बिना तला, पर स्वादिष्ट और मसालेदार भी… जब ऐसे किसी व्यंजन की बात आती है तो कौन-कौन से व्यंजन आपके दिमाग़ में आते है? हां, इडली तो है ही, ढोकला भी कह सकते हैं और भी सबके दिमाग़ में कुछ न कुछ आएगा, पर मुझे ऐसे समय डोसा याद आता है. क्योंकि दाल-चावल का मिश्रण,अन्दर भरी हुई सब्ज़ी और चटनी और सांबार के साथ मसाला डोसा के मुरीद आपको हर जगह मिल जाएंगे. तो चलिए करते हैं बातें डोसे की…
वर्ष 2013 में किए गए एक सर्वे के अनुसार डोसा विश्व की टॉप 10 सबसे ज़्यादा पसंद किए जाने वाले व्यजनों में से एक है. भारत, श्रीलंका, मलेशिया तक में लगभग हर जगह मिलनेवाला डोसा जाने कितने लोगों की पसंद है. अब तो कहा जा सकता है, जहां भारतीय हैं वहां डोसा मिल ही जाएगा… बाज़ार में न सही तो घरों में!
न्यूयॉर्क में एक डोसा कार्नर इतना फ़ेमस है कि क्या देसी, क्या विदेशी सारे लोग लाइन में लगकर डोसा खाने का इंतज़ार करते हैं(न्यूयॉर्क में किसी फ़ूड जॉइंट पर लाइन लगना बड़ी बात है, क्योंकि एक तो लोग कम हैं और ऊपर से किसी खाने के लिए इतना समय देना आम तौर पर प्रचलन में नहीं है).
हमारा डोसा जहां गया, अलग-अलग रूप में ढलता गया. लोगों ने अपने स्वाद के हिसाब से इसका रूप बदल लिया,जैसे- दिल्ली में एक जगह दही बड़े के साथ डोसा खाया जाता है तो कहीं नूडल्स की फ़िलिंग के साथ, कोई पिज़्ज़ा डोसा बेचता है तो कोई मिक्स वेज मसाला डोसा. इसके और भी कई रूप हैं: शेज़वान डोसा, पनीर डोसा, चीज़ डोसा, रवा डोसा, स्प्रिंग डोसा, पालक डोसा… मतलब जिसे जिस रूप में ढालना है, ढाल लो.
ट्रेडिशनली, डोसा बस दाल-चावल के घोल से बना बेसिक डोसा होता था पर बाद में इसमें मसाला भरा जाने लगा. ऐतिहासिक रूप से डोसा का ज़िक्र 5 वीं सदी के ग्रंथ में मिलता है और चीनी यात्री ह्वेनसांग के यात्रा वृतांतों में भी.
कैसे बना डोसा, मसाला डोसा?
डोसा का जन्म भारत में ही हुआ, लेकिन किस राज्य में हुआ इसको लेकर अलग-अलग मत हैं. डोसा के मसाला डोसा बनने के पीछे दो मज़ेदार कहानियां हैं. एक तो ये कि पहले दक्षिण में बस, ब्राह्मण ही भोजन बनाने का काम करते थे और वे प्याज़ लहसुन छूते भी नहीं थे तो डोसा बघारे आलू के साथ परोसा जाता था, पर एक बार आलू बहुत महंगे हो गए तो मजबूरी में आलू के साथ प्याज़ मिलाकर सब्ज़ी बनाई गई और वो प्याज़ लोगों को नज़र न आए इसलिए सब्ज़ी को डोसा के अंदर भर दिया गया…
दूसरी कहानी ये मिलती है कि दक्षिण के एक राजा ने बड़ा भोज दिया और उस भोज में काफ़ी खाना बच गया. राजा भोजन को बर्बाद नही होने देना चाहते थे तो उन्होंने राज रसोइए को बुलाकर कहा कि वो कोई उपाय ढूंढ़े, जिससे ये बची हुई सब्ज़ियां काम में आ जाएं. उस दिन रसोइए ने सब्ज़ियों को मिलाकर एक सब्ज़ी बनाई और उसे डोसे में मसाले के रूप में भरकर, सांबार और चटनी के साथ परोस दिया. सभी ने बड़े चाव से इसे खाया और ऐसे अचानक बन गया मसाला डोसा.
ट्रेडिशनली दक्षिण भारतीय घरों में मसाला डोसा, सादा डोसा, पौड़ी डोसा, पेसाराट्टू डोसा (मूंग की छिलकेवाली दाल का डोसा) बनाया जाता रहा, पर बदलते समय के साथ वहां भी कई प्रयोग हुए कुछ लोगों ने डोसे के अंदर नॉनवेज की फ़िलिंग का भी प्रयोग किया है.
डोसा के नाम का जन्म: एक बड़ी मज़ेदार बात मुझे हाल ही में पता चली कि ऐसा मन जाता है कि डोसा का नाम दोष शब्द से जन्मा जिसका अर्थ था पाप. आप भी सोच रहे होंगे ये क्या बात हुई तो सुनिए, प्राचीन समय में दक्षिण भारत में ब्राह्मण रसोइए होते थे. अब क्योंकि डोसा खमीर उठे दाल चावल से बनता था (इसी तरह से लम्बे समय तक फलों को या दूसरे अन्नों को रखकर शराब बनाई जाती है) तो क्योंकि खमीर उठाया जाता था तो ब्राह्मणों को लगता था कि इसे खाकर उन्हें नशा हो जाएगा… तो वो इसे दोषपूर्ण मानते थे और इसे दोषा नाम से पुकारने लगे जो बाद में डोसा हो गया. कितनी मज़ेदार कहानी है न!
हेल्थी डोसा ऑप्शन्स: हालांकि डोसा पहले ही हेल्थी होता है, इसमें कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन और सांबार के रूप में फ़ाइबर भी काफ़ी होता है पर बदलते समय के साथ लोगों ने डोसे के हेल्थी वर्शन भी ढूंढ़े हैं कुछ हेल्थी वर्ज़न ट्रेडिशनली भी बनाए जाते रहे हैं जैसे अदाई डोसा (मिक्स दालों और चावल का डोसा जिसका खमीर नही उठाया जाता) या हरी मूंग दाल का डोसा.
फ़ोटो में जो डोसा है वो ओट्स और रवा से बनाया गया है, उसमें थोड़ा राजगीर का आटा भी मिलाया गया है और चटनी प्याज़ और टमाटर से बनाई गई कारा चटनी है. इसी तरह मैंने बाजरे के आटे का भी डोसा बनाया है. पीली मूंग दाल का डोसा भी बेहद अच्छा बनता है (बराबर मात्रा में चावल और मूंग दाल) जिन लोगों को उड़द दाल सूट नहीं करती उनके लिए अच्छा विकल्प भी है.
डोसे के मसाले के साथ भी कई प्रयोग किए जा सकते हैं, जैसे- ब्लैक बीन का मसाला या घिसी हुई गाजर, पत्तागोभी और मटर कि सब्ज़ी और चाहें तो काबुली चने या राजमा. इसी तरह अदाई डोसा के तरीक़े से कीन्वा का डोसा भी बनाया जा सकता(चावल की जगह कीन्वा का प्रयोग करके, जो बहुत पोष्टिक और स्वादिष्ट होता है.
क़िस्सा डोसा का: मेरे डोसा से जुड़े कई क़िस्से हैं, क्योंकि ये मेरे सबसे प्रिय व्यंजनों में से एक है. तो आपको ये वाला क़िस्सा ज़रूर सुनाना चाहूंगी कि जब मेरे बेटे का जन्म होने वाला था तो यही आख़िरी चीज़ थी, जिसकी मुझे क्रेविंग हुई थी (वैसे चटोरों को कौन सी चीज़ याद नहीं आती!) और रात को 10 बजे मेरे लिए मम्मी पापा ने डोसा का इन्तज़ाम किया था. बाक़ी क़िस्सों का क्या है? वो तो ढेर होते हैं और आपके पास भी होंगे कुछ… तो चुप मत रही हमें लिख भेजिए इस पते पर : [email protected] और हम जल्द मिलेंगे अगले क़िस्सों के साथ
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट, happyandharried.com , masalakorb.com