• होम पेज
  • टीम अफ़लातून
No Result
View All Result
डोनेट
ओए अफ़लातून
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक
ओए अफ़लातून
Home ज़रूर पढ़ें

नवरत्न कोरमा की कहानी, जिसे उत्तर और दक्षिण भारतीय दोनों ही चाव से खाते हैं

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
February 11, 2022
in ज़रूर पढ़ें, ज़ायका, फ़ूड प्लस
A A
नवरत्न कोरमा की कहानी, जिसे उत्तर और दक्षिण भारतीय दोनों ही चाव से खाते हैं
Share on FacebookShare on Twitter

आप कोई भी व्यंजन ले लीजिए उसकी कोई न कोई कहानी आपको मिल ही जाएगी. ऐसा शायद इसलिए किआपने हमने जहां से शुरुआत की है, वहां अनाज उगाना भी अपने आप में एक कहानी रही है तो उससे बननेवाला हर व्यंजन अपने साथ कोई क़िस्सा लिए चलता है. और भारतीय परिवेश में जहां अलग-अलग प्रदेश का खानपान अलग है, संस्कृति अलग है वहां तो एक ही व्यंजन का स्वाद भी अलग-अलग प्रदेशों में अलग होता है. आज हम यहां नवरत्न कोरमा की कहानी बता रहे हैं, जो सब्ज़ियों को मिलाकर बनाया जाता है.

 

नवरत्न कोरमा, जैसा कि हमने ऊपर भी बताया सब्ज़ियों से मिलकर बनता है, पर दिलचस्प बात यह है कि इस व्यंजन के उत्तर भारतीय और दक्षिण भारतीय स्वाद में काफ़ी अंतर होता है. इस अंतर की वजह मुख्यत: इसमें डलने वाले मसाले और और दूसरी सामग्रियां हैं, हालांकि सब्ज़ियां दोनों ही जगह लगभग एक जैसी ही डाली जाती है, पर इनकी करी के बेस में अंतर होता है.

इन्हें भीपढ़ें

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

इस दर्दनाक दौर की तुमको ख़बर नहीं है: शकील अहमद की ग़ज़ल

February 27, 2025
फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

फटी एड़ियों वाली स्त्री का सौंदर्य: अरुण चन्द्र रॉय की कविता

January 1, 2025
democratic-king

कहावत में छुपी आज के लोकतंत्र की कहानी

October 14, 2024
Butterfly

तितलियों की सुंदरता बनाए रखें, दुनिया सुंदर बनी रहेगी

October 4, 2024

कहानी नवरत्न कोरमा की: नवरत्न कोरमा सुनकर सबसे पहले आपके दिमाग़ में क्या आता है? “नवरत्न” है ना! और नवरत्नों की जब जब बात होती है तो जिन लोगों का देश के इतिहास में थोड़ा-सा भी दख़ल है वो ये बात जानते हैं कि नवरत्न की उपाधि बादशाह अकबर ने अपने दरबार के नौ मुख्य दरबारियों को दी थी और माना जाता है कि इन्हीं नौ दरबारियों के नाम पर ही नवरत्न कोरमा को ये नाम दिया गया.
कोरमा का इतिहास अकबर से बहुत पुराना है, क्योंकि कोरमा तो अरबी व्यंजन है, जिसका उल्लेख अरबी साहित्य में 10वीं से 16वीं शताब्दी के बीच कई जगह मिलता है. मुख्य रूप से कोरमा में कोई प्रोटीन डाला जाता था, जो उस समय किसी प्रकार का मीट हुआ करता था और मुग़ल अपने साथ के कई और व्यंजनों की तरह ही यह व्यंजन भी भारत लेकर आए थे. यहां आने के बाद उन्हें यहां की संस्कृति के सम्बन्ध में विस्तार से पता चला. यहां के आम लोगों से लेकर राजा महाराजा तक एक बड़ी संख्या शाकाहारियों की थी और यहां के व्यंजन भी बड़ी मात्र में शाक सब्जियों या अन्न और दालों से बने होते थे.
अकबर का समय आते-आते हिन्दुओं के प्रति उनके थोड़े समभाव वाले व्यवहार के चलते उनका उठना-बैठना हिन्दू दरबारियों के बीच भी था, जो मीट तो क्या प्याज़, लहसुन भी नहीं खाते थे. ऐसी परिस्थति में एक बार उन्होंने अपने एक राजपूत खानसामा को बुलाकर ऐसा कोरमा बनाने के लिए कहा शाकाहारियों के लिए मुफ़ीद हो. और फिर कई तरह की सब्ज़ियों को तरबूज के बीज और अन्य मेवों के पेस्ट में डालकर बनाया गया. ये शानदार व्यंजन जो प्याज, लहसुन से भी मुक्त था और स्वाद व सेहत दोनों के लिए बहुत अच्छा होने के साथ शाही स्वाद भी लिए हुए था. अलग-अलग समय पर इसके अलग-अलग रूप भी सामने आए जैसे शाही नवरत्न कोरमा या पनीर नवरत्न कोरमा, जिसमें सब्ज़ियों के साथ पनीर का इस्तेमाल भी किया गया.
दक्षिण भारत में इसी कोरमा को बाद में थोड़ा अलग ढंग से बनाया गया और इसमें नारियल और दूध का इस्तेमाल भी किया गया.

क़िस्सा कोरमा वाला: सच कहूं तो आमतौर पर उत्तर भारतीय घरों में शाही किस्म का वेज कोरमा कम ही बनता है. कारण बड़ा साफ़ है- हम या तो मिक्स वेज बना लेंगे या फिर पूरी शाही करी बना रहे हैं तो उसमे पनीर डालेंगे या फिर कोफ़्ते डालेंगे, पर गाजर गोभी क्यों मिलाएंगे? पर हां, होटलों में इसे ज़रूर कभी-कभी खाया जाता रहा था. पर एक समय के बाद आप नई नई रेसिपी देखते हैं, मिक्स वेज और पनीर दोनों के सिवा कुछ वराइटी चाहते हैं सब्ज़ी में और उन्हें घर पर ख़ुद बनाकर खाते हैं और तारीफ़ें भी पाने लगते हैं. मेरे और नवरत्न कोरमा के साथ भी बस यही हुआ. मैं इसे उत्तर और दक्षिण भारतीय दोनों तरीक़े से बनाती हूं और खाने में दोनों ही सच में बहुत अच्छे लगते हैं. इसका थोड़ा मीठा थोड़ा तीखा स्वाद नान या रोटी दोनों के साथ बेहतरीन लगता है.
आप भी बताइएगा अपना कोई क़िस्सा या भोजन संबंधी कोई अनुभव इस आईडी पर : [email protected]
जल्द ही मिलेंगे… कहां? यहीं और कहां, इसी जगह जहां हम सब मिलकर लेंगे चटखारे भोजन के और उसकी बातों के…

फ़ोटो: पिन्टरेस्ट

Tags: Kanupriya Guptakanupriya gupta's weekly columnkormanavratna kormastory of navratna kormaweekly columnकनुप्रिया गुप्ताकनुप्रिया गुप्ता का साप्ताहिक कॉलमकहानी नवरत्न कोरमा कीकोरमानवरत्न कोरमासाप्ताहिक कॉलम
टीम अफ़लातून

टीम अफ़लातून

हिंदी में स्तरीय और सामयिक आलेखों को हम आपके लिए संजो रहे हैं, ताकि आप अपनी भाषा में लाइफ़स्टाइल से जुड़ी नई बातों को नए नज़रिए से जान और समझ सकें. इस काम में हमें सहयोग करने के लिए डोनेट करें.

Related Posts

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)
क्लासिक कहानियां

त्रास: दुर्घटना के बाद का त्रास (लेखक: भीष्म साहनी)

October 2, 2024
ktm
ख़बरें

केरल ट्रैवल मार्ट- एक अनूठा प्रदर्शन हुआ संपन्न

September 30, 2024
Bird_Waching
ज़रूर पढ़ें

पर्यावरण से प्यार का दूसरा नाम है बर्ड वॉचिंग

September 30, 2024
Facebook Twitter Instagram Youtube
Oye Aflatoon Logo

हर वह शख़्स फिर चाहे वह महिला हो या पुरुष ‘अफ़लातून’ ही है, जो जीवन को अपने शर्तों पर जीने का ख़्वाब देखता है, उसे पूरा करने का जज़्बा रखता है और इसके लिए प्रयास करता है. जीवन की शर्तें आपकी और उन शर्तों पर चलने का हुनर सिखाने वालों की कहानियां ओए अफ़लातून की. जीवन के अलग-अलग पहलुओं पर, लाइफ़स्टाइल पर हमारी स्टोरीज़ आपको नया नज़रिया और उम्मीद तब तक देती रहेंगी, जब तक कि आप अपने जीवन के ‘अफ़लातून’ न बन जाएं.

संपर्क

ईमेल: [email protected]
फ़ोन: +91 9967974469
+91 9967638520
  • About
  • Privacy Policy
  • Terms

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In

Add New Playlist

No Result
View All Result
  • सुर्ख़ियों में
    • ख़बरें
    • चेहरे
    • नज़रिया
  • हेल्थ
    • डायट
    • फ़िटनेस
    • मेंटल हेल्थ
  • रिलेशनशिप
    • पैरेंटिंग
    • प्यार-परिवार
    • एक्सपर्ट सलाह
  • बुक क्लब
    • क्लासिक कहानियां
    • नई कहानियां
    • कविताएं
    • समीक्षा
  • लाइफ़स्टाइल
    • करियर-मनी
    • ट्रैवल
    • होम डेकोर-अप्लाएंसेस
    • धर्म
  • ज़ायका
    • रेसिपी
    • फ़ूड प्लस
    • न्यूज़-रिव्यूज़
  • ओए हीरो
    • मुलाक़ात
    • शख़्सियत
    • मेरी डायरी
  • ब्यूटी
    • हेयर-स्किन
    • मेकअप मंत्र
    • ब्यूटी न्यूज़
  • फ़ैशन
    • न्यू ट्रेंड्स
    • स्टाइल टिप्स
    • फ़ैशन न्यूज़
  • ओए एंटरटेन्मेंट
    • न्यूज़
    • रिव्यूज़
    • इंटरव्यूज़
    • फ़ीचर
  • वीडियो-पॉडकास्ट
  • लेखक

© 2022 Oyeaflatoon - Managed & Powered by Zwantum.