हमें पता है कि आप स्वस्थ रहने के लिए अपने एक्सरसाइज़ रूटीन को नियमित रखते हैं. लेकिन क्या आप एक्सरसाइज़ करते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि कहीं इसकी वजह से आपके जोड़ों यानी जॉइन्ट्स को नुक़सान तो नहीं पहुंच रहा? कहीं इसके कारण आपको जोड़ों में दर्द तो नहीं हो रहा? यदि आप ऐसा नहीं कर रहे हैं तो यह आलेख आपके लिए है, ताकि आप जान सकें एक्सरसाइज़
करने का सही तरीक़ा, जिससे कसरत करने की वजह से आपको जोड़ों का दर्द
न होने पाए.
जितनी ज़रूरी यह बात है कि एक्सरसाइज़ नियमित रूप से की जाए, उतनी ही ज़रूरी बात यह भी है कि एक्सरसाइज़ सही तरीक़े से की जाए, ताकि आपके जोड़ों को नुक़सान न पहुंचे. यहां हम एक्सरसाइज़ के कुछ टिप्स दे रहे हैं, जो आपको जॉइन्ट पेन से बचाने का काम करेंगे.
सही फ़िटिंग के और आरामदेह हों जूते व कपड़े
वर्कआउट कर रहे हैं तो आपके जूते बहुत आरामदेह और सही फ़िटिंग के होने चाहिए. बहुत पुराने हो चुके जूतों को न पहनें, क्योंकि ये केवल आपके पैरों की ही नहीं, बल्कि घुटनों और हिप्स के जॉइन्ट्स की सेहत पर भी नकारात्मक असर डालेंगे. यही बात वर्कआउट के समय के आपके आउटफ़िट पर भी लागू होती है. यदि आप ज़रूरत से ज़्यादा कसे हुए कपड़े पहनेंगे तो घर्षण के कारण आपके जोड़ों को नुक़सान पहुंचेगा.
वॉर्मअप से करें शुरुआत
तेज़ गति से एक्सरसाइज़ की शुरुआत न करें, बल्कि इसकी शुरुआत वॉर्मअप से करें, जैसे- एक्सरसाइज़ शुरू करने से पहले पांच मिनट टहलें. इससे आपकी मांसपेशियों में हलचल होगी और वे लचीली हो जाएंगी. इसकी वजह से आपके जोड़ों पर कम ज़ोर पड़ेगा और दर्द भी नहीं होगा.
बदलते रहें एक्सरसाइज़ का तरीक़ा
रोज़ाना एक ही जैसी और एक ही तीव्रता की एक्सरसाइज़ न करें. कम, मध्यम और तेज़ तीव्रता की एक्सरसाइज़ को बदल-बदल कर करें, ताकि जोड़ों पर लगातार बहुत ज़ोर न पड़ने पाए. सही तकनीक से या फिर किसी के मार्गदर्शन में आप ऐसा करना सीख सकते हैं. इसके अलावा, स्विमंग पूल में एक्सरसाइज़ करना भी एक तरीक़ा है, जिससे आपके जोड़ों पर बहुत कम ज़ोर पड़ेगा. बड़े शहरों में पूल में एक्सरसाइज़ करवाने के लिए एक्स्पर्ट इंस्ट्रक्टर्स भी उपलब्ध होते हैं.
ज़रूरत से ज़्यादा एक्सरसाइज़ न करें
यदि आपने हाल ही में वर्कआउट शुरू किया है तो किसी भी तरह की जल्दबाज़ी में ज़रूरत से ज़्यादा एक्सरसाइज़ न करें. एक्सरसाइज़ के बाद थोड़ा बहुत दर्द तो सामान्य है, लेकिन यदि यह दर्द लगातार बना रहता है तो बहुत संभव है कि आप ज़रूरत से अधिक एक्सरसाइज़ कर रहे हों. ऐसे में एक्सरसाइज़ की तीव्रता को कम करें.
ख़ूब पानी पिएं
पानी पीना तो हमारी सेहत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ही और बेशक़ यह बात हमारे जॉइन्ट्स को सेहतमंद रखने पर भी लागू होती है यदि आपको वर्कआउट के दौरान बहुत पसीना आता है तो आपको शरीर में होने वाली पानी की कमी से बचने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहना चाहिए. यदि ज़्यादा पसीना नहीं आता है, तब भी आपको अपना गला तर करते रहना चाहिए.
कूल डाउन करना न भूलें
वॉर्मअप की तरह ही एक्सरसाइज़ के बाद शरीर को कूल डाउन करना भी उतना ही ज़रूरी है. जब वर्कआउट ख़त्म होने को आए तो अपनी एक्सरसाइज़ की गतिविधियों को धीमा करते हुए समाप्ति पर लाएं और ख़त्म करने से पहले स्ट्रेचिंग ज़रूर करें. इससे आपका शरीर अगले दिन अकड़ा हुआ नहीं, बल्कि लचीला बना रहेगा.
ब्रेक लेना है ज़रूरी
एक अच्छे वर्कआउट सेशन के बाद अपने जोड़ों और मांसपेशियों को इतना आराम देना भी ज़रूरी है कि वे अपने भीतर हुई टूट-फूट की मरम्मत कर सकें और मज़बूत हो सकें. अत: अपना साप्ताहिक वर्कआउट प्लैन बनाते समय इस बात का पूरा ध्यान रखें कि आपकी मसल्स और जॉइंट्स को आराम मिलता रहे.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट