोई वाहन चालक आपको ओवरटेक करना चाह रहा हो तो दाएं तरफ़ से आगे बढ़ जाए. जब कोई वाहन आपको ओवरटेक कर रहा हो तो आप अपनी स्पीड न बढ़ाएं.
* इंडिकेटर्स का इस्तेमाल करने में आलस न करें, क्योंकि इससे आपके पीछे आ रहे वाहनों को पता चलता है कि आप किस दिशा में मुड़ना चाह रहे हैं. अगर आपकी गाड़ी के इंडिकेटर्स ख़राब हो गए हों तो आप गाड़ी को दाएं या बाएं ओर मोड़ने से पहले हाथों से इशारा ज़रूर करें.
* एम्बुलेंस और फ़ायरब्रिगेड जैसे आपातकालीन वाहनों को रास्ता देना भी एक अच्छे ड्राइवर की ज़िम्मेदारी होती है.
* ट्रैफ़िक लाइट्स और सिगनल्स की अनदेखी न करें. सिग्नल जम्प करने में कोई बहादुरी और समझदारी की बात नहीं है. गाड़ी को स्टॉप लाइन्स के पहले रुकाएं. अगर सड़क पर स्टॉप लाइन्स न बनी हों तो ज़ेब्रा क्रॉसिंग के पहले ही गाड़ी रोक लें.
* अपने से आगेवाले वाहन से सुरक्षित दूरी बनाकर चलाएं, ताकि अगर आगेवाली गाड़ी अचानक ब्रेक लगाए तो आपके पास रुकने के लिए पर्याप्त समय हो.
* कार के विंड शील्ड पर स्टिकर न लगवाएं, इससे पीछे का व्यू ब्लॉक हो सकता है.
* गाड़ी में जितने लोगों की जगह से उससे ज़्यादा लोगों को न बिठाएं, ऐसा करना न केवल ग़ैरक़ानूनी है, बल्कि ख़तरनाक भी है. ऐसा करना यानी दुर्घटना को निमंत्रण देना है. ओवरलोडेड गाड़ी को कंट्रोल करना मुश्क़िल होता है.
* अगर आप चार पहिया वाहन चला रहे हैं तो सीट बेल्ट बांधने में लापरवाही न बरतें. वहीं दो पहिया वाहन चालकों को यही सावधानी हेल्मेट को लेकर बरतनी चाहिए. पीछे बैठे व्यक्ति का भी हेल्मेट पहने रहना ज़रूरी है. हेल्मेट अच्छी क्वॉलिटी का हो, महज़ ट्रैफ़िक पुलिस के चालान से बचने के लिए कामचलाऊ हेल्मेट न लें, बल्कि आईएसआई प्रमाणित हेल्मेट का इस्तेमाल करें.
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