‘बारिश का मौसम, चारों तरफ़ हरियाली और उस हरियाली में रंग उड़ाती छोटी-छोटी रंग बिरंगी तितलियां’ यह दृश्य भला किसका दिल ख़ुश नहीं कर जाएगा? आज हम तितलियों की सुंदरता के बारे में ही नहीं, प्रकृति के लिए, हम इंसानों के लिए उनकी ज़रूरत के बारे में भी चर्चा करेंगे.
हम सभी को बचपन से ही लुभाती ये छोटी-छोटी प्यारी तितलियां न केवल रंग-बिरंगे पंखों से सजी होती हैं, बल्कि वे पारिस्थितिकी तंत्र के लिए भी बेहद ज़रूरी हैं. ये छोटे-छोटे कीट अपनी सुंदरता के साथ-साथ पर्यावरण को संतुलित रखने में भी अहम भूमिका निभाती हैं. तितलियों का योगदान जैव विविधता, परागण और पारिस्थितिकी तंत्र की स्थिरता में अमूल्य है. आइए महज़ 5 पॉइंट्स में जानें कि तितलियां क्यों महत्वपूर्ण हैं और वे किस प्रकार हमारे पर्यावरण को संतुलित रखती हैं.
1. परागण में महत्वपूर्ण भूमिका
तितलियां परागण के मुख्य माध्यमों में से एक हैं. परागण वह प्रक्रिया है जिसमें फूलों के बीच पराग कणों का आदान-प्रदान होता है, और जिसके परिणाम से ही बीज और फल बनते हैं. यह प्रक्रिया फसलों, फूलों और अन्य वनस्पतियों के विकास के लिए अत्यावश्यक होती है. तितलियां जब एक फूल से दूसरे फूल पर जाती हैं, तो वे पराग कणों को ले जाती हैं और इससे फसलों और पौधों की वृद्धि में मदद मिलती है. यह न केवल वनस्पति वृद्धि के लिए बल्कि खाद्य सुरक्षा के लिए भी आवश्यक है, क्योंकि कई फसलें तितलियों की वजह से ही परागित होती हैं.
2. खाद्य शृंखला का हिस्सा
तितलियां खाद्य शृंखला का एक अहम हिस्सा होती हैं. उनके अंडे, लार्वा (कैटरपिलर), और वयस्क तितलियां पक्षियों, छोटे स्तनधारियों और अन्य कीटभक्षी जीवों के लिए प्रोटीन से भरा हुआ आसान भोजन हैं, क्योंकि अधिकतर तितलियां बहुत तेज़ी से नहीं उड़ सकतीं. यदि तितलियों की संख्या में कमी होती है, तो इसका प्रभाव पूरे पारिस्थितिकी तंत्र पर पड़ता है. इसलिए, तितलियों की प्रजातियों का संरक्षण बाक़ी जीवों की जीविका बनाए रखने में भी मदद करता है.
3. पारिस्थितिकी तंत्र की स्वास्थ्य संकेतक
तितलियां पर्यावरण के स्वास्थ्य का सूचक होती हैं. इनकी आबादी में वृद्धि या कमी सीधे तौर पर पर्यावरण में हो रहे परिवर्तनों को दर्शाती है. इसका उदहारण आप सभी अपने आस-पास देख सकते हैं, बचपन में जहां बरसात के मौसम में चारों तरफ़ तितलियों का जमावड़ा लगा रहता था, आज उन तितलियों की संख्या बहुत कम रह गई है. जिसका कारण जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण, और वनों की कटाई जैसे कारक हैं. यदि किसी क्षेत्र में तितलियों की प्रजातियों की संख्या घट रही है, तो यह संकेत हो सकता है कि उस क्षेत्र में पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो रहा है. इस प्रकार, तितलियों का संरक्षण पर्यावरणीय संतुलन को बनाए रखने के लिए आवश्यक है.
आइए कुछ उदहारणों से जानते हैं कि तितलियां हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की के स्वास्थ्य की कितनी महत्वपूर्ण संकेतक हैं:
इस उदाहरण में दिए गए तथ्य ब्रिटेन के कृषि क्षेत्र में की गई शोध से सामने आए हैं. ब्रिटेन में तितलियों की क़रीब 70 प्रजातियां पाई जाती हैं, जो केवल ब्रिटेन ही नहीं अपितु पूरे यूरोप के पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. किंतु 1970 के बाद से जब खेती में रसायनयुक्त कीटनाशकों का इस्तेमाल शुरू हुआ, तब से तितलियों की संख्या ब्रिटेन में घटने लगी. इस घटना की गति का अनुमान किसी से लगाया जा सकता है कि सन् 1970 से 2010 के बीच तितलियों की आबादी में 76% की गिरावट दर्ज की गई. वैज्ञानिकों ने शोध कर पता लगाया कि रसायन युक्त कीटनाशकों के उपयोग से मिट्टी जहरीली हो गई जिससे मौसमी झाड़ियां बहुत बड़े इलाके में उग तक पानी में असमर्थ हो गई, और चूंकि तितलियों के साथ-साथ कई कीट पतंगे इन्हीं मौसमी झाड़ियों पर अपने अंडे देते थे इसलिए इन झाड़ियों के साथ तितलियों और कई कीटों की भी जनसंख्या गिरने लगी. जिससे वहां का पारिस्थितिकी तंत्र डगमगा गया और तितलियों की जनसंख्या गिरने लगी. उक्त उदाहरण से हमें यह साफ़ समझ आ जाता है की तितलियां हमारे पारिस्थितिकी तंत्र के स्वास्थ्य की कितनी सटीक संकेतक हैं, इसलिए हम तितलियां पर ध्यान देकर भी हमारे आसपास के वातावरण के बारे में बहुत कुछ बता सकते हैं.
4. जैव विविधता को बनाए रखने में योगदान
तितलियां जैव विविधता के प्रमुख घटकों में से एक हैं. वे विभिन्न पौधों और फूलों की प्रजातियों के परागण में मदद करती हैं, जिससे विविध प्रकार की वनस्पतियां विकसित होती हैं. जैव विविधता हमारे पर्यावरण को स्थिरता प्रदान करती है, और तितलियों की उपस्थिति से इस स्थिरता को बनाए रखने में सहायता मिलती है. तितलियों के संरक्षण से न केवल वनस्पति बल्कि जीवों की विविधता भी संरक्षित होती है.
5. पर्यावरणीय शिक्षा और जागरूकता
तितलियां अपने सुंदर पंखों से बच्चों और वयस्कों दोनों को ही अपनी तरफ़ खींच लाती हैं, जिसका फ़ायदा हम लोगों को पर्यावरण के लिए जागरूक करने में उठा सकते हैं, लोगों को ‘बटरफ्लाई ट्रेल’जैसी गतिविधियों से जोड़कर हम उन्हें पर्यावरण के प्रति जागरूक कर सकते हैं. इसी कारण से कई पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रमों में तितलियों को प्रमुख रूप से शामिल किया जाता है, ताकि लोग इनकी सुंदरता के साथ इनके और इनके जैसे अन्य छोटे-छोटे जीवों का हमारे पर्यावरण में काम समझ सकें कि कैसे छोटे जीव भी पूरे पर्यावरणीय तंत्र को प्रभावित कर सकते हैं.
तितलियां सिर्फ़ एक आकर्षक जीव नहीं हैं, बल्कि वे हमारे पारिस्थितिकी तंत्र की एक आवश्यक कड़ी हैं. उनके बिना न केवल वनस्पतियों का विकास रुक सकता है, बल्कि पूरी खाद्य शृंखला और पर्यावरणीय संतुलन भी असंतुलित हो सकता है. इसलिए, तितलियों का संरक्षण आवश्यक है, ताकि हम अपने पर्यावरण को स्वस्थ और स्थिर बनाए रख सकें.
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