दिवाली आ ही गई है. अब आएंगे वो मैसेज, जो कहेंगे चाइना के माल का बहिष्कार करो, तर्क-वितर्क सब गढ़े जाएंगे और वाद-विवाद भी होंगे, पर सोचिए तो ज़रा अगर किसी ने कह दिया चाइनीज़ फ़ूड का बहिष्कार करो तो क्या होगा? एक तो कोई कह नहीं पाएगा और कह दिया तो खानेवाले छोड़ नहीं पाएंगे. तो आइए, इसी बात पर आज बात करते हैं चाइनीज़ व्यंजनों की और उनके भारत में आकर हरदिलअजीज़ बन जाने की.
इससे पहले कि आपको कुछ बताऊं इन कुछ सीन्स पर ग़ौर कीजिए…
सीन 1: आप दुनिया के किसी भी देश में हैं और ऑथेंटिक चाइनीज़ खाना चाहते हैं, जब होटल में खाना आएगा तो उसमे होंगे उबले फीके नूडल्स, सूप और कुछ सॉस या ऐसे ही कुछ और व्यंजन.
सीन 2: आप भारत में हैं और चाइनीज़ फ़ूड खाना चाहते हैं तो आपकी टेबल पर होगा मंचूरियन, ट्रिपल शेज़वान राइस , हक्का नूडल्स, ऑरेंज कलर की ग्रेवी और सारी स्वाद ग्रंथियों को खोल देनेवाला तीखा रेड और ग्रीन चिली सॉस.
अब आप कहेंगे ऐसा क्यों? ऐसा इसलिए कि हम भारतीय, जिसे चाइनीज़ फ़ूड कहकर खाए जा जा रहे हैं, वो अगर चाइना वाले देख लें तो ख़ुद पहचान ही न पाएं, क्योंकि वो इसे इस ढंग से खाते ही नहीं हैं.
हम जो चाइनीज़ फ़ूड खाते हैं वो ऑथेन्टिक चाइनीज़ फ़ूड नहीं है, बल्कि वो है इंडो चाइनीज़, जो बेसिकली भारत में ही इजाद हुआ है. हमने चाइनीज़ ग्रेवी और सॉस वगैरह को इतना अलग रूप दिया है कि ये चाइना के पदार्थों से बना ज़रूर है, पर ये उनका अलग ही रूप हैं.
वेज हो या नॉन-वेज हमने हर तरह के खाने को चाइनीज़ स्टाइल में बनाना शुरू किया है. हालांकि ऐसा नहीं है की भारत में ऑथेन्टिक चाइनीज़ फ़ूड नहीं मिलता, बिल्कुल मिलता है! कुछ रेस्तरां केवल ऑथेन्टिक चाइनीज़ ही सर्व करते हैं, पर आम भारतीय अब भी इंडो चाइनीज़ का दीवाना है.
इतिहास वाली बातें: कोलकाता में एक चाइना टाउन नाम की जगह है, हालांकि मैं कभी कोलकाता नहीं गई पर पढ़ा, सुना है कि ये ही वो जगह है, जहां इंडो चाइनीज़ खाने की कुछ डिशेज़ का जन्म हुआ. ख़ासकर हक्का नूडल्स और फ्राइड राइस को यहीं की देन माना जाता है. कोलकाता के इस इलाक़े में ही कुछ रेस्तरां और हैं, जहां अलग-अलग तरह के नूडल्स बनाना शुरू किया गया. वैसे एक चाइना टाउन न्यू यॉर्क में भी है और कहा जाता है वहां का खाना भी ज़बरदस्त होता है, पर वो ऑथेन्टिक चाइनीज़ खाना होता है. खैर! भारत में इंडो चाइनीज़ भोजन के रूप में एक और क्रांति तब हुई, जब मुंबई के नेल्सन वांग से क्रिकेट क्लब ऑफ़ इंडिया में किसी ने कहा कि वो ऐसी कोई डिश बनाए, जो नई हो और इसी फ़ितूर में इजाद हुआ चिकन मंचूरियन, जो बाद में वेज मंचूरियन के रूप में बदला गया. आज मंचूरियन के ही न जाने कितने प्रकार आपको देखने मिल जाएंगे.
इंडो चाइनीज़ की घर-घर पहुंच: शुरुआत में जब भारत में चाइनीज़ फ़ूड खाया जाने लगा तो सबसे पहले इसने युवाओं के बीच अपनी जगह बनाई. स्कूल-कॉलेज के बच्चे इसके पहले मुरीद बने. फिर ये ऑफ़िस गोइंग लोगों की पार्टीज़ का हिस्सा बना. बच्चों की पसंद देखते हुए इसने फिर फिर शादी और पार्टियों में अपनी जगह बनाई और फिर ये घरों में बनने लगा. लोगों ने दुनियाभर की रेसिपी देख देखकर इसे घरों में बनाना शुरू किया और अब तो ये आलम है की लगभग हर घर में आपको इसका कोई न कोई रूप मिल ही जाएगा. ज़्यादा कुछ न हो सके तो लोग रेडी टू ईट इंडो चाइनीज़ सूप ले आते हैं और फ्राइड राइस बना लेते हैं, पर इसकी पैठ लगभग हर मध्यमवर्गीय घर में हैं.
क्या है ख़ास: ख़ासतौर से फ्राइड राइस, शेज़वान राइस, शेज़वान चटनी, हाका नूडल्स, ट्रिपल शेज़वान राइस, कॉर्न सूप, शेज़वान सूप, मिक्स वेज सूप आमतौर पर वेजटेरियन लोगों की पसंद है. इसी के साथ स्टार्टर के रूप में स्प्रिंग रोल्स भी काफ़ी पसंद किए जाते हैं. चिली पनीर और गोभी मंचूरियन ने भी जैसे हर घर में जगह बना ही ली है.
क़िस्से यादों वाले: मेरी यादों में भोपाल का चाइनीज़ फ़ूड आज भी पूरी तरह ज़िंदा है. वहां एक सैल्किल सूप वाला है, जो कुछ चाइनीज़ व्यंजन बनाया करता था और एक ठेला हुआ करता था जो विष्णु का ठेला के नाम से जाना जाता था. इस ठेले वाले के यहां शाम ढले लड़कों की लाइन लगी होती थी. लड़के इतने ज़्यादा होते थे कि हम वहां कभी जा ही नहीं पाए, पर उसके मंचूरियन और नूडल्स पैक करवाकर कई बार घर लाए जाते थे और उस ठेले वाले के मुरीद आपको सारे भोपाल में मिल जाएंगे. हालांकि अब वो ठेला नहीं रहा रेस्तरां चेन में बदल चुका है, पर अब भी लोग दूर-दूर से उसके यहां चाइनीज़ खाने आते हैं.
बाद के दिनों में इंदौर में कभी अच्छा इंडो चाइनीज़ खाने नहीं मिला. इन्दौर में तीखे का बोलबाला है और चाइनीज़ फ़ूड का टेस्ट लोगों में भी डेवेलप नहीं हो पाया है. ख़ैर… रही बात यहां की तो हम तो तरस गए हैं इंडो चाइनीज़ खाने को. असली चाइनीज़ खाना तो बहुत मिल जाता है यहां, पर इंडो चाइनीज़ के लिए बहुत पापड़ बेलने पड़ते हैं, जो हमसे आज तक न बेले जा सके.
आप भी बताइएगा आपके शहर में सबसे अच्छा इंडो चाइनीज़ फ़ूड कहां मिलता है, हम इंतज़ार करेंगे इस आईडी पर: [email protected] जल्द ही फिर मिलेंगे…
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट