अब रिश्ते ही नहीं, नौकरी भी सोशल मीडिया से मिलने लगी है. जी हां, हम बात कर रहे हैं नौकरी दिलाने में सोशल मीडिया की भूमिका के बारे में.
आज लगभग हर कोई सोशल मीडिया के किसी न किसी प्लैटफ़ॉर्म पर है ही. इसलिए जब आपको किसी अजनबी के बारे में जानना होता है तो आप उसके फ़ेसबुक, ट्विटर या इंस्टाग्राम अकाउंट्स को चेक करने लगते हैं. तो क्या कंपनियों के एचआर को आपने इतना निकम्मा समझ रखा है कि वे अपने यहां किसी को नौकरी देने से पहले उसकी सोशल मीडिया प्रेज़ेंस नहीं चेक करेंगे. बेशक़ वे करते हैं. कहने का सीधा मतलब है, सोशल मीडिया नौकरी दिलाने का नया माध्यम है. एक बात यह भी याद रखें कि अगर आपको प्रभावशाली सोशल मीडिया मौजूदगी की वजह से नौकरी मिल सकती है तो, यहां फैलाए कूड़े से हाथ से जा भी सकती है. तो आइए, उन बातों के बारे में जान लें, जो आपके सोशल मीडिया अकाउंट को नौकरी दिलाने लायक बनाती हैं.
1. क्वॉन्टिटी बनाम क्वॉलिटी
अगर आप उन लोगों में से हैं, जो अपने फ़ेसबुक पोस्ट पर ढेरों पोस्ट करते हैं, वह भी ज़्यादातर फ़ॉर्वर्ड्स या शेयर तो सावधान हो जाएं. अपने पेज पर ढेरों पोस्ट करनेवाले अक्सर क्वॉलिटी पर ध्यान नहीं देते. इससे उनका पेज काफ़ी बेहूदा और बचकाना दिख सकता है. तो हमारा पहला नियम है, ढेरों पोस्ट करने के बजाय उनकी क्वॉलिटी मेंटेन करने पर ध्यान दें. आपका एक सेंसिबल पोस्ट किसी को प्रभावित करने के लिए काफ़ी होगा, बजाय हज़ारों नॉनसेंस पोस्ट्स के. यदि आप जॉब तलाश रहे हैं तो राजनीति और धर्म से जुड़े पोस्ट्स अपने टाइमलाइन पर शेयर न ही करें तो बेहतर होगा.
2. करियर अपडेट्स
आप कहां काम कर रहे हैं? वहां आपकी पोज़िशन क्या है? जैसी बातों को अपने सोशल मीडिया पेज पर अपडेट करते रहें. इससे सही लोगों के आप तक पहुंचने में आसानी होगी. इसके साथ ही अपने करियर की सफलताओं को अपडेट करते रहें, ताकि रीक्रूटर्स आपको नोटिस कर सकें. आपके काम के बारे में अधिक जानकारी उनके काम आ सकती है.
3. सही प्लैटफ़ॉर्म पर, सही जानकारी दें
सोशल नेटवर्किंग के अलग-अलग प्लैटफ़ॉर्म्स के उद्देश्य अलग-अलग होते हैं इसलिए प्लैटफ़ॉर्म के मुताबिक़ जानकारियां अपलोड करें. मसलन- लिंकडिन का इस्तेमाल केवल प्रोफ़ेशनल जानकारियां अपलोड करने के लिए किया जाता है, वहीं इंस्टाग्राम फ़ोटोज़ शेयर करने के लिए, फ़ेसबुक में टेक्स्ट और पिक्चर का संतुलन होता है, ट्विटर पर कम से कम शब्दों में अपनी बातें कही जाती हैं. जब आप इन बातों को समझते हुए उसी अनुसार कंटेंट अपने अलग-अलग सोशल मीडिया पेज पर अपलोड करेंगे तो आपके भावी एम्पलॉयर के आपसे प्रभावित होने की संभावना बढ़ जाएगी.
4. निजी और प्रोफ़ेशनल प्रोफ़ाइल अलग रखें
अगर आपका कोई बिज़नेस है, आप उसे प्रमोट करना चाहते हैं तो उसके लिए अपने निजी प्रोफ़ाइल के अलावा अलग पेज बनाएं. उस पेज पर उस बिज़नेस से जुड़ी गतिविधियों और बातों के बारे में जानकारियां अपडेट करें. आप ऐसे दोस्तों को भी जोड़ सकते हैं, जो आपके बिज़नेस को बढ़ाने में मदद कर सकें. सबसे बड़ी बात निजी और प्रोफ़ेशनल अकाउंट अलग रखकर आप पेशेवर व सुलझे हुए नज़र आएंगे.
5. अगर आपको ख़ुद को एक ब्रैंड बनाना है तो…
आपने ग़ौर किया होगा आपके कई दोस्त सोशल मीडिया पर जाना पहचाना नाम बन गए हैं. ऐसा करने के लिए उन्होंने ख़ुद को, अपने बिज़नेस या स्पेशलाइज़ेशन को ख़ूब प्रमोट किया है. अब लोग उन्हें और उनके काम के बारे में जानने लगे हैं. अगर आप भी ख़ुद को एक ब्रैंड की तरह फलता-फूलता देखना चाहते हैं तो अपने निजी जीवन के बारे में अधिक जानकारियां डालने से बचें. अपने स्पेशलाइज़ेशन के बारे में बात करें. कार्यक्षेत्र से संबंधित ख़बरें शेयर करें. अपनी विशेषज्ञता से जुड़े मुद्दों पर कंटेम्प्रेरी टिप्पणियां करें.
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