एक कहानी संग्रह में जितने विविध विषयों की कहानियां हों, वह उतना ही पठनीय बन जाता है, बिल्कुल किसी कई रंग के फूलों वाले सुंदर गुलदस्ते की तरह. लेखिका इरा टाक का कहानी संग्रह कुछ पन्ने इश्क़ भी इसी श्रेणी में रखा जा सकता है.
पुस्तक: कुछ पन्ने इश्क़
विधा: कहानी संग्रह
लेखिका: इरा टाक
प्रकाशक: हिंद पॉकेट बुक्स
मूल्य: रु 250/-
उपलब्ध: ऐमाज़ॉन
कहानी संग्रह कुछ पन्ने इश्क़ में कुल 11 कहानियां हैं. इन कहानियों में ज़िंदगी के कई अलग-अलग रंग मौजूद हैं. इन कहानियों की भाषा आम बोलचाल की भाषा है, जो पाठक को इन कहानियों से सहज ही जोड़ लेती है. मैंने इस कहानी संग्रह को अपनी व्यस्तताओं के चलते तीन अलग-अलग सिटिंग्स में लगभग तीन घंटे की अवधि में पढ़ा, लेकिन मेरा सुझाव है कि इस संग्रह की कहानियों को एक-एक कर कुछ समय के अंतराल पर पढ़ा जाना चाहिए, ताकि हर कहानी के भाव भीतर जज़्ब हो सकें.
यहां ख़ासतौर पर उस कहानी का ज़िक्र किया जाना ज़रूरी है, जिसके नाम पर इस कहानी संग्रह का नाम रखा गया है. ‘कुछ पन्ने इश्क़’ यह इश्क़ को आज के नज़रिए से देखती हुई कहानी है, जो डायरी के कुछ पन्नों के माध्यम से इश्क़ की एक पूरी की पूरी उतार-चढ़ाव से भरी कहानी को बयां करती है. यह कहानी आपको सोचने का एक नया नज़रिया देती है, इश्क़ के युवा और नए अंदाज़ से रूबरू कराती है. इस कहानी को पढ़ने के बाद आपको प्यार के बारे में हमेशा से उठाए जा रहे इस सवाल कि क्या प्यार जीवन में केवल एक ही बार होता है, का आज की पीढ़ी का बड़ा सीधा और सरल जवाब मिल जाता है. यह कहानी जहां, इश्क़ को लेकर आज का नज़रिया बताती है, वहीं इश्क़ को लेकर आपके मन में पैठी सोच को झकझोरती है और आपके मन में इश्क़ से जुड़ी बातों का वाद-विवाद शुरू कर देती है. यही इस कहानी की सफलता है.
इस संग्रह की पांच कहानियों को आप इश्क़ से जुड़ी कहानियों की श्रेणी में रख सकते हैं, जबकि बची हुई छह कहानियां सामाजिक और हॉरर कहानियों की श्रेणी में आती हैं… और ये सभी कहानियां दिलचस्प हैं. अब कौन-सी कहानी किस श्रेणी में आती है, यह बता कर मैं इस कहानी संग्रह को पढ़ने के आपके रोमांच को ख़त्म नहीं करूंगी, लेकिन इस टिप्पणी के साथ अपनी बात समाप्त करूंगी कि यदि आप आज की पीढ़ी की कहानियां पढ़ना चाहते हैं तो आपको हिंद पॉकेट बुक्स, पेंगुइन रैंडम हाउस से आए लेखिका इरा टाक के इस ताज़ा-तरीन कहानी संग्रह को पढ़ने से नहीं चूकना चाहिए.