‘पुष्पा नाम सुनके फ्लावर समझे क्या? फ्लावर नहीं, फायर है मैं’ ठसक के साथ कहे गए इस डायलॉग ने फ़िल्म पुष्पा को हाल के दिनों की सबसे बड़ी कल्ट फ़िल्म बना दी. तेलुगू स्टार अल्लू अर्जुन की इस फ़िल्म में आवाज़ बने थे श्रेयस तलपड़े. ‘मेरा वचन ही मेरा शासन’ कहनेवाले बाहुबली को भूल गए क्या? इसमें प्रभास के लिए हिंदी डबिंग की थी शरद केलकर ने. आइए जानते हैं साउथ स्टार्स के कुछ पॉप्युलर डबिंग आर्टिस्ट्स के बारे में.
अमर बबारिया
तेलुगू स्टार्स रवि तेजा और पवन कल्याण की दक्षिण में एक बड़ी फ़ैन फ़ॉलोविंग है. इन दोनों की डब्ड मूवीज़ आपने हिंदी में ज़रूर देखी होगी. इन दोनों मेगास्टार्स के ऑफ़िशियल डबिंग आर्टिस्ट हैं अमर बबारिया. अमर अपने बायो में ऐक्टर, डायरेक्टर, राइटर, थिएटर आर्टिस्ट और वॉइस ओवर आर्टिस्ट लिखते हैं. मुंर्ब में पैदा हुए और पले-बढ़े अमर की मातृभाषा गुजराती है. इन्हें हिंदी, गुजराती, अंग्रेज़ी, मराठी और उर्दू में महारत हासिल है. ये रवि तेजा के फ़ेवरेट डबिंग आर्टिस्ट माने जाते हैं. अमर ने हॉलिवुड की कई फ़िल्मों के हिंदी वर्ज़न में भी अपनी आवाज़ दी है.
श्रेयस तलपड़े
मराठी सिनेमा में श्रेयस तलपड़े एक बड़ा नाम हैं. हिंदी फ़िल्मों के दर्शक भी इनसे अनजान नहीं है. इक़बाल जैसी इमोशनल-इंस्पिरेशनल फ़िल्म के अलावा ये गोलमाल सिरीज़ की कॉमेडी फ़िल्मों में नज़र आ चुके हैं. पिछले दिनों श्रेयस अल्लू अर्जुन के लिए ‘पुष्पा’ फ़िल्म की हिंदी डबिंग के लिए सुर्खियों में आए. वैसे किसी ने सोचा नहीं था कि कॉमेडी में माहिर माने जानेवाले श्रेयस क्राइम-ऐक्शन फ़िल्म में अपनी आवाज़ के दम पर इस क़दर छा जाएंगे. उनका डायलॉग ‘झुकेगा नहीं’ सुनकर थिएटर में दर्शक तालियां पीटने लगते थे. श्रेयस के ख़ालिस मराठी अंदाज़ में बोले गए डायलॉग्स से अल्लू अर्जुन भी काफ़ी प्रभावित हैं. वे कई इंटरव्यूज़ में उनकी तारीफ़ कर चुके हैं.
स्मिता मल्होत्रा
महिला डबिंग आर्टिस्ट्स में स्मिता मल्होत्रा की काफ़ी डिमांड हैं. पेशे से सिंगर स्मिता ने कई साउथ इंडियन फ़िल्मों में अभिनेत्रियों के लिए डबिंग की है. हालिया फ़िल्म पुष्पा में रश्मिका मंदाना के लिए स्मिता ने ही हिंदी डबिंग की थी. बाहुबली में अनुष्का शेट्टी की हिंदी आवाज़ स्मिता की थी. स्मिता बॉलिवुड में काफ़ी लंबे समय से हैं. वे सिंगिंग के अलावा अभिनय भी करती रही हैं. नब्बे के दशक में वे म्यूज़िक अल्बम के लिए गा चुकी हैं. आजकल उनका डबिंग का करियर इतनी रफ़्तार पकड़ चुका है कि वे अभिनय और सिंगिंग को उतना समय नहीं दे पा रही हैं.
शरद केलकर
जैसा ख़ुमार पुष्का का चढ़ा था, कुछ वैसा ही बाहुबली का भी जलवा था. अमरेन्द्र बाहुबली बने प्रभास की जिस डायलॉग डिलिवरी पर दर्शक फ़िदा हुए जा रहे थे, उसके पीछे थी अभिनेता शरद केलकर की आवाज़. माहिष्मती साम्राज्य के आन, बान, शान के बारे में उनके डायलॉग्स हों या दुश्मनों का नाश करने के लिए प्रण लेते हुए उनकी आवाज़ में उतार-चढ़ाव दर्शकों ने उन्हें ख़ूब प्यार दिया. बाहुबली के दोनों ही भागों में प्रभास के लिए आवाज़ शरद केलकर ने ही दी थी. बेशक फ़िल्म को इससे फ़ायदा हुआ, पर शरद के करियर को भी नई दिशा मिली. बाहुबली की सफलता के बाद उन्हें बतौर अभिनेता कई फ़िल्मों का ऑफ़र मिला. निर्देशक उन्हें पहले की तुलना में बड़ी और महत्वपूर्ण भूमिकाएं देने लगे.
संकेत म्हात्रे
संकेत म्हात्रे भी सबसे व्यस्त और लोकप्रिय डबिंग आर्टिस्ट्स में से एक हैं. वे महेश बाबू, जूनियर एनटीआर, सूर्या, नागा चैतन्य, अल्लू अर्जुन, विजय देवरकोंडा और नानी जैसे कई साउथ इंडियन ऐक्टर्स के लिए लगातार अपनी आवाज़ देते रहे हैं. राम चरण के लिए ‘मगधीरा’ में, विजय देवरकोंडा के लिए ‘अर्जुन रेड्डी’ में उन्होंने आवाज दी है. वह हॉलिवुड की ऐक्शन और एनिमेशन फ़िल्मों में भी आवाज़ देते हैं. संकेत केएफ़जी 2 में भी अपनी आवाज़ देने जा रहे हैं.