प्यार एक ऐसी शय है, जिसकी वजह से ये दुनिया आबाद है. भले ही अपने लिए साथी ढूढ़ने और उन्हें पाने के तरीक़े पुराने समय में रिश्तेदारों, पंडितों से होते हुए पेपर में विज्ञापन, मेट्रीमोनियल साइट्स से गुज़रते हुए डेटिंग ऐप्स तक आ पहुंचे हों, लेकिन इधर आपने प्रपोज़ करने में देर की और उधर बाज़ी कोई और मार ले गया जैसी बातें तो आज भी संभव हैं. अत: आप युवक हों या युवती यदि आपको अपने लिए कोई ऐसा साथी मिल गया है, जिसके साथ आप जीवन बिताना चाहते/चाहती हैं तो प्यार के इज़हार में पहल करने से बिल्कुल न चूकें. क्यों? यहां जानिए इसके कारण…
अब यदि आप ये सोच रहे/रही हैं कि प्रपोज़ करना तो लड़कों का ही काम है तो आप बिल्कुल ग़लत हैं. सदियों की कंडिशनिंग के चलते, भले ही युवतियां प्रपोज़ करने में झिझकती हों, लेकिन इन दिनों महिला सशक्तीकरण और फ़ेमिनिज़्म के फ़र्जी रूप का ऐसा बोलबाला है और इसमें कई बेकुसूर युवक इस तरह फंस चुके हैं कि युवक भी प्यार में पहल करते डरते हैं.
जब हम प्रेम में होते हैं तो पूरी दुनिया का रंग ही बदल जाता है. प्यार धीरे-धीरे ही परवान चढ़ता है. यूं तो आजकल के समय में अपनी पसंद का साथी ढूंढ़ पाना बेहद कठिन है, बावजूद इसके कि डेटिंग ऐप्स आपकी फ़िंगर टिप्स पर मौजूद हैं. लेकिन यदि आप इतने/इतनी लकी हैं कि आपको अपना पसंदीदा साथी मिल गया है और आप इत बात का इंतज़ार कर रहे/रही हैं कि वह आपको मैसेज करे, प्रपोज़ करे और बात को आगे बढ़ाए तो हम कहेंगे कि ऐसा बिल्कुल न करें. और ख़ुद ही पहल कर दें, ताकि देर न हो जाए कहीं देर न हो जाए. क्यों ज़रूरी है ऐसा करना, आइए जान लेते हैं.
प्यार में इंतज़ार का कोई फ़ायदा नहीं
यदि आपको लगता है कि कोई युवक/युवती आपको इतना पसंद आ गया है कि पूरे समय आप उसके बारे में ही सोच रहे/रही हैं और आप बात करने की पहल इसलिए नहीं कर रहे/रही हैं कि आपको कहीं ‘उपलब्थ’ या बहुत ‘आतुर’ न मान लिया जाए तो इसके साथ-साथ यह भी सोचिए कि उस उहापोह में आपकी जो ऊर्जा ख़त्म हो रही है, प्यार का जो क़ीमती समय नष्ट हो रहा है, उसका क्या? इंतज़ार का समय तभी तो कम होगा, जब आप पहल करेंगे/करेंगी. तो देर न कीजिए अपने मन की बातें अपने पसंदीदा साथी को कह ही दीजिए. क्योंकि प्यार में इतज़ार का कोई फ़ायदा नहीं होता.
संकोच उन्हें भी तो हो सकता है
यदि आपको भरोसा है कि आप दोनों के बीच की केमेस्ट्री वाक़ई बहुत अच्छी है और केवल यह सोच कर पहल नहीं कर रहे/रही हैं कि आपको संकोच हो रहा है तो इस बात पर भी ध्यान देना लाजमी है कि हो सकता है यही संकोच आपके संभावित साथी को भी हो रहा हो. अब इस संकोच और लखनवी शिष्टाचार में कि पहले आप, पहले आप… कहीं ट्रेन स्टेशन ही न छोड़ दे. हमारे कहने का मतलब यह है कि ऐसा संकोच भी किस काम का जो आपको आपके प्यार से जुदा रखे. तोड़िए संकोच का बंधन और बता दीजिए अपने दिल का हाल.
कीजिए इज़हार, ताकि उनका सच जान सकें
यह बिल्कल ज़रूरी नहीं कि आप जैसा अफ़ेक्शन किसी के प्रति महसूस कर रहे/रही हों, ठीक वैसा है वह भी महसूस कर रहा/रही हो. कई बार प्यार इकतरफ़ा भी तो होता है! आप जितनी जल्दी अपने प्यार का इज़हार करेंगे/करेंगी उतनी ही जल्दी यह बात भी साफ़ हो जाएगी कि जिसे आप अपने संभावित साथी के तौर पर देख रहे हैं, उन्हें भी आप में दिलचस्पी है या नहीं. यदि वे भी आपके बारे में यही भावना रखते या रखती हैं तो समझिए आपकी लॉटरी लग गई. और यदि वे आपके प्रति ऐसी सोच नहीं रखते/रखती तो आप उनके प्रति और ज़्यादा लगाव रखने और ज़्यादा हर्ट होने से बच सकेंगे/सकेंगी. किसी भी दुविधा का जल्दी अंत हो जाना आप दोनों के लिए ही अच्छा रहेगा.
आपकी पहल उन्हें ख़ुश कर देगी
आपकी पहल आपके संभावित साथी को ख़ुश कर देगी, क्योंकि पहल करने का आत्मविश्वास सब में नहीं होता. जिन लोगों में यह आत्मविश्वास होता है, वह उनके संभावित साथी को आकर्षित ही करता है. और जितनी जल्दी आप अपनी भावनाओं का इज़हार करेंगे/करेंगी, उतना ही ज़्यादा समय आपको एक-दूसरे को जानने और समझने के लिए मिल जाएगा. इससे आपके बीच के संबंध प्रगाढ़ होंगे और यदि आपने जीवनसाथी बनने का निर्णय ले लिया तो आप दोनों एक-दूसरे के साथ सहजता से तालमेल बिठा सकेंगे.
फ़ोटो : फ्रीपिक