ओलंपिक का 12वां दिन भारत के लिए चारों ओर से निराशाजनक रहा. जहां भारतीय पुरुष हॉकी टीम का शानदार विजय अभियान थम गया, वहीं कुश्ती में भारत की शुरुआत अच्छी नहीं रही. फ़ील्ड इवेंट से भी कोई अच्छी ख़बर नहीं मिली.
वर्ल्ड चैम्पियन बेल्जियम ने रोका भारत का विजय अभियान, पर अब भी है पदक की उम्मीद
भारतीय पुरुष हॉकी टीम के 41 साल बाद ओलंपिक गोल्ड जीतने की ओर बढ़ रहे क़दमों को आज वर्ल्ड चैम्पियन बेल्जियम ने रोक दिए. आक्रामक शुरुआत करते हुए बेल्जियम ने 2 मिनट के अंदर ही पहला गोल दाग दिया, पर भारत ने जल्द ही वापसी करते हुए 7वें और 8वें मिनट में दो गोल दागकर बेल्जियम पर 2-1 की बढ़त बना ली. पहला क्वॉर्टर ख़त्म होने तक भारत ने यह बढ़त बरक़रार रखी तो लगने लगा कि जैसे कल भारतीय लड़कियों ने कमाल किया था, वैसा ही कुछ पुरुष हॉकी टीम भी करने जा रही है.
दूसरे क्वॉर्टर में बेल्जियम ने बराबरी का गोल करके मुक़ाबले को 2-2 पर ला खड़ा किया. उसके बाद दूसरे और तीसरे क्वॉर्टर में दोनों टीमें गोल नहीं कर पाईं. रोचक हो चले मुक़ाबले ने चौथे क्वॉर्टर में एकतरफ़ा रुख़ अख़्तियार कर लिया, जब बेल्जियम की टीम ने एक के बाद एक कुल तीन गोल करके फ़ाइनल में पहुंचने का भारत का सपना चकनाचूर कर दिया. ये तीनों गोल आख़िरी 11 मिनट के अंदर हुए और भारत अंतत: 2-5 से मुक़ाबला हार गया. भारतीय टीम के कड़े संघर्ष की बदौलत यह मुक़ाबला स्कोर लाइन जितना एकतरफ़ा नहीं रहा.
इस हार के बावजूद भारत के पास अभी भी 41 साल बाद हॉकी में मेडल जीतने की उम्मीद है. भारत को 5 अगस्त को जर्मनी की टीम से भिड़ना है. यहां मिली जीत भारत को कांस्य दिला सकती है.
फ़ील्ड इवेंट्स में फीकी रही भारतीय खिलाड़ियों की चमक
ट्रैक इवेंट में फिसड्डी साबित हो रहे भारतीय ऐथलीटों की निराशा को फ़ील्ड इवेंट डिस्कस थ्रो के फ़ाइनल में पहुंचकर कमलप्रीत कौर ने दूर की थी, पर आज तो फ़ील्ड इवेंट भी भारत की चमक फीकी रही. आज दो फ़ील्ड इवेंट्स थे, पहला गोला फेंक और दूसरा महिलाओं का भाला फेंक.
पुरुषों के गोला फेंक प्रतियोगिता में भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे थे एशियाई रिकॉर्ड होल्डर तजींदर पाल तूर. वे 19.99 मीटर की दूरी तक गोला फेंककर 24वें स्थान पर रहे. तजींदर पाल तूर फ़ाइनल के लिए क्वॉलिफ़ाई करने में नाकाम रहे.
वहीं महिलाओं की भाला फेंक प्रतियोगिता में अन्नु रानी ने भी निराश किया. महज़ 54.04 मीटर तक भाला फेंककर वे 29वें नंबर पर रहीं. वे भी फ़ाइनल में जगह नहीं बना पाईं.
कुश्ती में भारत को मिली निराशाजनक शुरुआत
बॉक्सिंग, शूटिंग और बैडमिंटन के बाद भारत को मेडल की सबसे अधिक उम्मीद पहलवानों से है. टोक्यो में भारत के सात पहलवान मेडल जीतने के लिए गए हैं. आज कुश्ती की प्रतियोगिता की शुरुआत हुई, पर ओपनिंग मनचाही नहीं हुई. रेसलर सोनम मलिक का 62 किलो फ्रीस्टाइल के राउंड ऑफ़ 16 में मंगोलियाई पहलवान बोलोरतुया से मुक़ाबला था, पर सोनम पहले ही दौर में हारकर बाहर हो गईं. सोनम की यह हार दिल तोड़नेवाली रही, क्योंकि पूरे मुक़ाबले के दौरान ज़्यादातर समय वे अपनी प्रतिद्वंद्वी पर 2-0 की बढ़त बनाए हुए थीं. मैच ख़त्म होने में महज़ 35 सेकेंड ही बचे थे कि बोलोरतुया ने सोनम को गिराकर 2-2 की बराबरी कर ली. चूंकि मंगोलियाई पहलवान ने अंतिम अंक जुटाए थे, उन्हें विजेता घोषित किया गया. इस हार के बाद सोनम के लिए एक बुरी ख़बर यह रही कि मंगोलियाई पहलवान अगले राउंड में हार गई, जिसके चलते उन्हें रेपेचेज मुक़ाबला खेलकर ब्रांज़ मेडल जीतने का मौक़ा नहीं मिल सकता. कुश्ती के नियमों के मुताबिक़ फ़ाइनल पहुंचनेवाले खिलाड़ी हारे खिलाड़ियों को रेपचेज मुक़ाबला खेलकर ब्रांज़ जीतने का मौक़ा मिलता है.
कल किन भारतीय खिलाड़ियों और खेलों पर रहेगी ख़ास नज़र?
-कल पूरे देश की निगाह मुक्केबाज़ लवलीना बोर्गोहेन के सेमीफ़ाइनल मैच पर होगी. यहां जीत हासिल करके वे गोल्ड मेडल हासिल करने की कोशिश करेंगी.
-भाला फेंक में भारत के स्टार खिलाड़ी नीरज चोपड़ा कल फ़ाइनल में जगह बनाने के लिए उतरेंगे. इस युवा खिलाड़ी से भारत को मेडल की उम्मीद है. पुरुषों के भाला फेंक प्रतियोगिता में नीरज के साथ शिवपाल सिंह भी भाग ले रहे हैं.
-महिला हॉकी टीम अपने सेमीफ़ाइनल मुक़ाबले में वर्ल्ड नंबर दो टीम अर्जेंटीना से भिड़नेवाली है.
-कुश्ती में कल का दिन भारत के लिए काफ़ी अहम रहनेवाला है. रवि कुमार दहिया और दीपक पुनिया अपने ओलंपिक अभियान का आगाज़ करने जा रहे हैं. इन दोनों के मौजूदा फ़ॉर्म को देखते हुए भारत को काफ़ी उम्मीद रहेगी. महिला कुश्ती में अंशु मलिक को बेलारुस की इरियाना कुराचकिना से लड़कर अपने अभियान की शुरुआत करेंगी.