अधिकांश बीमारियों की जड़ होता है तनाव यानी स्ट्रेस. हम रोज़ाना इतनी तरह की चुनौतियों से जूझते हैं कि तनाव होना असामान्य बात नहीं हैं, लेकिन इसका लगातार होना और इस पर क़ाबू पाने की कोशिश न करना, इस पर नियंत्रण नहीं लगाना घातक हो सकता है. यहां हम आपको बता रहे हैं कि किस तरह छोटी-छोटी बातों को अमल में लाकर आप तनाव को कह सकते हैं अलविदा…
क्या आप जानना चाहते हैं कि आख़िर हमें तनाव होता क्यों है? दरअसल, हमारा शरीर इस तरह बना हुआ है, जो हमें हिंसक जानवरों और अपने शिकारियों से बचने के लिए चौकन्ना रखता है. हालांकि अब वो दिन तो लद गए जबकि मनुष्य वन-वन भटकता था, लेकिन अब इसी प्रक्रिया के चलते हमारा शरीर दूसरी तरह के तनाव लेने लगा है.
आज के समय में हमारी ख़ुद से और समाज की हमसे बहुत-सी अपेक्षाएं होती हैं, जिनका दबाव लेते-लेते हम-आप तनाव यानी स्ट्रेस का शिकार हो जाते हैं. काम का बोझ, ढेर सारे बिल्स भरने का दबाव, परिवार के सदस्यों की देखरेख जैसे कामों को भी हमारा शरीर छोटी-मोटी अड़चन की तरह ट्रीट करता है, जो तनाव का रूप ले लेता है. पर तनाव से निपटना आसान है. बस, आपको थोड़ी-सी कोशिश करनी होगी.
जब हमें तनाव होता है तो हमारे शरीर मे कॉर्टिसॉल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है. कॉर्टिसॉल हमारे शरीर में ब्लड-शुगर के स्तर के साथ-साथ कई शारीरिक प्रक्रियाओं को नियंत्रण में रखता है. यह शरीर का ब्लड प्रेशर नियंत्रित रखता है, हमारी सोने-जागने की साइकल को भी ठीक रखता है. शरीर में कॉर्टिसॉल का स्तर बढ़ने और घटने दोनों से ही कई तरह की समस्याएं होती हैं. यदि इसका स्तर बढ़ जाए तो हमें हाई ब्लड प्रेशर, मासंपेशियों में कमज़ोरी, ज़्यादा प्यास लगना, मूंड स्विंग्स, चेहरे व पेट पर अचानक वज़न का बढ़ना जैसी समस्याएं होती हैं, जिसे कुशिंग्स सिंड्रोम कहा जाता है.
ऐसे में यदि आप भी तनाव के स्तर को कम करना चाहते/चाहती हैं तो इन बातों को अपने जीवन में शामिल करें…
नियमित रूप से करें एक्सरसाइज़: शारीरिक रूप से सक्रिय रहने से आपका मूड अच्छा होगा और तनाव का स्तर कम होगा. आप अपनी उम्र, शारीरिक बनावट और क्षमता के अनुरूप रोज़ाना कोई भी आसानी से की जानेवाली कसरत को अपनी दिनचर्या में शामिल करें. यदि आप एक्सरसाइज़ नहीं करना चाहते तो रोज़ाना आधे घंटे की वॉक को अपने रूटीन का हिस्सा बना लें.
सेहतमंद भोजन खाएं: घर का बना हुआ सेहतमंद और संतुलित भोजन करने से कॉर्टिसोल का बढ़ा हुआ स्तर कम हो जाता है. कुछ ऐस खाद्य पदार्थ जो आपके कॉर्टिसॉल के लेवल को नियंत्रण में रखेंगे वे हैं: केला, नाशपाती, दही, सामान्य या ग्रीन टी और डार्क चॉकलेट्स. इसके अलावा प्रोबायोटिक खाद्य पदार्थ, जिनमें घुलनशील फ़ाइबर्स हों, वे भी तनाव को कम करेंगे. डीहाइड्रेशन से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं, इससे भी कॉर्टिसॉल का स्तर कम होता है.
नींद का समय निश्चित रखें: नींद के सही ढंग से पूरे होन पर भी आपको तनाव में कमी महसूस होगी और इससे कॉर्टिसॉल का स्तर भी नियंत्रित रहेगा. अच्छी नींद लेने के लिए बहुत ज़रूरी है कि आप अपने सोने और जागने का समय निश्चित रखें. सोने से पहले गुनगुना दूध पीने से भी नींद अच्छी आती है. सोने से दो घंटे पहले कैफ़ीन वाले ड्रिंक्स बिल्कुल न पिएं, ये आपकी नींद में ख़लल पैदा करेंगे.
रिलैक्स रहने की तकनीक सीखें: यदि आपको ज़्यादा तनाव होता है तो आप मेडिटेशन या प्राणायाम यानी ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ सीखें. ये आपको तनाव से लड़ने में मदद करेंगी. इसके अलावा आप अपनी मनपसंद शौक़ यानी हॉबी को समय दें, जैसे- पेंटिंग, डांसिंग, इनडोर या आउटडोर गेम्स खेलना, गार्डनिंग, ट्रैवलिंग आदि. तनाव कम करने और सेहतमंद जीवन जीने में हॉबीज़ अहम् भूमिका निभाती हैं.
फ़ोटो: गूगल