ब्रकिंग न्यूज़: आज के बाद नींबू के छिलके नहीं फेंके जाएंगे, क्योंकि ये जोड़ों के दर्द को कम करने का बेजोड़ फ़ॉर्मूला हैं. क्लिनिकल स्टडीज़ से भी यह साबित हुआ है कि नींबू के छिलके रह्यूमेटॉइड आर्थ्राइटिस के इलाज में बहुत असरकारक है. आज डॉक्टर दीपक आचार्य हमें इसी के बारे में बता रहे हैं.
सुनिए जनता, आज के बाद नींबू के छिलके फेंकना बंद कर दीजिए आप. ये तो आपको भी पता है कि नींबू के जूस में ख़ूब विटामिन C पाया जाता है, है ना? लेकिन आपको बता दें कि जूस से 10 गुना ज़्यादा विटामिन C नींबू के छिलकों में पाया जाता है. हमारे देश के कई ग्रामीण इलाक़ों में तो बाकायदा नींबू के छिलकों को सुखाकर मुखवास (Mouth Freshener) बनाए जाते हैं, ताज़े छिलकों का अचार भी बेहतरीन बनता है और पारंपरिक तौर से कई स्वास्थ्य समस्याओं में नींबू के छिलकों से बने मुखवास या अचार को खिलाकर रोगी को चंगा किया जाता है. कई हर्बल जानकार तो नींबू के छिलकों को सुखाकर सरसों के तेल में गर्म करके ‘नींबू का तेल’ बनाते हैं और इस तेल को पिडलियों के खिंचाव, जोड़ दर्द और कमर दर्द होने पर मालिश के लिए दिया जाता है.
बातें इससे जुड़े वैज्ञानिक तथ्यों की
चलिए तो इसके बारे में थोड़े वैज्ञानिक तथ्यों पर बात हो जाए. नींबू के छिलकों में नींबू के रस से 10 गुना तक ज़्यादा विटामिन C पाया जाना और तो और इसमें कैल्शियम का पाया जाना इसे बेहद ख़ास बनाता है. इन छिलकों में फ़ाइबर्स, पोटैशियम, मैग्नीशियम और बीटा कैरोटीन भी पाए जाते हैं. विटामिन C की अधिकता और कैल्शियम की वजह से ना सिर्फ़ हड्डियों की सेहत बेहतर होती है, बल्कि आर्थ्राइटिस, जोड़ों का दर्द और कमर दर्द कम करने में भी ये काफ़ी मददगार साबित होते हैं.
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि नींबू के छिलके रह्यूमेटॉइड आर्थ्राइटिस में काफ़ी असरकारक हैं. यहां एक ‘रैट मॉडल’ क्लिनिकल स्टडी की बात करनी ज़रूरी है. जर्नल ऑफ़ ताईवान इंस्टिट्यूट ऑफ़ केमिकल इंजीनियर्स में वर्ष 2018 में एक रिसर्च स्टडी छपी और बताया गया कि नींबू के छिलके ज़ैंथिन ऑक्सिडेज़ और साइटोकाइन इन्फ़ल्मैशन को काफ़ी हद तक रोकने में सफल होते हैं, ये दोनों इस आर्थ्राइटिस के प्रमुख कारक भी हैं. यह क्लिनिकल स्टडी ये भी बताती है कि यूरिक ऐसिड के निर्माण को बैलेंस करने में भी नींबू के छिलके बेहद कारगर हैं. ऐसे कई रिसर्च पेपर्स हैं, जो नींबू के छिलकों की वाहवाही करते मिलेंगे. हालांकि जिस स्टडी का जिक्र मैंने किया वो एक एनिमल मॉडल स्टडी है, लेकिन ये बात तो तय है कि इसको आज़माने में कोई चिंता की बात नहीं. सदियों से हिंदुस्तान नींबू के छिलकों का अचार खा रहा है, छिलकों को कई अलग-अलग तरीकों से खाया जाता रहा है.
कैसे इस्तेमाल करें नींबू के छिलके?
मैंने तो बहुत से हर्बल एक्स्पर्ट्स को नींबू के छिलकों को जोड़ों के दर्द के लिए बतौर फ़ॉर्मूला आज़माते देखा है. पर अब आपको इन्हें कैसे इस्तेमाल करना क्या है? छिलकों को डस्टबिन का रास्ता ना दिखाएं. इन्हें धूप में सुखा लें, जब ये पूरी तरह से सूख जाएं और नमी दूर हो जाए तो कूटकर पाउडर बना लें. रोज़ सुबह और शाम एक-एक चम्मच फक्की मार लें, खाने से पहले या बाद में… केवल 20 दिन, फिर वाहवाही करें हिंदुस्तान के पारंपरिक ज्ञान की और डॉक्टर दीपकआचार्य को भी याद करें
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फ़ोटो: पिन्टरेस्ट