क्या आपके मन में भी कभी ये ख़्याल आया है कि क्या पीरियड्स के दौरान सेक्शुअल संबंध बनाए जा सकते हैं? या क्या आपको कभी पीरियड्स के दौरान सेक्शुअल संबंध बनाने की इच्छा हुई है? या फिर क्या आपका सामना इस सवाल से जुड़े मिथकों हुआ है? यदि इन सवालों का जवाब ‘हां’ में है तो समय आ गया है कि आप इस बारे में थोड़ा गहराई से जानकारी लें कि क्या माहवारी के दौरान सेक्शुअल संबध बनाना सामान्य है, क्या ऐसा किया जा सकता है? और क्या हैं इसके फ़ायदे
व नुक़सान?
पीरियड्स के दौरान कई महिलाओं को इतना दर्द होता है कि सेक्स की बात तो भूल ही जाइए, पर आपको जानकर हैरानी होगी कि कई ऐसी महिलाएं भी हैं, जिन्हें पीरियड्स के दौरान सेक्शुअल संबंध बनाने की प्रबल इच्छा होती है. वहीं कई महिलाएं पीरियड्स के दौरान सेक्स संबध बनाने में केवल इसलिए हिचकती हैं, क्योंकि इसे लेकर उनके मन में कई भ्रांतियां होती हैं. पर आज हम आपसे इस मुद्दे पर खुल कर बात करना चाहते हैं, ताकि आप इसके बारे में अपने मन में बैठे मिथक दूर कर सकें और यदि आपकी इच्छा हो तो इस दौरान भी सेक्शुअल संबंधों का आनंद ले सकें.
पीरियड्स के दौरान सेक्स से जुड़े मिथक
• पीरियड्स के दौरान सेक्स से जुड़ा एक बड़ा मिथक यह है कि ज़्यादा रक्तस्राव सेक्शुअल रिश्तों में बाधा बनता है. ऐसा बिल्कुल नहीं है. यदि आप सेक्शुअल संबंध बनाने की इच्छुक हैं तो थोड़ी-सी सावधानी बरत कर आप ऐसा कर सकती हैं. हां, यह बात कुछ हद तक सच है कि पीरियड्स के दौरान सेक्स करते समय ऑर्गैज़्म के दौरान/बाद थोड़ा-सा ब्लड फ़्लो बढ़ जाता है, क्योंकि ऑर्गैज़्म आने पर यूटरस सिकुड़ता है, लेकिन यह इतना ज़्यादा नहीं बढ़ता कि इससे असहज हुआ जाए. यदि आपको दाग़ लगने का डर है तो आप पुरानी व साफ़ बेडशीट का इस्तेमाल कर सकती हैं.
• पीरियड्स से जुड़ दूसरा मिथक है कि इस दौरान सेक्शुअल संबंध बनाने से महिलाएं प्रेग्नेंट नहीं होतीं. पर आप इस ग़लतफ़हमी में मत रहिएगा. हमें पता है कि आप यह बात जानती ही होंगी, फिर भी हम यहां दोहरा रहे हैं कि स्पर्म महिला के शरीर के भीतर चार से पांच दिनों तक जीवित रह सकता है. अत: यदि आपके पीरियड्स अनियमित रहते हैं और आपने बिना कॉन्ट्रासेप्टिव का इस्तेमाल किए संबंध बनाए हैं तो प्रेग्नेंसी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
पीरियड्स के दौरान सेक्स से जुड़े फ़ायदे
• हम आपको बता दें कि सेक्शुअल ऑर्गैज़्म की वजह से पीरियड्स के दौरान होने वाले क्रैम्स में कमी आती है. दरअस्ल क्रैम्स आते इसलिए हैं कि पीरियड्स के दौरान यूटरस की मांसपेशियां संकुचित होने लगती हैं. जब ऑर्गैज़्म आता है तब आपकी यूटरस की मांसपेशियां सिकुड़ती हैं और फिर फैलती हैं. जिसकी वजह से क्रैम्स से राहत मिलती है.
• सेक्स की वजह से शरीर में एन्डॉर्फ़िन्स का स्राव होता है, जो आपको बेहतर महसूस कराता है, आपके मूड को ठीक करता
है. साथ ही, सेक्स में संलिप्त होने से आपका ध्यान पीरियड्स की वजह से होने वाली असहजता से हट जाता है और आप अच्छा महसूस करती हैं.
पीरियड्स के दौरान सेक्स से जुड़े संभावित नुक़सान
• पीरियड्स के दौरान कॉन्डम का इस्तेमाल न करने से आपको सेक्शुअल ट्रास्मिटेड इन्फ़ेक्शन्स, जैसे एचआईवी या हेपैटाइटिस होने का ख़तरा बना रहता है. चूंकि ये वायरस रक्त में ही पलते हैं अत: इस दौरान इनके फैलने की संभावना हो सकती है. यदि आप पीरियड्स के दौरन सेक्स करना चाहती हैं तो हमारी सलाह होगी कि कॉन्डम का इस्तेमाल ज़रूर करें.
• इस दौरान सेक्स करने का दूसरा नुक़सान यह है कि बेडशीट पर दाग़ लग सकते हैं या आप रक्तस्राव के चलते असहज महसूस कर सकती हैं. लेकिन यदि इस सब के बावजूद आपकी सेक्शुअल संबंध बनाने की इच्छा है तो आप ऐसा बिल्कुल कर सकती हैं.
नोट: यह आलेख पीरियड्स के दौरान सेक्स संबंध बनाने की वक़ालत क़तई नहीं करता. यह केवल पीरियड्स के दौरान सेक्शुअल संबधों की संभावना, फ़ायदे और नुक़सान की जानकारी देने के लिए लिखा गया है. यदि आप पीरियड्स के दौरान सेक्स संबध बनाना चाहती हैं तो अपनी गायनाकोलॉजिस्ट से संपर्क करने के बाद ही कोई फ़ैसला लें.
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