वैजिनिज़्मस क्या है इस बारे में कई महिलाओं को भी नहीं मालूम होता, बावजूद इसके कि वे इस कंडिशन से गुज़र रही होती हैं. एक सच्चाई यह भी है कि वैजिनिज़्मस का सही इलाज कई डॉक्टर्स को भी पता नहीं होता और जो इलाज वे सुझाते हैं, उनसे फ़ायदे की जगह नुक़सान भी हो सकता है. यही वजह है हमआपको एक्स्पर्ट्स से बात करते हुए बता रहे हैं इस स्थिति के बारे में और उसके सही इलाज के बारे में, क्योंकि सेक्स के बारे में सही जानकारी हमें सुखद जीवन की ओर ले जाती है.
यदि आपको भी वैजिनिज़्मस शब्द के बारे में सुनकर ऐसा लगता है कि यह सेक्शुअल संबंध बनाने के बाद होनेवाली कोई बीमारी है तो हमें कोई आश्चर्य नहीं होगा, क्योंकि ऐसा सोचने वाले आप अकेले/अकेली ही नहीं है. वैजिनिज़्मस एक ऐसा शब्द जिसके बारे में कुछ डॉक्टर्स भी गूगल सर्च करते हैं, ताकि यह समझ सकें कि इसका मतलब क्या है.
वैजिनिज़्मस क्या है?
यह एक साइकोसेक्शुअल स्थिति है, जो कई महिलाओं में देखी जाती है, जिसकी वजह से वैजाइनल मसल्स बहुत ज़्यादा कस जाती हैं और सेक्शुअल इंटरकोर्स बेहद दर्दनाक और लगभग असंभव मालूम होने जैसी प्रक्रिया बन जाता है. यह बिल्कुल उसी तरह होता है, जिस तरह कोई वस्तु आपकी आंखों की ओर आए तो भय से आपकी आंखें बंद हो जाती हैं. कामुकता की बात तो भूल ही जाइए, जिन महिलाएं को वैजिनिज़्मस की समस्या होती है, उनके लिए सामान्य सेक्शुअल रिश्ते बनाना भी बहुत मुश्क़िल होता है.
इसके दर्द के डर से बहुत-सी महिलाएं तो पेनेट्रेटिव सेक्स बंद ही कर देती हैं. डॉक्टरों के मुताबिक़, भारत में बिना सेक्सवाली शादियों में से 25 फ़ीसदी शादियों में महिला और पुरुष के बीच सेक्शुअल संबंध न बन पाने का कारण वैजिनिज़्मस ही होता है. इतनी बड़ी संख्या में महिलाओं को यह समस्या होने के बावजूद हमारे देश में इसका इलाज करने के लिए के लिए चिकित्सा के ज्ञान की कमी है.
इलाज की सही जानकारी की भी है कमी
बहुत-सी महिलाएं, जो इस पोस्ट को पढ़ेंगी, वो इस बात को अच्छी तरह जानती होंगी कि वैजिनिज़्मस के लिए डॉक्टरों द्वारा दी गई सलाह कभी-कभी तो कोई फ़ायदा नहीं पहुंचाती और कभी-कभी नुक़सान ज़्यादा पहुंचाती है.
आप मानें या न मानें, लेकिन वैजिनिज़्मस को ठीक करने के लिए डॉक्टर्स ऐल्कहॉल यानी शराब पीने की बतौर ‘‘इलाज’’ सलाह देते हैं. बहुत-सी महिलाओं को उनके गायनाकोलॉजिस्ट ने सलाह दी कि एक या दो ग्लास वाइन पीने से यह ठीक हो सकता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि वाइन की वजह से महिलाएं रिलैक्स हो जाएंगी और इससे सेक्स को लेकर उनके भीतर बसा डर निकल जाएगा… पर सच्चाई यह है कि ऐसा नहीं होता है. कुछ अन्य डॉक्टर सर्जरी की सलाह देते हैं. यह तो और भी ख़तरनाक है, क्योंकि वैजाइना ऐसी जगह है, जहां कई नाड़ियों यानी नर्व्स का अंत होता. यहां की सर्जरी करने से दर्द बढ़ सकता है और संवेदना यानी सेन्सेशन में कमी आ सकती है. जबकि इन सभी तथाकथित इलाजों से पहले तो वैजिनिज़्मस की स्थिति के लिए ज़िम्मेदार मनोवैज्ञानिक कारणों का निदान करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए, जैसे- सेक्स को लेकर बनाए गए सामाजिक और धार्मिक मिथक, जो महिलाओं के भीतर बचपन से ही रोप दिए जाते हैं.
वैजिनिज़्मस का सटीक इलाज खोज पाना केवल भारतीय महिलाओं के लिए एक चुनौती नहीं है, बल्कि विकसित देशों में भी स्थित कमोबेश यही है. यह जानने के बाद कि डॉक्टर्स को वैजिनिज़्मस के इलाज का पर्याप्त ज्ञान नहीं है, ब्रिटेन के गायनाकोलॉजी पाठ्यक्रम में वर्ष 2019 में बदलाव किया गया. बहुत-सी महिलाएं तो इस मामले में ख़ुद ही पहल कर रही हैं. वैजिनिज़्मस नेटवर्क, ब्रिटेन में चल रहा एक ऐसा ही अभियान है, जिसे वे महिलाएं ही चला रही हैं, जो इस स्थिति से गुज़र चुकी हैं, ताकि वे दूसरी ऐसी महिलाओं का सहयोग कर सकें, जो इस स्थिति होने की पीड़ा को झेल रही हैं.
विशेषज्ञ की सलाह
वैजिनिज़्मस के इलाज के लिए उपलब्ध मेडिकल ज्ञान और जागरूकता दोनों की ही कमी के चलते मैंने डॉक्टर डी नारायण रेड्डी, जो विश्वविख्यात सेक्शुअल हेल्थ स्पेशलिस्ट और वीवॉक्स के एक्स्पर्ट हैं, से पूछा कि इस स्थिति से जूझ रही महिलाओं के इलाज के लिए आप किस मेडिकल ऑप्शन को सही मानते हैं?
डॉक्टर डी नारायण रेड्डी की राय है,‘‘वैजिनिज़्मस, युवतियों और महिलाओं में सेक्शुअल इंटरकोर्स के प्रति होनेवाले दर्द के प्रति एक अनैच्छिक अवचेतन प्रतिक्रिया है. सदियों से महिलाओं को सेक्स के प्रति ग़लत जानकारियां दी गई हैं, जैसे- पहली बार सेक्स के दौरान उन्हें बहुत ब्लीडिंग होती है वगैरह. और ये ग़लत जानकारियां इस स्थिति के लिए बहुत हद तक ज़िम्मेदार हैं. ऐसी महिलाओं के लिए एक प्रभावी तरीक़ा यह है कि उनके मन के भीतर से पेनेट्रेटिव सेक्स का दबाव हटा दिया जाए. मैं अपनी मरीज़ों को कहता हूं कि पहले आप अपने शरीर के साथ सहज होइए. ख़ुद को खोजिए, ख़ुद को जानिए. ख़ुद को वल्वा (योनि) मसाज दीजिए और फिर अपनी वैजाइना में अपनी ही उंगली डालिए. इसे धीरे-धीरे सर्कुलर मोशन में घुमाइए और इस हिस्से के भीतर किसी चीज़ की उपस्थिति को महसूस कीजिए, उससे सहज हो जाइए. ग्रेडेड वैजाइनल डाइलेटर्स के इस्तेमाल से और अपने अपने पार्टनर के सहयोग से वे इस स्थिति से आसनी से उबर सकती हैं.’’
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट