• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home बुक क्लब कविताएं

नहुष का पतन: मैथिलीशरण गुप्त की कविता

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
October 6, 2023
in कविताएं, ज़रूर पढ़ें, बुक क्लब
A A
King-Nahush
Share on FacebookShare on Twitter

प्रसिद्ध चंद्रवंशी राजा पुरुरवा का पौत्र तथा प्रतापी राजा नहुष पहला और एकमात्र मनुष्य हुआ जिसने देवलोक पर शासन किया. मैथिलीशरण गुप्त की कविता ‘नहुष का पतन’ बताती है कैसे स्वर्ग का अधिपति नहुष पतित होकर दोबारा भूलोक पर आ गिरा और वह भी सर्प (अजगर) योनि में. कविता पढ़ने से पहले आप राजा नहुष के स्वर्ग का राजा बनने के बारे में जान लें.

राजा नहुष की कहानी
त्वष्टा के पुत्र विश्वरूप की हत्या के कारण इन्द्र को ब्रह्महत्या का दोष लगा. इस महादोष के कारण इंद्र स्वर्ग छोड़कर किसी अज्ञात स्थान में जा छुपे. इन्द्रासन ख़ाली न रहने पाए इसलिए देवताओं ने मिलकर पृथ्वी के धर्मात्मा राजा नहुष को इन्द्र के पद पर आसीन कर दिया. स्वर्ग के राजा बने नहुष की दृष्टि एक दिन इन्द्र की साध्वी पत्नी शची पर पड़ी. शची को देखते ही वे कामान्ध हो उठे और उसे प्राप्त करने का हर सम्भव प्रयत्न करने लगे. वहीं देवताओं के गुरु बृहस्पति की मदद से इंद्र पर लगा ब्रह्महत्या का दोष चार भागों में बंट गया.
इंद्र की ब्रह्महत्या दोष का एक भाग वृक्ष को दिया गया जिसने गोंद का रूप धारण कर लिया. दूसरे भाग को नदियों को दिया गया जिसने फेन का रूप धारण कर लिया.तीसरे भाग को पृथ्वी को दिया गया जिसने पर्वतों का रूप धारण कर लिया और चौथा भाग स्त्रियों को प्राप्त हुआ जिससे वे रजस्वला होने लगीं.
इन्द्र का ब्रह्महत्या का दोष तो समाप्त हो गया, पर इन्द्रासन पर नहुष के होने के कारण उनकी पूर्ण शक्ति वापस नहीं मिल पाई. उन्होंने नहुष को मार्इ से हटाने के लिए अपनी पत्नी शची के संग योजना बनाई. उन्होंने शची से कहा कि तुम नहुष को आज रात में मिलने का संकेत दे दो, किन्तु यह कहना कि वह तुमसे मिलने के लिये सप्तर्षियों की पालकी पर बैठ कर आए.
शची के संकेत के अनुसार रात्रि में नहुष सप्तर्षियों की पालकी पर बैठ कर शची से मिलने के लिए जाने लगा. सप्तर्षियों को धीरे-धीरे चलते देख कर उसने ‘सर्प-सर्प’ (शीघ्र चलो) कह कर अगस्त्य मुनि को एक लात मारी. इस पर अगस्त्य मुनि ने क्रोधित होकर उसे शाप दे दिया, “मूर्ख! तेरा धर्म नष्ट हो और तू दस हज़ार वर्षों तक सर्पयोनि में पड़ा रहे.” ऋषि के शाप देते ही नहुष सर्प बन कर पृथ्वी पर गिर पड़ा और देवराज इन्द्र को उनका इन्द्रासन पुनः प्राप्त हो गया. वहीं हज़ारों वर्षों तक पृथ्वी पर अजगर के रूप में रहे राजा नहुष को उनके वंशज पांडवों ने श्राप से मुक्त कराया.

इन्हें भीपढ़ें

grok-reply-1

मामला गर्म है: ग्रोक और ग्रोक नज़र में औरंगज़ेब

March 24, 2025
इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024

मत्त-सा नहुष चला बैठ ऋषियान में
व्याकुल से देव चले साथ में, विमान में
पिछड़े तो वाहक विशेषता से भार की
अरोही अधीर हुआ प्रेरणा से मार की
दिखता है मुझे तो कठिन मार्ग कटना
अगर ये बढ़ना है तो कहूं मैं किसे हटना?
बस क्या यही है बस बैठ विधियां गढ़ो?
अश्व से अड़ो ना अरे, कुछ तो बढ़ो, कुछ तो बढ़ो
बार बार कन्धे फेरने को ऋषि अटके
आतुर हो राजा ने सरौष पैर पटके
क्षिप्त पद हाय! एक ऋषि को जा लगा
सातों ऋषियों में महा क्षोभानल आ जगा
भार बहे, बातें सुने, लातें भी सहे क्या हम
तु ही कह क्रूर, मौन अब भी रहें क्या हम
पैर था या सांप यह, डस गया संग ही
पामर पतित हो तू होकर भुंजग ही
राजा हतेज हुआ शाप सुनते ही कांप
मानो डस गया हो उसे जैसे पिना सांप
श्वास टूटने-सी मुख-मुद्रा हुई विकला
‘हा! ये हुआ क्या?’ यही व्यग्र वाक्य निकला
जड़-सा सचिन्त वह नीचा सर करके
पालकी का नाल डूबते का तृण धरके
शून्य-पट-चित्र धुलता हुआ सा दृष्टि से
देखा फिर उसने समक्ष शून्य दृष्टि से
दीख पड़ा उसको न जाने क्या समीप सा
चौंका एक साथ वह बुझता प्रदीप-सा
“संकट तो संकट, परन्तु यह भय क्या?
दूसरा सृजन नहीं मेरा एक लय क्या?”
संभला अद्मय मानी वह खींचकर ढीले अंग
“कुछ नहीं स्वप्न था सो हो गया भला ही भंग
कठिन कठोर सत्य तो भी शिरोधार्य है
शांत हो महर्षि मुझे, सांप अंगीकार्य है’’
दुख में भी राजा मुसकराया पूर्व दर्प से
मानते हो तुम अपने को डसा सर्प से
होते ही परन्तु पद स्पर्श भूल चूक से
मैं भी क्या डसा नहीं गया हूं दन्डशूक से
मानता हूं भूल हुई, खेद मुझे इसका
सौंपे वही कार्य, उसे धार्य हो जो जिसका
स्वर्ग से पतन, किन्तु गोत्रीणी की गोद में
और जिस जोन में जो, सो उसी में मोद में
काल गतिशील मुझे लेके नहीं बेठैगा
किन्तु उस जीवन में विष घुस पैठेगा
फिर भी खोजने का कुछ रास्ता तो उठाएंगे
विष में भी अमृत छुपा वे कृति पाएंगे
मानता हूं भुल गया नारद का कहना
दैत्यों से बचाए भोग धाम रहना
आप घुसा असुर हाय मेरे ही हृदय में
मानता हूं आप लज्जा पाप अविनय में
मानता हूं आड़ ही ली मेने स्वाधिकार की
मूल में तो प्रेरणा थी काम के विकार की
मांगता हूं आज में शची से भी खुली क्षमा
विधि से बहिर्गता में भी साधवी वह ज्यों रमा
मानता हूं और सब हार नहीं मानता
अपनी अगाति आज भी मैं जानता
आज मेरा भुकत्योजित हो गया है स्वर्ग भी
लेके दिखा दूंगा कल मैं ही अपवर्ग भी
तन जिसका हो मन और आत्मा मेरा है
चिन्ता नहीं बाहर उजेला या अंधेरा है
चलना मुझे है बस अंत तक चलना
गिरना ही मुख्य नहीं, मुख्य है संभलना
गिरना क्या उसका उठा ही नहीं जो कभी
मैं ही तो उठा था आप गिरता हूं जो अभी
फिर भी ऊठूंगा और बढ़के रहूंगा मैं
नर हूं, पुरुष हूं, चढ़ के रहूंगा मैं
चाहे जहां मेरे उठने के लिए ठौर है
किन्तु लिया भार आज मैंने कुछ और है
उठना मुझे ही नहीं बस एक मात्र रीते हाथ
मेरा देवता भी और ऊंचा उठे मेरे साथ

Illustration: Pinterest

Tags: Aaj ki KavitaHindi KavitaHindi KavitayeinHindi KavitayenHindi PoemKavitaMaithilisharan GuptMaithilisharan Gupt PoetryMaithilisharan Gupt’s poem Nahush ka PatanMaithilisharan Gupt’s Poem Nahush ka Patan SummaryNahush ka Patan by Maithilisharan Guptआज की कविताइंद्र की पत्नी कौन थीइंद्र को क्यों लगा ब्रह्महत्या का दोषकवितादेवताओं के गुरु का क्या नाम हैनहुष का पतननहुष को श्राप क्यों मिलानहुष कौन थेमैथिलीशरण गुप्तमैथिलीशरण गुप्त की कविताराजा नहुष की कहानीहिंदी कविता
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

Butterfly
ज़रूर पढ़ें

तितलियों की सुंदरता बनाए रखें, दुनिया सुंदर बनी रहेगी

October 4, 2024
त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
ktm
ख़बरें

केरल ट्रैवल मार्ट- एक अनूठा प्रदर्शन हुआ संपन्न

September 30, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.