‘एक अनार, सौ बीमार’ वाली कहावत आपने ज़रूर सुनी होगी. लेखक-चिकित्सक डॉ अबरार मुल्तानी की मानें तो अनार सैकड़ों बीमारियों का घरेलू उपचार है.
अनार: एक ख़ूबसूरत फल भी और दवाई भी
अनार के पेड़ का हर एक भाग औषधि के काम आता है. अनार पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है. पक्का और मीठा अनार आयुर्वेद के अनुसार सभी दोषों का नाश करता है. यह बलवर्धक है और स्मरण शक्ति को बढ़ाता है, हृदय के लिए यह अमृत समान होता है. मैं इसके कुछ औषधीय उपयोग आपको यहां बता रहा हूं.
● अनार के फल के छिलके शरीर से होने वाले रक्तस्त्राव को रोकते हैं इसलिए यह रक्तस्त्राव वाली समस्याओं जैसे कि ब्लीडिंग पाइल्स, महावारी में अधिक रक्त आना, ब्लीडिंग गम्स, नकसीर और डेंगू जैसे रोगों में चूर्ण या काढ़े के रूप में दिया जाता है.
● जिन लोगों को बहुत ज़्यादा बोलने का काम होता है जैसे कोई वक्ता, गायक या नेता तो उन्हें अपना स्वर सुधारने के लिए अनार रोज़ खाना चाहिए.
● अनार के छिलके को सुखाकर पीसकर गुदा पर लगाने से गुदा का बाहर निकलना या प्रोलेप्स ऑफ रेक्टम में फायदा होता है.
● अनार के फूलों की कलियों को सुखाकर उसका चूर्ण बना लें, यह चूर्ण खांसी के लिए बहुत फ़ायदेमंद है.
● इसकी कलियों के चूर्ण से मसूड़ों पर मसाज करने से उनसे ख़ून आना बंद हो जाता है.
● कलियों के रस को नाक में टपकाने से नकसीर में आराम मिलता है.
● अनार के फल को आग में भूनकर उसके रस को निकालकर उसमें अदरक का रस या थोड़ी सी सोंठ मिलाकर सोते समय लेने से नज़ला-सर्दी-ज़ुकाम खासकर एलर्जिक साइनोसाइटिस और राइनाइटिस में बहुत फ़ायदा होता है.
● अनार के पत्तों का चूर्ण आधा से एक चम्मच तक सुबह-शाम पानी से लेने से चर्म रोगों में बहुत लाभ होता है, दिल की धड़कन जो अनियंत्रित हो जाती हैं उसमें भी बहुत लाभ होता है.
● मल में ख़ून आने पर, अनार के फल के छिलके का काढ़ा बना लें, इसे पीने से मल में ख़ून आना बंद हो जाता है.
● पपीता के पत्तों और अनार के पत्तों के रस को मिलाकर लेने से प्लेटलेट काउंट बढ़ता है. इसलिए इन दोनों के रस को या इसमें गिलोय का रस भी मिलाकर लेने से डेंगू के रोगियों को बहुत आराम मिलता है.
डॉ अबरार मुल्तानी
सिरीज़: किचन में क्लीनिक
*पाठकों से औषधीय उपयोग से पूर्व चिकित्सकीय परामर्श अपेक्षित है.