ये दुनिया स्मार्टफ़ोन आने के बाद से काफ़ी बदल गई है. और महामारी, स्मार्ट फ़ोन और इंटरनेट के कॉकटेल ने हमारे निजी रिश्तों और सेक्शुअल जीवन को भी बहुत हद तक प्रभावित किया है. पति-पत्नी हों या प्रेमी जोड़े या फिर सिर्फ़ अपनी ऊब मिटाने के लिए डेटिंग साइट्स पर जानेवाले टीनएजर युवक-युवतियां या वयस्क महिलाएं व पुरुष-सभी के बीच सेक्स्टिंग का चलन बढ़ा है. सेक्स्टिंग जहां आपके जीवन में प्रेम और आनंद का नया रंग घोल सकती है, वहीं ये आपके जीवन को तबाह करने में भी अपनी भूमिका निभा सकती है. आइए, सेक्स्टिंग को क़रीब से जानें…
यदि आपको यह नहीं पता कि सेक्स्टिंग क्या है तो हम आपको बता दें सेक्स+टेक्स्ट इन दो शब्दों को मिलाकर बने इस शब्द को इक्कीसवीं सदी की शुरुआत में ऑक्स्फ़ोर्ड इंग्लिश डिक्शनरी में जगह दी गई थी और इसका अर्थ है- किसी को मोबाइल फ़ोन के ज़रिए सेक्स से जुड़ी प्रकृति का मैसेज या फ़ोटो (और वर्तमान समय में वीडियो भी!) भेजना.
वर्ष 2011 में हुए एक सर्वे में पाया गया था कि युवा वयस्क जिनकी उम्र 20-26 वर्ष है, वे कभी न कभी सेक्स्ट भेज चुके होते हैं. यही नहीं सोशल नेटवर्किंग और डेटिंग साइट्स पर मौजूद दो तिहाई महिलाओं ने भी सेक्स्ट किया है, जबकि सेक्स्ट करने वाले पुरुषों की संख्या 50 फ़ीसदी ही है. सेक्स्टिंग के बारे में एक और दिलचस्प बात ये है कि महिलाएं, पुरुषों से कहीं ज़्यादा सेक्स्टिंग करती हैं. इस रिसर्च में पाया गया था कि 48% महिलाओं ने जबकि 45% पुरुषों ने कभी न कभी सेक्स्ट किया है.
वहीं वर्ष 2020 में साइंस जरनल प्लॉस वन (PLOS ONE) में छपे एक अध्ययन ‘मोबाइल सेक्स-टेक ऐप्स: हाउ यूज़ डिफ़र्स अक्रॉस ग्लेबल एरियाज़ ऑफ़ हाई ऐंड लो जेंडर इक्वैलिटी‘ के मुताबिक़, हमारे देश में मोबाइल फ़ोन पर डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल करने वाली महिलाओं में से 62% महिलाएं सेक्स्टिंग करती हैं. इनमें से 19% महिलाएं साथी की तलाश के लिए भी इन ऐप्स का इस्तेमाल करती हैं. इस सर्वे में 191 देशों की 1,30,885 महिलाओं ने भाग लिया था, जिसमें हमारे देश की 23,093 महिलाएं शामिल थीं.
हमारे देश में सेक्स्टिंग के क़ानूनी पहलू
यह बिल्कुल सही है कि हमारे दश में साइबर क्राइम की सूची में सेक्स्टिंग को जोड़ा गया है. हालांकि भारत में सेक्स्टिंग की कोई क़ानूनी परिभाषा नहीं है, लेकिन जिन कुछ शब्दों को साइबर क्राइम में शामिल किया गया है, उनमें मौजूद सेक्स्टिंग शब्द को-मोबाइल फ़ोन से सेक्शुल प्रकृति का मैसेज, तस्वीर, वीडियो या ईमेल भेजने, की तरह परिभाषित किया गया है. पर इसका यह क़तई मतलब नहीं है कि यह ग़ैरक़ानूनी है. दरअसल जब बात सेक्स की होती है तो ‘सहमति’ यानी कंसेंट वह सबसे महत्वपूर्ण बात है, जो इसे ग़ैरक़ानूनी होने से बचा ले जाती है.
सेक्स्टिंग का सीधा मतलब है, सेक्शुल प्रकृति की बातें करना. अब यदि दो लोगों के बीच सहमति से यह बातचीत होती है, सेक्शुअल मैसेज, फ़ोटो या वीडियो का आदान-प्रदान होता है तो कोई समस्या नहीं है. पर इसमें एक और नियम है कि ये सेक्स्टिंग केवल उन लोगों के बीच ही हो, जिनके बीच इसकी आपसी सहमति बनी है और यह सहमति देनेवाले/देनेवालों से इतर और कहीं प्रकाशित, प्रसारित न की जाए. यदि कोई व्यक्ति सहमति के उल्लंघन का आरोप लगाता है तो सहमति का उल्लंघन करने वाला व्यक्ति महिला हो या पुरुष, उसके ऊपर इन्फ़र्मेशन टेक्नॉलॉजी ऐक्ट, 2000, के तहत कार्रवाई हो सकती है. ऐसे प्रकरण में दोषी पाए जाने पर पांच से लेकर सात साल तक की जेल और 10 लाख रुपए तक जुर्माना या दोनों की सज़ा दी जा सकती है.
सेक्स्टिंग रिश्तों को नई ऊर्जा देने में कारगर है
सेक्स्टिंग, जिसके बारे में हम आपको यहां बता रहे हैं, उसका सीधा मतलब सहमति के साथ की जानेवाली सेक्स्टिंग से है. हालांकि हमारा समाज सेक्स्टिंग को हतोत्साहित करता है, लेकिन यह ग़ैरक़ानूनी नहीं है. यदि सहमति से सेक्स्टिंग को अपने जीवन में उतारा जाए तो यह रिश्तों पर सकारात्मक असर डालता है. रिश्ते में शामिल युवक-युवतियों और महिला-पुरुषों के आत्मविश्वास को बढ़ाता है. यदि आप भी सेक्स्टिंग करने की योजना बना रही/रहे हैं तो इन बातों का पूरा ध्यान रखें, ताकि यह आपके लिए पॉज़िटिव साबित हो.
* साथी को अच्छी तरह जाने बिना कभी नहीं
यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति के साथ सेक्स्टिंग के बारे में सोच रहे/रही हैं, जिन्हें आप नहीं जानते तो सावधान रहें. व्यक्तिगत जानकारियां न दें, फ़ोटोज़ न भेजें और साथ ही किसी ऐसे ऐप पर बातचीत करें, जहां बातचीत को सेव करने का कोई विकल्प न हो. अन्यथा यह मानकर चलें कि आप ख़ुद के लिए मुसीबत मोल ले रहे/रही हैं.
* सेक्स्टिंग करते समय न लें इमोजीज़ का सहारा
यदि आप रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए अपने साथी के साथ सेक्स्टिंग कर रहे/रही हैं तो इमोजीज़ की जगह ख़ुद को व्यक्त करने के लिए वाक्यों का ही इस्तेमाल करें. इसे बार-बार पढ़कर आपका साथी पुलकित हो सकता है. इस तरह आपके रिश्ते में गर्माहट आएगी.
* अब्रीविएशन्स से बचें
सेक्स्टिंग करते समय अजीबोग़रीब अब्रीविएशन्स न भेजें. कई बार ये मूड को बनाने की बजाय बिगाड़ने का काम करते हैं. हां, सामान्य अब्रीविएशन्स का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन इसे भी कम से कम करें.
* अपनी न्यूड इमेजेज़ कभी न भेजें
यदि आपका साथी भरोसेमंद है तो वो न्यूड इमेजेज़ की मांग करेगा ही नहीं. यदि कोई इसकी मांग करता है तो आप चौकन्ने हो जाएं. क्योंकि यदि किसी ने सहमति का उल्लंघन कर इन फ़ोटोज़ को वायरल कर दिया तो यह बात तो हम सभी समझते हैं कि किशोरियों, युवतियों, महिलाओं की न्यूड इमेजेज़ के वायरल होने से हमारे समाज को आज भी बहुत फ़र्क़ पड़ता है. पर यह न सोचें कि यदि आप पुरुष हैं तो न्यूड इमेज भेजने से कोई फ़र्क़ ही नहीं पड़ेगा. यदि इसे असहमति से भेजी गई इमेज साबित कर दिया गया तो आप भी सलाखों के पीछे होंगे.
नोट: इस आलेख में हम केवल सहमति से की जानेवाली सेक्स्टिंग की ही बात कर रहे हैं और हमारा उद्देश्य सेक्स्टिंग के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराना है.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट