• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

भारत में दलित, भारत के दलित (पांचवीं कड़ी): 11 सूत्रीय सुझाव, जो लाएंगे दलितों के हालात में बदलाव

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
October 27, 2023
in ज़रूर पढ़ें, नज़रिया, सुर्ख़ियों में
A A
भारत में दलित, भारत के दलित (पांचवीं कड़ी): 11 सूत्रीय सुझाव, जो लाएंगे दलितों के हालात में बदलाव
Share on FacebookShare on Twitter

‘भारत के दलित, भारत में दलित’ की पांचवीं और अंतिम कड़ी में डॉ रामजीलाल दलितों के सही मायने में उत्थान के लिए क्या किया जाना चाहिए, इस विषय पर बिंदुवार चर्चा कर रहे हैं. आज़ादी पूर्व के समाज सुधारक दीनबंधु छोटू राम का उदाहरण देते हुए वे दलित वर्ग की स्थिति को सुधारने के 11 सूत्रीय सुझाव दे रहे हैं.

डॉ रामजीलाल यूं तो इन सुधारों की बात हरियाणा को संदर्भ बनाते हुए कर रहे हैं, पर इसमें कुछ छोटे-मोटे बदलावों के साथ देश के अलग-अलग हिस्सों में भी लागू किया जा सकता है. आइए उनके सुझावों पर नज़र डालते हैं.

हरियाणा में दलित वर्ग की स्थिति को सुधारने के लिए 11 सूत्रीय सुझावों में प्रथम है, दलित वर्ग के पुरुषों, स्त्रियों, युवकों और युवतियों को दलित वर्ग की सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और शिक्षा संबंधी समस्याओं के बारे में जागृत किया जाए.
द्वितीय, संविधान की प्रस्तावना, संविधान में अनुसूचित जातियों संबंधी अनुच्छेदों, सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के निर्णयों का ज्ञान होना अति आवश्यक है.
तृतीय, प्रत्येक गांव और शहर में ग़ैर-सरकारी दलित स्वयं सेवी संस्थाओं की स्थापना होनी चाहिए. इन संस्थाओं के द्वारा अन्य प्रगतिशील संगठनों के साथ तालमेल बैठाकर कार्य करना चाहिए. इस कार्य में अन्य जातियों और विभिन्न धर्मों के दलित और ग़ैर-दलित युवाओं व युवतियों का जोड़ना बहुत ज़रूरी है ताकि सद्भावना की भावना अग्रसर हो सके और वंचित वर्ग की समस्याओं का प्रचार और प्रसार राष्ट्रपति भवन से दूरदराज क्षेत्रों में झोपड़ी तक पहुंचे.
चतुर्थ, पंचायत से पार्लियामेंट तक जनप्रतिनिधियों, हरियाणा सरकार, दलित संगठनों और अभिजात वर्ग और वक़ीलों के द्वारा अज/अजज सम्बंधित अधिनियम व आईपीसी की उचित धाराओं, सरकारों की दलित संबंधी योजना, नीतियों व क़ानूनों इत्यादि का प्रचार और प्रसार पर बल देना निहायत ज़रूरी है.
पंचम, दलित ऐतिहासिक, सामाजिक और आर्थिक स्थिति का ज्ञान होना और विचार गोष्ठियों, सम्मेलनों और व्याख्यानों द्वारा प्रचार करना, सोशल मीडिया पर दलित विरोधी पोस्टों की आलोचना करना व दलित समाज को उचित जानकारी देना भी ज़रूरी है.
छठा, दलित वर्ग के युवकों और युवतियों को दलित साहित्यकारों, विद्वानों और राजनेताओं के जीवन का अध्ययन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए.
सप्तम, दलित वर्ग पर होने वाली हिंसा और अत्याचारों रोकने के लिए संगठित होकर जन आंदोलन करना बहुत ही ज़रूरी है.
अष्टम, राजनीतिक दलों के दलित सांसदों, विधायकों तथा पदाधिकारियों द्वारा समाज में संदेशवाहक का कार्य करना चाहिए. दलगत भावना से ऊपर उठकर सामूहिक रूप से जनप्रतिनिधियों के द्वारा कार्य करना अत्यंत ज़रूरी है .
नौवां, पुलिस, प्रशासन व न्यायपालिका के दृष्टिकोण बदलाव करना ताकि वे जातीय चश्मा उतार कर समस्याओं का अध्ययन करके दलित विरोधी परम्परागत मानसिकता परित्याग कर सकें. पुलिस थानों मे त्वरित एफ़आईआर दर्ज करना व निष्पक्ष छानबीन करने के लिए निरंतर जागरूकता पैदा करना और सामूहिक दबाव डालना ज़रूरी है.
दसवां, दलित वर्ग पर होने वाली हिंसा और अत्याचारों के मामलों की न्यायपालिका में त्वरित सुनवाई व निर्णय होना चाहिए. भारत के उच्च अनुसंधान संस्थाओं, उच्च न्यायालायों व सर्वोच्च न्यायालाय में आरक्षण लागू होना.
ग्यारहवां, समस्त भारत में अतिरेक (सरप्लस) भूमि तथा पंचायती राज संस्थाओं के अंतर्गत आने वाली भूमि वंचित वर्ग की महिलाओं को वितरित किया जाए. इस संबंध में हम अपने सुधी पाठकों का समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट पर ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं. समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार ‘ढाई लाख पंचायतों की ज़मीनों बाज़ार में उतारने की तैयारी’ है. अन्य शब्दों में पंचायती राज के अंतर्गत आने वाली ज़मीनों को बेचकर सरकार अरबों रुपए कमाना चाहती है. हमारा मानना यह है कि पंचायती राज संस्थाओं के अंतर्गत आने वाली भूमि को उसी ग्राम के वंचित वर्ग की महिलाओं के नाम उचित अनुपात के आधार पर मालिकाना हक़ दिया जाए ताकि इस भूमि का प्रयोग भूमिहीन महिलाओं के द्वारा अपने परिवारों का जीवन यापन करने के लिए किया जाए. ज़मीन की रजिस्ट्री वंचित वर्ग की महिलाओं के नाम की जाए और साथ में यह भी कंडीशन लगाई जाए कि वे इस ज़मीन को किसी रूप में न तो ठेके पर देंगे और न ही इसको बेच सकेंगे. समाचार पत्रों में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 12 जिलों में लगभग 14,000 एकड़ ज़मीन पंचायती राज ज़मीन को चिह्नित की गई है. इसी प्रकार अन्य ज़िलों में भी पंचायती राज ज़मीन को चिह्नित लिया जाए और इसको हरियाणा के वंचित वर्ग की महिलाओं को वितरित किया जाए. यह कोई कठिन काम नहीं है. भारतीय व राज्य सरकारों को दीनबंधु छोटू राम का अनुसरण करना चाहिए.

इन्हें भीपढ़ें

idris-hasan-latif

एयर चीफ़ मार्शल इदरीस हसन लतीफ़: भारतीय वायुसेना के एक प्रेरक नायक

June 5, 2025
यहां मिलेंगे बारिश में झड़ते बालों को रोकने के उपाय

यहां मिलेंगे बारिश में झड़ते बालों को रोकने के उपाय

June 5, 2025
naushera-ka-sher_brig-mohd-usman

ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान: नौशेरा का शेर

June 4, 2025
कल चौदहवीं की रात थी: इब्न ए इंशा की ग़ज़ल

कल चौदहवीं की रात थी: इब्न ए इंशा की ग़ज़ल

June 4, 2025

Sir-chhotu-ram

सरकारें क्यों नहीं चल सकतीं दीनबंधु छोटू राम की राह पर?
हम अपने सुधि पाठकों को यह बताना चाहते हैं कि 13 अप्रैल 1938 (13 अप्रैल बैसाखी का दिन) को असंख्य बाधाओं को पार करके 4,54,625 एकड़ कृषि योग्य सरकारी भूमि ₹3 प्रति एकड़ बिना ब्याज के 12 वर्षों में 4 आना (वर्तमान में 25 पैसा) वार्षिक के आधार पर अनुसूचित जातियों में अलाट की गई थी और उनको मालिकाना हक़ दिया गया था. यह भूमि मुल्तान (वर्तमान पाकिस्तान) ज़िले के अनुसूचित जाति के लोगों को बांटी गई थी.13 अप्रैल (बैसाखी का दिन) को ही छोटू राम को हाथी पर बैठा कर जुलूस निकाला गया. इसमें हज़ारों की संख्या में अनुसूचित जातियों  तथा अन्य जातियों के जनसैलाब के द्वारा सर छोटू राम को ‘दीनबंधु की उपाधि’ नवाजी गई थी. यह उपाधि किसी विश्वविद्यालय के द्वारा नहीं दी गई थी अपितु जनता के द्वारा यह सार्वजनिक सम्मान दिया गया था, जो विश्वविद्यालयों द्वारा दी गई उपाधियों से बहुत अधिक बड़ा है. जब आज से लगभग नौ दशक पूर्व दीनबंधु छोटू राम सरकारी ज़मीन को वंचित वर्ग में वितरण कर सकते थे तो वर्तमान सरकारों के सामने क्या अड़चन है? यह एक यक्ष प्रश्न है.

सरकारी नौकरियों की प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाने की ज़रूरत है
सारांशत: 20 अगस्त 2023 को हरियाणा एससी कर्मचारी संघ के नेतृत्व में अनुसूचित जातियों के कर्मचारियों के द्वारा करनाल में रैली का आयोजन किया गया. इस रैली में मुख्य नारा था: ‘शिक्षा बचाओ, रोज़गार बचाओ और प्रतिनिधित्व पाओ’. करनाल रैली में वक्ताओं के द्वारा अनेक सुझाव जो अन्य राज्यों में लागू हैं उनको हरियाणा में लागू करने के लिए स्पष्ट आह्वान किय़ा. हरियाणा में सरकारी नौकरियों में रिक्त स्थानों पर तुरंत प्रभाव से नियुक्ति की जाए तथा पदोन्नति के बैक लॉक को पूरा किया जाए. केवल यही नहीं, अपितु उत्तर प्रदेश सरकार की तरह हरियाणा में सभी स्कूलों, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों तथा सरकार से अनुदान प्राप्त करने वाले सभी ग़ैर-सरकारी स्कूलों, कॉलेजों व विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की भर्ती के लिए राज्य स्तरीय शिक्षक आयोग की स्थापना की जाए. सरकार को चाहिए कि वह तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान इत्यादि राज्यों की भांति एससी/ एसटी कंपोनेंट ऐक्ट निर्मित करे और एससी सब प्लान अधिनियम के अंतर्गत अनुसूचित जातियों की संख्या के अनुसार बजट निर्धारित किया जाए. इस बजट को केवल अनुसूचित जातियों के विकास के लिए ही ख़र्च किया जाए. दलित युवा वर्ग को रोजगार दिलाने के लिए तेलंगाना की भांति दलित बंधु योजना को लागू करें और बेरोज़गार दलित युवाओं रोज़गार चलाने के लिए कौशल रोज़गार योजना के अंतर्गत 10 लाख रुपए तक मिलने वाली अनुदान राशि डायरेक्ट योजना के अधीन उनके खातों में डाली जाए और कौशल रोजगार निगम को बंद करके सीधी भर्ती की जाए.
परन्तु य़ह तभी लागू हो सकते हैं जब डॉ. बीआर अंबेडकर के उद्घोष–शिक्षित बनो, संगठित बनो व संघर्ष करो को व्यावहारिक रूप में अपनाया जाए़गा, क्योंकि निरंतर जागरूकता ही स्वतंत्रता का मूल्य है. हरियाणा सहित पूरे भारत में दलित वर्गों की स्थिति में सुधार के लिए सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक, राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर महत्वपूर्ण क़दम उठाने की सख़्त ज़रूरत है.


संदर्भ:
डॉ. रामजीलाल,‘दीनबंधु सर छोटू राम के चिंतन और कार्यों की वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिकता: एक विश्लेषणात्मक अध्ययन’, जाट तरंग, करनाल, वर्ष 3, अंक 2, फ़रवरी 2016, पृ. 20 -31
9 सितंबर 2023 को प्रगतिशील लेखक संघ, करनाल द्वारा आयोजित सम्मेलन में डॉ. रामजीलाल का आख्यान.

Tags: Caste CensusCaste system in IndiaDalitDalits in IndiaDr Babasaheb AmbedkarIncreasing Dalit Atrocity casesNazariyaOBC in IndiaScheduled CasteScheduled TribesWho are the Dalitsनज़रिया
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

abul-kalam-azad
ओए हीरो

मौलाना अबुल कलाम आज़ाद: वैज्ञानिक दृष्टिकोण के पक्षधर

June 3, 2025
dil-ka-deep
कविताएं

दिल में और तो क्या रक्खा है: नासिर काज़मी की ग़ज़ल

June 3, 2025
badruddin-taiyabji
ओए हीरो

बदरुद्दीन तैयबजी: बॉम्बे हाई कोर्ट के पहले भारतीय बैरिस्टर

June 2, 2025
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.