यदि आप हेल्थ कॉन्शस हैं तो ज़रूर आपने रिफ़ाइन्ड शुगर का इस्तेमाल कम कर दिया होगा, लेकिन त्यौहारों पर देसी मिठाइयां और उनका स्वाद लेना आपको पसंद तो होगा ही. ऐसे में यदि हम कहें कि आप अपनी दादी और नानी मां के समय में बनने वाले पकवानों में से एक गुड़ पारे बना कर त्यौहार का जश्न मनाएं तो? आ जाएगा न आपके मुंह में पानी? और अच्छ बात ये है कि गुड़ मिठास का सेहतमंद विकल्प है, जिसे खा कर मुंह मीठा करने में आप कॉन्शस भी नहीं होंगे. तो आइए जानते हैं कि कैसे बनाए जाएं गुड़ पारे.
गुड़ को शक्कर की तुलना में यूं ही सेहतमंद नहीं माना जाता. दरअसल, गुड़ और शक्कर की समान मात्रा लें तो उनमें कैलरी का कम ही अंतर होता है, केवल तीन या चार कैलरी का. लेकिन चूंकि गुड़ को बनाने में केमिकल का इस्तेमाल नहीं होता इसलिए इसमें शक्कर की तुलना में ज़्यादा पोषक तत्व होते हैं. इसमें आयरन, मिनरल्स, फ़ाइबर, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन और पोटैशियम जैसे पोषक तत्व बरक़रार रहते हैं. अत: यदि खाने के बाद गुड़ का सेवन किया जाए तो यह डाइजेशन में मदद करता है, शरीर से ज़हरीले पदार्थ बाहर निकालने यानी टॉक्सिन्स को बाहर निकालने में मदद करता है. इसके गुण जानने के बाद अब जान लीजिए गुड़ पारे बनाने का तरीक़ा, ताकि इस दिवाली आप देसी स्वाद के साथ मुंह मीठा कर और करवा सकें.
सामग्री
2 कप मैदा
¼ कप घी
1 कप गुड़
1 टीस्पून सौंठ
1 टीस्पून सौंफ, पिसी हुई
तेल, तलने के लिए
पानी आवश्यकतानुसार (मैदा गूंधने के लिए थोड़ा गुनगुना)
विधि
1. एक बोल में मैदा और घी डालें. अच्छी तरह मिलाएं.
2. इसमें धीरे-धीरे गुनगुना पानी डाल कर पूड़ी से थोड़ा सख़्त आटा गूंध लें. इसे 15 मिनट तक ढंक कर अलग रख दें.
3. अब कड़ाही में तेल डालें और धीमी आंच पर गर्म होने दें.
4. गूंधे हुए मैदे की दो या तीन बड़ी लोइयां तोड़ें. एक लोई को बेल कर थोड़ी मोटी रोटी का आकार दें. इसे एक-एक सेंटीमीटर चौड़ाई में काटें और फिर एक-एक इंच की लंबाई में काट कर सांखें बना लें. इसी तरह बची हुई दोनों लोइयों से भी सांखें बना लें.
5. जब तेल मध्यम गर्म हो तो इसमें सांखें डालें और धीमी आंच पर गोल्डन-ब्राउन होने तक सेक लें.
6. सांखों को ठंडा होने के लिए रख दें. जब सांखें ठंडी हो जाएं तो एक पैन में गुड़ और चौथाई कप पानी डाल कर गुड़ की चाशनी तैयार करें.
7. जब चाशनी में झाग उठने लगे तो इसमें सौंठ और सौंफ़ मिलाएं. चाशनी को चेक करें, इसमें एक तार बनना चाहिए.
8. जब चाशनी में एक तार आने लगे तो आंच बंद कर दें और इसमें सांखें डाल कर हल्के हाथों से तब तक इन्हें चाशनी में रोल करते रहें, जब तक कि सभी सांखों पर गुड़ की पर्त न चढ़ जाए. इसे आपको तब तक चलाना होगा, जब तक कि गुड़ सांखों पर पूरी तर सूख न जाए और सभी साखें अलग-अलग न हो जाएं.
9. ठंडा होने पर इन गुड़ पारों को एयरटाइट जार में भर लें. और इस हेल्दी, टेस्टी देसी मिठाई से मेहमानों का मुंह मीठा करवाएं. इन गुड़ पारों को एयरटाइट जार में भर कर आप इनका महीनेभर तक आनंद ले सकते हैं.
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