आज साहित्य अकादमी ने अपने 20 भारतीय भाषाओं के वार्षिक पुरस्कार की घोषणा की. हिंदी में जानी-मानी कवयित्री और उपन्यासकार अनामिका को वर्ष 2020 का साहित्य अकादमी पुरस्कार दिया जाएगा. अनामिका को यह पुरस्कार उनके चर्चित कविता संग्रह ‘टोकरी में दिगन्त-थेरी गाथा : 2014’ के लिए दिया गया है जो राजकमल प्रकाशन से प्रकाशित है.
साहित्य अकादमी ने आज 20 भाषाओं में अपने वार्षिक साहित्य अकादमी पुरस्कार की घोषणा की. सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, पांच कहानी-संग्रह, दो नाटक, एक-एक संस्मरण और महाकाव्य के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार घोषित किए गए. हिंदी में जानी-मानी कवयित्री और उपन्यासकार अनामिका को उनके चर्चित कविता संग्रह ‘टोकरी में दिगन्त-थेरी गाथा: 2014’ के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार देने की घोषणा हुई.
पुरस्कार दिए जाने की घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अनामिका ने कहा,‘‘मेरे इस कविता-संग्रह में क़स्बों, गांवों, ट्रेनों की, बसों, पंचायत-घरों की स्त्रियों और विस्थापित स्त्रियों का बुद्ध से काल्पनिक संवाद है. ये स्त्रियां बुद्ध से अपने जीवन का दुख कहती हैं, ये मैंने कल्पना की है. मैंने यह भी कल्पना की है कि बुद्ध में उन स्त्रियों को अपने जीवन का आदर्श पुरुष दिखता है और बुद्ध उनसे सखा भाव में किस प्रकार बात करते हैं.’’
अनामिका ने अपने प्रकाशक राजकल के सहयोग का उल्लेख करते हुए कहा,‘‘राजकमल ने इस कविता संग्रह को प्रकाशित कर इन औरतों की बात आगे तक पहुंचाने में सहयोग किया है. मुझे प्रसन्नता है कि इन स्त्रियों का बुद्ध से यह काल्पनिक संवाद अब और दूर तक पहुंचेगा.’’
वहीं राजकमल प्रकाशन में भी अपने यहां छपी पुस्तक को मिले पुरस्कार के चलते ख़ुशी का माहौल है. राजकमल प्रकाशन के प्रबंध निदेशक अशोक महेश्वरी ने ख़ुशी व्यक्त करते हुए कहा,‘‘यह एक दुर्लभ अवसर है जब हिन्दी कविता के स्त्री स्वर को पहली बार यह पुरस्कार दिया जा रहा है. साहित्य अकादेमी पुरस्कार से सम्मानित किए जाने के लिए हम अनामिका जी को हार्दिक बधाई देते हैं. हमें बेहद ख़ुशी और गर्व है कि उन्हें जिस कविता-संग्रह के लिए यह पुरस्कार प्रदान किया गया है उसको राजकमल प्रकाशन ने प्रकाशित किया है.’’
फ़िलहाल दिल्ली के एक प्रतिष्ठित महाविद्यालय में अंग्रेज़ी साहित्य पढ़ानेवाली अनामिका मूल रूप से बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर ज़िले से आती हैं. कविता संग्रह के अलावा उनके उपन्यास, कहानी संग्रह और संस्मरण भी छप चुके हैं. उन्होंने कुछ पुस्तकों का अनुवाद भी किया है. वे राजभाषा परिषद् पुरस्कार, भारतभूषण अग्रवाल पुरस्कार, साहित्यकार सम्मान, गिरिजाकुमार माथुर सम्मान, परम्परा सम्मान, साहित्य सेतु सम्मान, केदार सम्मान, शमशेर सम्मान, सावित्रीबाई फुले सम्मान, मुक्तिबोध सम्मान और महादेवी सम्मान आदि से सम्मानित की जा चुकी हैं.