हाल ही में अभिनेत्री नीना गुप्ता की किताब ’सच कहूं तो’ रिलीज़ हुई है, जो उनकी आत्मकथा है. इस किताब में उन्होंने अपने जीवन से जुड़ी सच्चाइयों का बड़ी ही ईमानादारी से खुलासा किया है. अपनी किताब को लेकर नीना इन दिनों सुर्ख़ियों में हैं. पेंगुइन इंडिया से आई नीना की किताब को फ़िल्म अभिनेत्री करीना कपूर ख़ान ने लॉन्च किया. यहां पेश है नीना की किताब और उनके जीवन के बारे में वरिष्ठ पत्रकार जयंती रंगनाथन का नज़रिया.
नीना गुप्ता की ऑटोबायोग्राफ़ी ‘सच कहूं तो’ हाल-फ़िलहाल रिलीज़ हुई है. ये वो नीना गुप्ता हैं, जिन्होंने ज़िंदगी को सही से समझने और अपनी राह बनाने में एक बड़ी भूमिका निभाई है. ना, मैं उन्हें व्यक्तिगत तौर पर नहीं जानती. पर ना जानते हुए भी ऐसा लगता है, जैसे अच्छी तरह जानती हूं. अस्सी के दशक में मैं जब भिलाई से मुंबई पहुंची और धर्मयुग में काम करने लगी, एक बार नीना हमारे ऑफ़िस आई थीं. मीडिया के दफ़्तरों में कलाकार आते ही रहते हैं. पर तब वो स्टार नहीं बनी थीं. साथ-साथ और जाने भी दो यारों में कैरेक्टर आर्टिस्ट का रोल निभा चुकी थीं. इसके बाद जब इलेस्ट्रेटेड वीक्ली के संपादक प्रीतिश नंदी ने धमाका किया, मैं वहीं थी. और उस समय की गवाह थी, जब येलो जर्नलिज़्म करवटें लेने लगा था. उस पत्रिका ने अस्पताल से अनमैरिड नीना गुप्ता की बच्ची का बर्थ सर्टिफ़िकेट हासिल कर दुनिया को बताया कि बच्ची का पिता और नीना का प्रेमी और कोई नहीं वेस्ट इंडीज़ के क्रिकेटर विवयन रिचर्ड्स हैं.
मेरी सीनियर सुदर्शना द्विवेदी ने उस समय नीना गुप्ता का इंटरव्यू किया था. नीना का स्ट्रगल बहुत बड़ा था. वह अकेली बच्चा पाल रही थीं. अकेली टीवी सीरियल लिख रही थीं, बना रही थीं, ऐक्ट कर रही थी. फ़िल्मों में बेहद मामूली रोल कर रही थीं. उन दिनों उनका धारावाहिक दर्द मुझे अंदर तक छू गया. नौजवां नीना को अपने से उम्र में काफ़ी बड़े बिज़नेसमैन से मोहब्बत हो जाती है, शादी और एक बच्चे के बाद उसकी ज़िंदगी में दोस्त का प्रेमी आता है और वो एक्स्ट्रा मेरिटल अफ़ेयर कर बैठती है. नीना ने यह जटिल भूमिका बड़ी सहजता से निभाई थी. इसके बाद आया सांस, जिसमें नीना का रोल रिवर्सल हो गया. उसके पति का अफ़ेयर हो जाता है. नीना अपने बच्चों को ले कर नई ज़िंदगी शुरू करती है. सांस बेमिसाल सीरियल था.
नीना गुप्ता तब तक ऐसी शख़्सियत बन चुकी थीं, जिनके बारे में कहा जाता था कि वो अपनी शर्तों पर ज़िंदगी जीती हैं. नीना के बारे में लगातार ख़बरें आती रहीं. बेटी की परवरिश, पैसे के लिए उनका संघर्ष. हमारे समय के कई पत्रकार बताते रहते थे, नीना फलां बॉय फ्रेंड के साथ दिल्ली से मुंबई आई थीं, नीना के फलां बॉय फ्रेंड ने उनसे शादी करने से मना कर दिया. नीना को एक नामी डायरेक्टर ने बेइज़्ज़त कर दिया, वगैरह. नीना ने कभी अपने किसी इंटरव्यू में अपना मुंह नहीं खोला. वह अपने काम के बारे में बात करती रहीं. यह भी कहतीं कि मैंने जो ग़लती की है, किसी को नहीं करना चाहिए. अनब्याही मां बनना और सिंगल हैंड बच्ची को पालना बहुत मुश्क़िल काम है. यह भी कहा कि मां ने कहा था कलेक्टर बनो, मैं नहीं मानी. शिकायत नहीं है. मेरी ज़िंदगी की यही यात्रा है. जो मिला, उसमें ख़ुश रहने वाली नीना गुप्ता समय-समय पर लाइफ़ लेसंस देती रहीं. दूर से ही सही, उनकी कामयाबी देखकर अच्छा लगता था. तब भी, जब नीना की बेटी मसाबा एक फ़ेमस फ़ैशन डिज़ाइनर बनीं. तब भी, जब 2008 में विवेक मेहरा से नीना ने शादी की. तब भी, जब नीना गुप्ता ने ट्वीट करके कहा कि वो मुंबई में ही रहती हैं, एक कलाकार हैं और काम करना चाहती हैं.
इसके बाद जैसे उनकी शानदार दूसरी पारी शुरू हो गई. बधाई हो के बाद वे रुकी ही नहीं. आज 62 बरस की उम्र में नीना ने अपनी जिंदगी के कुछ और सच बताए हैं. कोरोना काल में अपनी आत्मकथा लिखने के पीछे उनका मक़सद था, ख़ुद से जुड़े कई भ्रमों को तोड़ना. उनका मानना है कि उनके बारे में बहुत-सी फ़िज़ूल की बातें लिखी गई हैं. वे अब अपना सच ख़ुद बताना चाहती हैं. सबसे पहला सच यह कि उन्होंने अपनी शर्तों पर जिंदगी नहीं जी. उन्हें जो चाहिए था, नहीं मिला. पहली शादी की, जब वे दिल्ली में पढ़ ही रही थीं. आईआईटी के छात्र अमलान कुसुम घोष से शादी करते समय सोचा था वे एक घरेलू पत्नी की तरह रहेंगी. पर तब तक नाटकों में काम करना शुरू कर दिया था. महसूस किया कि उन्हें तो अभी बहुत कुछ करना है. सालभर बाद वे उस रिश्ते से अलग हो गईं. इसके बाद जिसे चाहा, उसने डंप कर दिया. जब यंग थीं, फ़िल्मों में अच्छी भूमिकाएं नहीं मिलीं. वैसे भी अनवेड मदर बनने के बाद उन्हें बतौर खलनायिका देखा जाने लगा था. वे छोटे परदे की तरफ़ मुड़ीं. नीना ने यह भी बताया है कि उनके पापा ने भी दो शादियां की थीं. उन्हें यह भी लगता था कि अगर पहले यह बात सामने आ जाती तो लोग उन्हें जज करने लगते.
आज की तारीख़ में नीना एक बेहद अच्छे पायदान पर हैं. अमिताभ बच्चन के साथ काम करने की उनकी दिली ख़्वाहिश जल्द ही पूरी होने वाली है. वे फ़िल्मों में मुख्य भूमिकाएं निभा रही हैं. अपनी ज़िंदगी से कोई शिकायत नहीं. उनका मानना है कि वे ख़ूब ग़लतियां करती हैं और शर्मिंदा भी होती हैं. यह कितनी ईमानदार बात है! यही तो हम सब करते हैं, पर कह नहीं पाते.
नीना की इस मुक़म्मल ज़िंदगी में आगे भी बहुत कुछ बाक़ी है. पर जितना कुछ उन्होंने अब तक किया है, उसके लिए उन्हें एक बड़ा वाला सलाम तो बनता ही है.
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