मिचली आने यानी उल्टी करने जैसा महसूस होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन एक बार आपका जी मिचलाने लगे तो आपका पूरा दिन ख़राब हो जाता है. यह एक बहुत बुरा एहसास है, जिसके साथ रूटीन के काम निपटाना भी संभव नहीं लगता है. लेकिन कई घरेलू नुस्ख़े इस समस्या से निजात दिलाने में कारगर है. यहां हम उन्हीं के बारे में जानेंगे.
जी मिचलाना या उल्टी होने के एहसास के पीछे कई वजहें हो सकती हैं, जैसे- अपच, मोशन सिकनेस, सी सिकनेस, मॉर्निंग सिकनेस, हैंगओवर वगैरह. कई बार माइग्रेन के दर्द या सिर पर चोट लगने के कारण भी जी मिचलाता है. दूषित भोजन या पानी की वजह से भी जी मिचलाने की समस्या हो सकती है. आयुर्वेद के मुताबिक़ हमारे भीतर मौजूद दोष: वात, पित्त और कफ़ के असंतुलन से मिचली आती है. इस समस्या से कुछ घरेलू नुस्ख़ों की मदद से निजात पाई जा सकती है. यहां हम आपको ऐसे ही कुछ घरेलू नुस्ख़ों के बारे में बता रहे हैं.
अदरक: अदरक एक जादुई औषधि है, जो कई तरह से दवा का काम करती है. पेट में पहुंचने पर यह ऐसिडिटी को न्यूट्रलाइज़ करने का काम करती है. अदरक खाने से पाचन शक्ति में इज़ाफ़ा होता है अत: यदि अपच या ऐसिडिट के कारण जी मिचला रहा हो तो अदरक खाने से आपको आराम मिलेगा. यदि आपका जी मिचला रहा हो तो आप अदरक को कद्दूकस कर के या फिर इसके पतले स्लाइस काट कर उसे मुंह में रख लें और धीरे-धीरे उसके रस को निगलते रहें. या फिर पानी में अदरक का रस और नींबू का रस मिलाकर धीरे-धीरे सिप करते रहें.
पुदीना: पुदीने के ख़ुशबू और इसके क्षारीय गुण मिचली आने पर प्रभावकारी होते हैं. यदि मोशन सिकनेस की वजह से जी मिचला रहा हो तो पुदीने का तेल यानी मिंट ऑइल सूंघने से भी राहत मिलती है. पुदीने को वात, पित्त और कफ़ को संतुलित करने और पाचन तंत्र को आराम देने के लिए भी जाना जाता है. यदि आपका जी मिचला रहा हो तो एक ग्लास पानी में कुछ पुदीने बारीक़ कटे पत्ते डालें, आधा चम्मच नींबू का रस मिलाएं और एक चम्मच शहद डाल कर अच्छी तरह मिलाएं. इसे घूंट-घूंट कर के पीते रहें. आपको आराम मिलेगा.
आंवला: आंवले में बहुत अधिक मात्रा में विटामिन सी होता है, जो शरीर में पोषक तत्वों की मात्रा को अवशोषित करने के गुण को बढ़ाता है. आंवले में फ़ाइबर की मात्रा भी अधिक होती है और यह पाचन के लिए भी बेहतरीन माना जाता है. मॉर्निंग सिकनेस की वजह से मिचली आने पर आंवले का सेवन बहुत ही कारगर होता है. आप चाहें तो सुबह उठ कर आधा ग्लास पानी में एक चम्मच आंवले कर रस मिला कर सेवन कर सकते हैं, आंवले का मुरब्बा या फिर आंवला कैंडी खा सकते हैं. बाज़ार में आंवले का पाउडर भी मिलता है, जिसे यात्रा करते समय आप साथ रख सकते हैं, ताकि मोशन सिकनेस के दौरान जी मिचलाने पर इसका इस्तेमाल कर सकें.
नींबू और संतरा: यात्रा के दौरान आप नींबू या संतरा साथ लेकर चल सकते हैं. इनकी तरोताज़ा करने वाली ख़ुशबू और इनमें मौजूद विटामिन सी मिचली आने की समस्या से राहत देते हैं. नींबू और संतरे जैसे फलों में साइट्रिक ऐसिड होता है, जो उल्टी आने और जी मिचलाने की समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायक होता है. यही वजह है कि कुछ लोग यात्रा के दौरान अपने साथ नींबू, संतरे और आम आदि की कैंडी लेकर चलते हैं. हैंगओवर की वजह से होने वाली मिचली में नींबू का उपयोग कारगर होता है. एक ग्लास पानी में आधे नींबू का रस निचोड़ का धीरे-धीरे सिप करते रहें.
सौंफ और इलायची: सौंफ और इलायची में भी पाचन को दुरुस्त करने के गुण होते हैं, तभी तो भारतीय परंपरा में इन्हें खाना खाने के बाद बतौर मुखवास इस्तेमाल किया जाता है, ताकि मुंह से अच्छी ख़ुशबू आए और खाना बेहतर ढंग से पचे. इनकी ख़ुशबू भी मिचली आने की समस्या को दूर करती है. सौंफ और इलायची को भी यात्रा के दौरान साथ रखा जा सकता है और मोशन या सी सिकनेस के समय तुरंत उपयोग में लाया जा सकता है.
फ़ोटो: फ्रीपिक