इक रिश्ते में होना, उसमें अपनी पूरी ऊर्जा को घोल देना और फिर किसी वजह से उस रिश्ते का टूट जाना हमें भी भीतर तक तोड़ देता है. ऐसा होने पर जब ग़ुस्सा, दुख, खीझ और चिढ़ का सिलसिला थमता है तो हम उस रिश्ते को गहराई से मिस करते हैं, जो पहले हमारा अपना था. हम दूर से अपने रिश्ते का आकलन करते हैं, कई बार हम उस रिश्ते में गुज़ारे अच्छे लम्हों को याद करते हैं और इस समय यदि आपका पूर्व प्रेमी या प्रमिका यानी एक्स आपकी ओर दोबारा हाथ बढ़ाता है तो भावनाओं में बहकर आप पैचअप भी कर लेते हैं. यदि आप ऐसा करने जा रही/रहे हैं तो पैचअप करने से पहले एक बार इन सलाहों पर ग़ौर ज़रूर फ़रमाएं.
रिश्तों में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. कुछ रिश्ते इन उतार-चढ़ावों के बावजूद निभते हैं या निभाए जाते हैं, लेकिन कुछ रिश्ते उतार-चढ़ाव के इस दौर का भार सहन नहीं कर पाते और टूट जाते हैं. दोनों ही बातें बहुत आम हैं. लेकिन रिश्ता टूटने के बाद यदि आपका प्रेमी/प्रेमिका आपकी ओर पैचअप के लिए हाथ बढ़ाए तो क्या करें? उस रिश्ते को एक मौक़ा देना सही होगा या नहीं होगा? यदि आप भी ऐसी उलझन में हैं तो नीचे लिखी कुछ सलाहों पर ग़ौर करें, इनके ईमानदार जवाब ढूंढ़ें और फिर तय करें कि पैचअप सही होगा या नहीं होगा.
सलाह #1 ब्रेकअप का कारण खोजें
क्या आपका ब्रेकअप किसी छोटे-से ऐसे झगड़े की वजह से हुआ था, जिसे आसानी से निपटाया जा सकता था? या फिर आप दोनों की सोच में बुनियादी अंतर की वजह से ऐसा हुआ था? यदि बात छोटी-मोटी थी और यह आपके लॉन्ग टर्म रिलेशन पर कोई ख़ास असर न डालने वाली थी, आप दोनों बस बहस के मोड में आकर एक-दूसरे से लड़ पड़े थे तो पैचअप करने में कोई बुराई नहीं है. पर यदि आपको लगता है कि यह झगड़ा आप दोनों की सोच में बुनियादी फ़र्क़ की वजह से था और आगे भी इसके होते रहने की बहुत संभावनाएं तो हम आपको पैचअप की सलाह बिल्कुल नहीं देंगे.
सलाह #2 किसी न्यूट्रल व्यक्ति या काउंसलर की सलाह लें
यदि आप इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि पैचअप किया जाए या नहीं और कोई निर्णय नहीं ले पा रही/रहे हैं तो किसी ऐसे व्यक्ति की सलाह लें, जो न्यूट्रल हो कर आपको अपनी राय बता सके. इसके लिए आपके पास दो विकल्प हैं: या तो किसी ऐसे भरोसेमंद व्यक्ति की सलाह लें, जो आप दोनों को जानता हो या फिर किसी काउंसलर की मदद लें, जो आपको या आप दोनों को साथ बिठाकर आपकी बातों को सुने और आपको इस बारे में सलाह दे कि आप दोनों को इस रिश्ते को आगे बढ़ाना चाहिए या नहीं.
सलाह #3 मन हमेशा सही राह दिखाता है, अपने मन से पूछें
हमारा मन हमें सही राह दिखाता है. एक बार ख़ुद से पूछ कर देखें कि जिस व्यक्ति से आपने ब्रेकअप का फ़ैसला ले लिया था, आख़िर अब उसमें कौन-सी ऐसी ख़ासियत दिखाई दे रही है, जो कि आप उससे पैचअप कर लें? कहीं ऐसा तो नहीं कि ब्रेकअप के बाद के अकेलेपन को न झेल पाने की वजह से आप ऐसा करने जा रही/रहे हैं, क्योंकि वापस लौट जाना सबसे आसान तरीक़ा है? यदि आपको इन सवालों का जवाब यह मिलता है कि आपने भावावेश में आकर ब्रेकअप का फ़ैसला लिया था तो पैचअप में कोई बुराई नहीं है. लेकिन यदि आपको लगता है कि आप दोनों के बीच इस तरह के झगड़ों के अवसर आते ही रहेंगे तो आपको पैचअप बिल्कुल नहीं करना चाहिए. ब्रेकअप के बाद के अकेलेपन का यह दौर भले ही कठिनाई से गुज़रे, लेकिन यह ताउम्र कटुताभरे रिश्ते को निभाने से कहीं अच्छा विकल्प है.
सलाह #4 एक मुलाक़ात कर अपने एक्स के मन की बात सुनें
यह तो आप भी मानेंगे कि हर किसी को एक मौक़ा ज़रूर दिया जाना चाहिए. यदि आप पैचअप के बारे में फ़ैसला करने जा रहे/रही हैं तो बहुत ज़रूरी है कि एक बार अपने एक्स का नज़रिया सुनें, उसके मन की बात सुनें, वो भी अपने भीतर कोई पूर्वाग्रह रखे बिना. उससे जानें कि आख़िर पैचअप करने के प्रस्ताव के पीछे क्या वजह है? यदि आपको यह वजह वाजिब नज़र आती है और लगता है कि यह रिश्ता आगे बढ़ सकता है तो पैचअप कर लें. लेकिन यदि आप उसकी बातों से संतुष्ट नहीं हैं तो आपको पैचअप करने की ग़लती नहीं करनी चाहिए.
अंत में हम यही कहेंगे कि रिश्तों के बारे में केवल मोटी-मोटी गाइडलाइन ही दी जा सकती है, लेकिन कोई अटकल नहीं लगाई जा सकती. आपको किसी रिश्ते में बने रहना है या नहीं यह निर्णय आपको अपने पार्टनर के साथ मिलकर लेना होगा, इस निर्णय के उतार-चढ़ावों से साथ-साथ गुज़रना होगा. लेकिन इस बात का ध्यान रखें क एक्स से पैचअप करने का निर्णय भावुक होकर बिल्कुल भी न लें, बल्कि इसे व्यावहारिकता की कसौटी पर कस कर ही लें.
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट