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राजकमल प्रकाशन समूह का नौ दिवसीय किताब उत्सव पटना में

5 से 13 नवंबर 2022 तक

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
November 4, 2022
in ख़बरें, सुर्ख़ियों में
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  राजकमल प्रकाशन अपनी स्थापना के 75वें वर्ष पर पाठक-लेखक-सम्मिलन के लिए विभिन्न शहरों में ‘किताब उत्सव’ का आयोजन कर रहा है. भोपाल और बनारस के सफल आयोजनों के बाद अब पटना में 5 नवम्बर से ‘किताब उत्सव’ का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें आठ राज्यों के 65 से अधिक लेखकों के जुड़ने की संभावना है.

राजकमल प्रकाशन ने किताबों की दुनिया में पचहत्तर साल का अपना सफ़र पूरा करने के उपलक्ष्य में पटना के भारतीय नृत्य कला मंदिर, सांस्कृतिक परिसर फ्रेज़र रोड में नौ दिवसीय ‘किताब उत्सव’ और पुस्तक प्रदर्शनी का आयोजन किया है. इस आयोजन में केवल बिहार से 40 से अधिक लेखक, रंगकर्मी, पत्रकार, राजनीतिकर्मी, संस्कृतिकर्मी शामिल हो रहे हैं. इनके अलावा बिहार के सात प्रवासी लेखक भी होंगे. बिहार समेत कुल आठ राज्यों के प्रतिष्ठित लेखक यहां जुटेंगे. बिहार और बिहार से बाहर के चर्चित नौजवान लेखकों से मिलने का अवसर भी इस अवसर पर पाठकों को मिलेगा.

5 नवम्बर से 13 नवम्बर तक आयोजित होने वाले इस उत्सव में लेखकों से पाठकों के संवाद को प्रमुखता दी गई है. रचना पाठ के साथ यहां चुनिंदा कृतियों पर बातचीत और रचनात्मक विषयों पर गंभीर विमर्श भी होंगे. कश्मीर, नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ और देश की बदलती हुई सियासत जैसे ज्वलंत विषयों के साथ इस उत्सव में ‘हमारा शहर हमारे गौरव’ श्रृंखला के तहत रेणु, रामधारी सिंह दिनकर, हरिमोहन झा, नागार्जुन, बेनीपुरी, राजकमल चौधरी, शिवपूजन सहाय और नलिन विलोचन शर्मा जैसे कालजयी लेखकों की कृतियों पर चर्चाएं भी होंगी.

किताब उत्सव का शुभारम्भ 5 नवम्बर दोपहर 12 बजे बिहार के सूचना आयुक्त त्रिपुरारी शरण करेंगे. मुख्य अतिथि के रूप में बंदना प्रेयषी, सचिव, कला संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार, होंगी. साहित्य अकादेमी पुरस्कार से पुरस्कृत वरिष्ठ कथाकार उषाकिरण खान एवं सुप्रसिद्ध कवि आलोकधन्वा की भी विशिष्ट उपस्थिति रहेगी.
प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने किताब उत्सव पर कहा, “यह राजकमल प्रकाशन की स्थापना का 75 वां वर्ष हैं. इस उपलक्ष्य में हम पाठक-लेखक-मिलन के लिए विभिन्न शहरों में ‘किताब उत्सव’ का आयोजन कर रहे हैं . पहला ‘किताब उत्सव’ नौ दिन भोपाल में मनाया गया और दूसरा बनारस में. बनारस में सभागार से बाहर गंगा किनारे अस्सी घाट पर भी यह सम्पन्न हुआ. अब हम पटना में ‘किताब उत्सव’ मनाने जा रहे हैं. हम बिहार सरकार, तक्षशिला एजुकेशनल सोसाइटी और पाटल के सहयोग के लिए आभारी हैं.”

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