पिछले ओलंपिक यानी 2016 के रियो ओलंपिक में भारत को अपना पहला मेडल पाने के लिए 13 दिनों का इंतज़ार करना पड़ा था. इस बार मीराबाई चानू ने दूसरे ही दिन भारत को पदक तालिका में जगह दिला दी. आज का दिन वेटलिफ़्टिंग में मीराबाई की ख़िताबी सफलता और पुरुष हॉकी टीम के विजयी आगाज के नाम रहा.
विभिन्न खेलों में किए गए मिले-जुले प्रदर्शन के बावजूद टोक्यो में मौजूद भारतीय ओलंपिक दल का मोराल आज हाई रहा, कारण महिलाओं की 49 किलोग्राम कैटेगरी की वेटलिफ़्टिंग प्रतियोगिता में मीराबाई चानू द्वारा जीता गया सिल्वर मेडल.
मीराबाई की बदौलत 21 साल बाद वेटलिफ़्टिंग में भारत को मिली ख़िताबी सफलता
मणिपुर मूल की वेटलिफ़्टर मीराबाई चानू ने 49 किलोग्राम वर्ग में रजत पदक जीतते ही पदक तालिका में भारत को जगह दिलाने के साथ-साथ वेटलिफ़्टिंग में पदक जीतनेवाली दूसरी भारतीय बन गईं. उनसे पहले वर्ष 2000 के सिडनी ओलंपिक्स में कर्णम मल्लेश्वरी ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता था. बता दें कि सिडनी ओलंपिक में कर्णम मल्लेश्वरी पदक जीतनेवाली एकमात्र भारतीय थीं, इस बार भारत के पास कई और खेलों में पदक जीतने का मौक़ा है.
बात करें मीराबाई की इस सफलता की तो उन्होंने इस पदक को अपने नाम करने के लिए क्लीन ऐंड जर्क में 115 किलो और स्नैच में 87 किलो यानी कुल 202 किलोग्राम वज़न उठाया था. चीन की होऊ झिऊई ने उनसे 8 किलो ज़्यादा वज़न उठाकर स्वर्ण पदक जीता था. इस चीनी वेटलिफ़्टर ने क्लीन ऐंड जर्क में 116 किलो और स्नैच में 94 किलो समेत कुल 210 किलो वज़न उठाया था. कांस्य पदक जीतनेवाली इंडोनेशियाई खिलाड़ी ऐसाह विंडी कांटिका कुल 194 किलो वज़न उठा पाई थीं.
क्यों ख़ास है मीराबाई चानू की यह सफलता?
मीराबाई चानू की यह सफलता कई मायनों में ख़ास है, विशेषरूप से यह देखते हुए कि वे एक बेहद मॉडेस्ट बैक्ग्राउंड से आती हैं. अपने ही राज्य की मशहूर भारतीय वेटलिफ़्टर कुंजारानी देवी से प्रभावित होकर वर्ष 2007 में वेटलिफ़्टिंग शुरू करनेवाली मीराबाई चानू ने जल्द ही जूनियर लेवल पर अपनी पहचान बना ली थी. सीनियर स्तर पर उनकी पहली बड़ी सफलता थी 2014 के कॉमनवेल्थ खेलों में सिल्वर मेडल की जीत. ऑस्ट्रेलिया के गोल्डकोस्ट में आयोजित 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में उन्होंने स्वर्ण पदक जीता था.
बहरहाल भारतीय रेलवे में कार्यरत मीराबाई का बचपन काफ़ी संघर्ष करते हुए बीता है. उनका जन्म इम्फ़ाल से 20 किलोमीटर दूर स्थित काकचिंग नामक गांव के एक ग़रीब परिवार में हुआ था. छह भाई बहनों में सबसे छोटी मीराबाई जलावन के लिए लकड़ियां इकट्ठा करने पहाड़ी पर जाती थीं और अपने बड़े भाई से ज़्यादा लकड़ियां आसानी से उठा लेती थीं. बचपन की ग़रीबी में सीखे इस पाठ ने आगे चलकर उनकी ज़िंदगी बदल दीं. अब वे भारत के ओलंपिक इतिहास की सबसे चमकदार सितारों में एक बन गई हैं.
हॉकी में विजयी सलामी, पर दूसरे खेलों में मिली नाकामी
भारत ने ओलंपिक खेलों में सबसे ज़्यादा मेडल मेन्स हॉकी में जीते हैं. पर साल 1980 के बाद भारतीय टीम एक अदद हॉकी गोल्ड के लिए तरस गई है. गोल्ड तो छोड़िए पोडियम पर जगह बनाने में नाकाम रही है. इन 41 सालों में भारतीय हॉकी का प्रदर्शन लगातार ख़राब होता गया है. पर टोक्यो ओलंपिक में विजयी शुरुआत के साथ भारतीय मेन्स हॉकी ने मेडल की उम्मीद बंधा दी है. हालांकि इसके लिए अभी लंबा सफ़र तय करना है, पर न्यू ज़ीलैंड पर मिली 3-2 की जीत को इस दिशा में बढ़ाया गया पहला सही क़दम कहा जा सकता है.
हालांकि देर शाम भारत को हॉकी मैदान से बुरी ख़बर मिली. महिला टीम अपने पहले मुक़ाबले में नेदरलैंड की टीम से बुरी तरह हार गई. 1-5 के भारत अंतर से मिली हार हौसला तोड़ने वाली है, पर भारतीय महिला टीम के पास अभी और मौक़े हैं.
शूटिंग में सौरभ चौधरी का चूका निशाना
शूटिंग यानी निशानेबाज़ी वह खेल है, जिसमें पिछले कुछ सालों में भारत का दबदबा बढ़ा है. आज महिलाओं के 10 मीटर एयर रायफ़ल और पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल के मुक़ाबले हुए. जहां अपूर्वी चंदेला और इलावेनिल वलारिवान फ़ाइनल के लिए क्वॉलिफ़ाई करने में बुरी तरह नाकाम रहीं, वहीं पुरुषों के 10 मीटर एयर पिस्टल मुक़ाबले में सौरभ चौधरी ने ज़बर्दस्त आगाज़ करते हुए आज ही के दिन भारत के दूसरे पदक की उम्मीद जगा दी थी. क्वॉलिफ़ाइंग राउंड में बेहतरीन निशानेबाज़ी करते हुए वे पहले क्रमांक पर रहे. पर फ़ाइनल में यह 19 वर्षीय निशानेबाज़ पिछड़ कर सातवें क्रमांक पर रहा. पर इतनी कम उम्र में उनका प्रदर्शन अच्छा ही कहा जाएगा. टोक्यो का अनुभव आगे ज़रूर काम आएगा.
तीरंदाज़ी में दक्षिण कोरिया के सामने टूटी भारतीय चुनौती
कल तीरंदाज़ी के रैंकिंग मुक़ाबलों के बाद मिक्स्ड टीम के लिए भारत की ओर से दीपिका कुमारी और प्रवीण जाधव चुने गए थे. आज खेले गए मिक्स्ड टीम मुक़ाबलों में भारत ने चाइनीज़ ताइपे को हराकर जीत के साथ शुरुआत की, पर क्वॉर्टफ़ाइनल में भारतीय टीम का मुक़ाबला दक्षिण कोरिया से था, जहां उन्हें करारी मात मिली.
दूसरे खेलों में आज कैसा रहा भारत का प्रदर्शन?
* बॉक्सिंग रिंग से आई निराश करनेवाली ख़बर. शूटिंग के बाद बॉक्सिंग वह खेल है, जिसमें भारत को मेडल जीतने की पूरी उम्मीद है. पर इसकी शुरुआत शुभ नहीं रही. अनुभवी मुक्केबाज़ विकास कृष्ण यादव राउंड ऑफ़ 32 में हारकर बाहर हो गए. उम्मीद है बॉक्सिंग के कल के मुक़ाबलों में भारतीय मुक्केबाज़ अच्छा प्रदर्शन करेंगे.
* आज टेबलटेनिस में मिक्स्ड डबल्स और महिला तथा पुरुष सिंगल्स के मुक़ाबले भी हुए. जहां मिक्स्ड डबल्स में भारतीय चुनौती ख़त्म हो गई, वहीं महिला सिंगल्स में मनिका बत्रा अगले राउंड में जाने में सफल रहीं. वुमन्स सिंगल्स में सुतीर्था मुखर्जी भी अपने पहले राउंड का मुक़ाबला जीत गईं.
* बैडमिंटन में पुरुषों के सिंगल में बी साई प्रणीत अपना पहला मुक़ाबला हार गए, वहीं मेन्स डबल्स में सात्विकसाईराज रैंकीरेड्डी और चिराग शेट्टी की जोड़ी ने जीत के साथ शुरुआत की.
* जूडो में भारतीय की एल सुशीला देवी पहले ही राउंड में बाहर हो गईं.
* टेनिस के पुरुष सिंगल्स में सुमीत नागल ने जीत के साथ शुरुआत की.
कल किन भारतीय खिलाड़ियों और खेलों पर रहेगी नज़र?
* रियो में बैडमिंटन में रजत पदक जीतनेवाली पीवी सिंधु कल अपने ओलंपिक अभियान की शुरुआत करेंगी.
* शूटिंग में 10 मीटर एयर पिस्टल वुमन्स में यशस्विनी सिंह देसवाल और मनु भाखड़ भाग लेंगी. दोनों ही युवा खिलाड़ियों को पदक का दावेदार माना जाता है.
* शूटिंग में ही पुरुषों के स्कीट प्रतियोगिता में मेराज अहमद ख़ान और अंगद वीर सिंह निशाना साधेंगे.
* आर्टिस्टिक जिम्नैस्टिक्स में प्रणिति नायक अपना अभियान शुरू करेंगी.
* नौकायन की प्रतियोगिता में अर्जुन लाल जाट और अरविंद सिंह भाग लेंगे.
* महिला टेनिस के डबल्स मुक़ाबलों में अनुभवी सानिया मिर्ज़ा अपनी जोड़ीदार अंकिता रैना के साथ उतरेंगी.
* सेलिंग के महिला मुक़ाबलों में नेत्रा कुमानन और पुरुषों के मुक़ाबलों में विष्णु सर्वनन को हाथ आज़माना है.
* शूटिंग के 10 मीटर एयर राइफ़ल मेन्स प्रतियोगिता में दीपक कुमार और दिव्यांशु सिंह पंवार को निशाना लगाना है.
* महिला और पुरुषों के टेबल टेनिस सिंगल्स के अगले राउंड के मुक़ाबले खेले जाने हैं.
* ओलंपिक में भारत की मेडल होप एमसी मैरी कॉम कल रिंग में उतरेंगी. बॉक्सिंग के मेन्स लाइटवेट मुक़ाबले में मनीष कौशिक मुक्का चलाएंगे.
* पुरुष हॉकी टीम अगले पूल मैच में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी.
* स्विमिंग प्रतियोगिताओं में वुमन्स 100 मीटर बैकस्ट्रोक में मन्ना पटेल और मेन्स 100 मीटर बैकस्ट्रोक में श्रीहरि नटराज भाग्य आज़माएंगे.
यानी हम कह सकते हैं कि ओलंपिक का तीसरा दिन भारतीय दल के लिए काफ़ी व्यस्त रहनेवाला है.