भारत के स्वतंत्र और प्रमुख कविता और शायरी महोत्सव का आयोजन इंडिया हैबिटैट सेंटर में 10 और 11 दिसंबर 2022 को किया जा रहा है. ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के चलते आई रुकावट के बाद अब इसे आयोजित किया जा रहा है. इस फ़ेस्टिवल में कविता, शायरी और कविताओं के इर्द-गिर्द बातचीत के साथ ही दिल छू लेने वाली सूफ़ी प्रस्तुतियां भी शामिल होंगी. इस वर्ष दिल्ली पोएट्री फ़ेस्टिवल चार अलग-अलग भाषाओं- हिंदी, उर्दू, पंजाबी और अंग्रेज़ी में ख़ास अंदाज़ में शायरी और कविता का जश्न मनाएगा.
दिल्ली पोएट्री फ़ेस्टिवल ऐतिहासिक शहर दिल्ली के सांस्कृतिक और काव्य विरासत को बचाने, पुनर्जीवित करने और उसका जश्न मनाने के लिए प्रतिबद्ध है. इस साल दिल्ली पोएट्री फ़ेस्टिवल चार अलग-अलग भाषाओं- हिंदी, उर्दू, पंजाबी और अंग्रेज़ी में ख़ास अंदाज़ में शायरी और कविता का जश्न मनाएगा. अन्य भारतीय भाषाओँ के कवि भी कविता और शायरी को समर्पित इस इकलौते उत्सव में भाग लेंगे. इस कविता उत्सव में कविता के इर्द-गिर्द होने वाली चर्चाओं पर रौशनी डालने के लिए कई वक्ता मौजूद होंगे, कई कलाकार मौजूद होंगे और कविताएं और शायरी ऐसी होंगी जो आपके रूह में उतर जाएंगी.
इस उत्सव की शान को पिछले पांच संस्करणों में विभिन्न प्रतिष्ठित कवियों और वक्ताओं द्वारा क़ायम रखा गया है. दिल्ली पोएट्री फ़ेस्टिवल का नज़रिया है कि इस उत्सव को साल दर साल और शानदार बनाया जाए. कोरोना महामारी ने हमारी दुनिया को अविश्वसनीय तरीक़े से हमेशा के लिए बदल के रख दिया है और इस बदलाव का कविता के इस उत्सव में ध्यान रखा गया है.
दिल्ली पोएट्री फ़ेस्टिवल की घोषणा करते हुए इस महोत्सव की संस्थापक और अध्यक्षा डॉली सिंह ने कहा, “दिल्ली हमेशा ही कवियों और शायरों की भूमि रही है. यहाँ की गलियों में आज भी ख़ुसरो, ग़ालिब और ज़फ़र की शायरी गूंजती है. कविता और शायरी करना इंसान का स्वभाव है. इससे राहत मिलती है और हमारे ख़यालों पर इसका असर आता है. इसमें हैरत की कोई बात नहीं के शायरी और कविताओं में इंसान डूब जाता है. अच्छी कविताएं इंसान के अंदर एक लौ जला सकती हैं.”
दिल्ली पोएट्री फ़ेस्टिवल के एग्ज़ेक्यूटिव प्रोडूसर संजय अरोड़ा कहते है, “परेशान ज़हन और बिगड़े नज़रिए के लिए शायरी एक पनाहगाह है. अफ़रातफ़री के इस दौर में यह एक इकलौती सुकून की जगह है. शायरी और कविताओं का जश्न इंसानियत में हमारे भरोसे का सबूत है. वर्ष 2013 में अपनी स्थापना के बाद से ही दिल्ली पोएट्री फ़ेस्टिवल काव्यात्मक अभिव्यक्ति के लिए प्लैटफ़ॉर्म देने और बदलाव की बयार लाने के लिए प्रतिबद्ध है. ये उत्सव इसबार भी शायरी और कविताओं के विभिन्न आयामों को उनके बेहतरीन रंग में सामने लाने के लिए तैयार है.”
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट