बच्चे हों या बड़े पानी की कमी यानी डीहाइड्रेशन उससे कहीं ज़्यादा ख़तरनाक है, जितना कि हम सोचते हैं. बच्चे तो इस बात और पानी पीने की अहमियत को नहीं समझते, लेकिन उनके पैरेंट्स होने के नाते आपको उन संकेतों पर ज़रूर ध्यान देना चाहिए, जो उनमें डीहाइड्रेशन को दर्शाते हैं. ताकि आप उन्हें डीहाइड्रेशन के गंभीर परिणामों से बचा सकें.
बात तब की है, जब मेरा बेटा पांचवी कक्षा में पढ़ता था और वह बहुत कम पानी पीता था. बार-बार कहने पर, याद दिलाने पर भी वह पानी बहुत ही कम पीता था. एक रात उसे पेट में बहुत तेज़ दर्द हुआ. चूंकि दर्द तेज़ था और रात थी तो हम उसे, उसके पीडियाट्रिशन के पास ले जाने की जगह अपने क़रीब के एक अस्पताल में ले गए. वहां उन्होंने उसे एक ड्रिप चढ़ा दिया और पेन किलर भी दिया. जब पेनकिलर का असर हुआ तो दर्द बंद हो गया और हम उसे घर ले आए. लेकिन घर आने के छह घंटे बाद ही उसे दोबार दर्द शुरू हो गया. तब तक सुबह हो चुकी थी तो हम दोबारा उसी अस्पताल में ले गए, क्योंकि इलाज वहीं चल रहा था. उन्होंने बेटे को ऐड्मिट करने की सलाह दी. पर हम नहीं माने और बेटे को उसके पीडियाट्रिशन के पास ले गए.
उसके पीडियाट्रिशन ने कहा इसे बहुत ज़्यादा ऐसिडिटी है. उन्होंने ऐसिडिटी की केवल एक दवाई दी और कहा इसे ज़्यादा लिक्विड दीजिए और पानी ज़्यादा पिए यह ध्यान रखिए. उस एक दवाई से बेटा शाम तक बेहतर महसूस करने लगा. तब हमने उसे फिर समझाया कि देखो कम पानी पीने से तुम्हें यह पेट दर्द हुआ, जो इतना गंभीर बन गया. वह इन दो दिनों में दर्द से इतना परेशान हो चुका था कि उसने धीरे-धीरे सही मात्रा में पानी पीना सीख लिया. लेकिन भला कोई और बच्चा क्यों इतनी तकलीफ़ सहे? बस, यही वजह है कि मैं आपको उन सामान्य संकेतों के बारे में बताना चाहती हूं, जिन पर आपको ध्यान देते रहना चाहिए, ताकि आपका बच्चा डीहाइड्रेशन व उससे होने वाली समस्याओं से बच सके. तो आइए जानते हैं, बच्चों में डीहाइड्रेशन के संकेतों को:
मुंह सूखना व मुंह से दुर्गंध आना
यदि आपके बच्चे का मुंह सूखता है और वह इसकी शिकायत करे, बार-बार पानी मांगे या फिर उसके मुंह से दुर्गंध आती हो तो यह डीहाइड्रेशन का लक्षण हो सकता है. आप उसे समय-समय पर पानी पीते रहने को प्रेरित करें. पानी की एक बॉटल दे दें और देखें कि वह इसे कितने समय में ख़त्म करता है. इससे आपको अंदाज़ा हो जाएगा कि कहीं वह प्यासा तो नहीं रहता/रहती.
कम मात्रा में पीली व दुर्गंधयुक्त पेशाब
अपने बच्चों की बाथरूम संबंधी आदतों पर ध्यान दें. यदि उसकी पेशाब कम मात्रा में, पीली व दुर्गंधयुक्त है तो यह भी कम पानी पीने का एक संकेत है. बच्चे या बड़े कोई भी यदि पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं तो उनकी पेशाब का रंग (सुबह उठने के बाद को छोड़कर) हल्का पीला होता है. इस बात का ध्यान रखना भी ज़रूरी है कि वे दिन में कितनी बार पेशाब करते हैं.
बेवजह थका हुआ महसूस करना
यदि आपका बच्चा बेवजह थका हुआ महसूस कर रहा है तो यह भी उसके कम मात्रा में पानी पीने का संकेत है. यदि ऐसा होता देखें तो बच्चे को पानी पीने को कहें. यदि बच्चे पानी पीने में आनाकानी करें तो आप उन्हें जूस, शरबत या ग्लूकोज़ के रूप में भी पानी दे सकते हैं. बच्चे इन्हें पसंद करते हैं. लेकिन कार्बोनेटेड ड्रिंक्स न दें, क्योंकि वे डीहाइड्रेशन में योगदान करते हैं.
चिड़चिड़ापन, नींद आना या कन्फ़्यूज़्ड रहना
कम पानी पीने वाले बच्चों में चिड़चिड़ापन रहता है. वे सिरदर्द या जी मिचलाने की शिकायत भी करते हैं. वे अक्सर उनींदा और कन्फ़्यूज़्ड महसूस कर सकते हैं. अत: यदि आप बच्चों में इस तरह के लक्षण देखें तब भी उन्हें ज़्यादा पानी पीने को कहें.
बच्चों को डीहाइड्रेशन से बचाने के उपाय
-सुबह उठने के बाद उन्हें एक ग्लास पानी दें और पानी पीने से ही दिन की शुरुआत करवाएं.
-उनके लिए एक अलग पानी की बॉटल रखें, ताकि आप देख सकें कि वे पर्याप्त मात्रा में पानी पी रहे हैं या नहीं.
-उन्हें पानी से भरपूर फल व सब्ज़िया खिलाइए, जैसे- तरबूज़, खरबूज, संतरा, मौसमी, खीरा, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां आदि.
-जब वे खेलने जाएं तो इस बात का ध्यान रखें कि वे बीच-बीच में पानी या ग्लूकोज़ पीते रहें.
-मौसम बदलने पर, जैसे- सर्दी या बरसात में उन्हें कम प्यास लग सकती है और गर्मी होने पर ज़्यादा भी. अत: इस बात का ध्यान रखें.
-बातों-बातों में भी आप उन्हें हाइड्रेटेड रहने के फ़ायदे बताएं और ख़ुद भी पर्याप्त मात्रा में पानी पीकर उनके सामने उदाहरण प्रस्तुत करें.
फ़ोटो साभार: फ्रीपिक