अपने परिवार की सेहत तो सभी के लिए बहुत इम्पॉर्टेंट होती है और हम इसका पूरा ख़्याल भी रखते हैं. इसके लिए न्यूज़पेपर से लेकर टीवी और यूट्यूब वीडियोज़ तक सबकुछ खंगाल लिया जाता है… पर इतने सारे रिसोर्सेज़ से जानकारी लेकर क्या आप भी कन्फ़्यूज़ हो जाते हैं? मसलन बात कुकिंग ऑइल की ही लीजिए. इसके लिए कितनी तरह की बातें सुनने मिलती हैं कि अच्छा-ख़ासा व्यक्ति चकरा जाए. लेकिन आप फ़िक्र न करें, हम यहां इसी उलझन को सुलझा रहे हैं कि कुकिंग ऑइल कौन-सा चुनें.
पहले हमारे देश में कोल्हू से पेर कर तेल निकाला जाता था और हम सभी खाना बनाने के लिए उसका इस्तेमाल करते थे, फिर हमारे ज़ेहन में यह बात बिठा दी गई कि रिफ़ाइन्ड ऑइल्स, फ़िल्टर ऑइल्स की तुलना में बेहतर हैं तो हमने इनका इस्तेमाल शुरू कर दिया. फिर इनकी कई वैरायटीज़ हमारे सामने आ गईं. नारियल, मूंगफली, सरसों और तिल, जिन तेलों का इस्तेमाल हम हमेशा से करते आ रहे हैं, उनके समकक्ष सोयाबीन, सनफ़्लावर, राइस ब्रैन और ऑलिव ऑइल भी आ गए. किसी ने कहा ऑलिव ऑइल अच्छा है तो लोगों ने बिना सोचे उसे ख़रीदकर उसमें खाना पकाना शुरू कर दिया…पर वाक़ई इनमें से क्या है हमारे लिए सेहतमंद?
जानीमानी न्यूट्रिशनिस्ट रुजुता दिवेकर को यदि आपने पढ़ा हो तो आप अपने इन कन्फ़्यूशन्स को आसानी से दूर कर सकते हैं. उनका कहना है कि:
1. रिफ़ाइंड ऑयल्स को जिस टेम्प्रेचर पर बनाया जाता है, उस टेम्प्रेचर पर तेल में मौजूद सभी न्यूट्रिएंट्स जल जाते हैं, जबकि फ़िल्टर्ड ऑइल कम टेम्प्रेचर पर बनता है और उसमें न्यूट्रिएंट्स बरक़रार रहते हैं… इसलिए रिफ़ाइंड की जगह फ़िल्टर्ड ऑयल्स को वरीयता दें.
2. लोकली उगनेवाले बीजों से निकला तेल, जैसे-सरसों, मूंगफली और तिल के तेल का इस्तेमाल वेजटेबल ऑयल्स की तुलना में बेहतर होता है.
3. लंबे समय तक एक ही एडिबल ऑइल का इस्तेमाल न करें. कुकिंग ऑयल्स का इस्तेमाल बदल-बदल कर करना चाहिए.
4. आप उनका इस्तेमाल सीज़न के हिसाब से कर सकते हैं, जैसे-सर्दियों में सरसों के तेल में खाना पकाएं. मॉनसून और गर्मियों में तिल या मूंगफली का तेल इस्तेमाल करें.
5. आप जिस लोकैलिटी में रहते हैं, वहां के स्थानीय लोग जिस कुकिंग ऑइल का इस्तेमाल करते आ रहे हैं, आपको भी वही कुकिंग ऑइल अपनाना चाहिए.
ये तो हुई बात न्यूट्रिशनिस्ट के हवाले से, लेकिन इन दिनों तमाम छोटे-बड़े शहरों में कोल्ड-प्रेस्ड ऑइल के इस्तेमाल का चलन बढ़ा है. इसकी वजह वे मशीनें हैं, जो अफ़ोर्डेबल हैं, जिनमें लकड़ी का इस्तेमाल कर तेल निकाला जाता है, जैसा कि पहले के ज़माने में हमारे देश में किया जाता रहा था. हालिया शोधों में पाया गया है कि तेल निकालने का यह तरीक़ा सबसे अच्छा है, क्योंकि इससे तेल में पोषक तत्वों की मात्रा सही बनी रहती है.
यही वजह है कि कुछ लोगों ने सेहत के प्रति बढ़ती जागरूकता को देखते हुए ताज़ा कोल्ड-प्रेस्ड ऑइल निकाल कर बेचने को एक बिज़नेस के रूप में विकसित कर लिया है. ज़रा खोज निकालिए, हो सकता है कि आपके आसपास भी किसी ने ऐसी मशीन लगा रखी हो, जहां वे आपको आपके सामने एडिबल ऑइल निकाल कर देंगे. इससे आप तेल की गुणवत्ता को लेकर आश्वस्त रहेंगे और अपनी व परिवार के सदस्यों की सेहत के प्रति निश्चिंत भी.
भले ही आप बदल-बदल कर तेल इस्तेमाल करें या फिर सेहत के लिए माकूल कोल्ड-प्रेस्ड ऑइल का इस्तेमाल करें, लेकिन यदि स्वस्थ रहना है तो यह फ़ॉर्मूला लागू करना ही होगा- अति सर्वत्र वर्जयेत. तेल के बहुत ज़्यादा इस्तेमाल से बचें और संतुलित मात्रा में ही इसे अपने भोजन में इस्तेमाल करें.