क्या मॉल्स में या ऑनलाइन कपड़े ख़रीदते वक़्त आपने उनके साइज़ को लेकर दिक़्क़त महसूस की है? मसलन, यूके साइज़ 16 आपको आ जाता है, लेकिन यूएसए साइज़ में आपको कौन-सा साइज़ लेना चाहिए ये आपको नहीं पता या किसी एक ब्रैंड का मीडियम आपको सही आता है, लेकिन दूसरे ब्रैंड का मीडियम आपको कसा हुआ महसूस होता है? यदि आपने भी इस बात की परेशानी महसूस की है तो जल्द ही आपको इस परेशानी से राहत मिल सकती है, क्योंकि इंडियासाइज़ सर्वे को हमारी-आपकी इस समस्या को देखते हुए ही शुरू किया गया है.
क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है कि किसी ब्रैंड के किसी साइज़ के रेडीमेड कपड़े आपको कंधे पर फ़िट आते हैं तो कमर के पास एकदम ढीले या फिर कमर के पास फ़िट आते हैं, लेकिन कंधों पर इतने कसे हुए कि जैसे फट ही जाएं? यदि आप भी उन लोगों की जमात में शामिल हैं, जिन्हें अलग-अलग ब्रैंड्स में अपने साइज़ को लेकर कन्फ़्यूशन हुआ है या होता रहता है तो जल्द ही आपको इस पसोपेश से छुटकारा मिल जाएगा. हाल ही में भारतीय साइज़ को लेकर एक ऑफ़िशल सर्वे लॉन्च हुआ है, जिसकी पहल टेक्स्टाइल मंत्रालय और नैशनल इन्स्टीट्यूट ऑफ़ फ़ैशन ऐंड टेक्नोलॉजी यानी निफ़्ट ने मिलकर की है. इसे सर्वे को नाम दिया गया है-इंडियासाइज़ (INDIAsize). इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य ये है कि रेडी-टू-वेयर कपड़ों के क्षेत्र में भारत के लोगों के लिए एक नया स्टैंडर्डाइज़्ड साइज़ चार्ट तैयार किया जाए.
यूं तो इस प्रोजेक्ट की घोषणा वर्ष 2019 में हो गई थी, लेकिन पैन्डेमिक के चलते इसमें देर हो गई. इंडियासाइज़ सर्वे के लिए देशभर के छह क्षेत्रों को चुना गया है, जिसमें दिल्ली, चेन्नई, मुंबई, हैदराबाद, शिलॉन्ग और कोलकाता शामिल हैं. इस साइज़िंग चार्ट में साइज़ आइडेंटिफ़िकेशन नंबर होगा, जिसे मैपिंग, कैटेगराइज़ेशन और बॉडी साइज़ व शेप को परिभाषित करते हुए तैयार किया जाएगा. इस साइज़ चार्ट को तैयार करने के लिए 3D बॉडी स्कैनर तकनीक का भी इस्तेमाल किया जाएगा, जो बहुत तेज़ भी है सुरक्षित भी. इससे कस्टमर का साइज़ आइडेंटिफ़िकेशन आसान हो जाएगा, रीटेलर्स के लिए ग्राहकों को उनके साइज़ के अनुसार कपड़े मुहैया कराना और आपके लिए अपने साइज़ को चुनना भी आसान हो जाएगा.
इस चार्ट को तैयार करने के पहले चरण के तहत दिल्ली में 5000 लोगों को सैम्पल इकट्ठा किया जाएगा, जिसमें अलग-अलग उम्र और साइज़ के लोगों को शामिल किया जाएगा. आपको बता दें कि दुनियाभर में अभी केवल 18 देशों के पास उनके अपने लोगों की फ़िज़ीक के मुताबिक़ साइज़िंग चार्ट्स मौजूद हैं. इस सर्वे के शुरुआती नतीजे तो कुछ ही महीनों में सामने आ जाएंगे, लेकिन वर्ष 2022 के अंत तक ही यह पूरी तरह मुक़म्मल हो सकेगा.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट