यह तो हम जानते ही हैं कि महामारी के दौरान लोगों ने अपने घरों में बहुत सारी चीज़ों को स्टोर करके रखा था, बहुत सारी चीज़ों की ‘होम डेलिवरी’ भी करवाई थी. पर आप यह नहीं जानते होंगे कि लोगों के यहां होम डेलिवर होनेवाले प्रोडक्ट्स में सेक्स टॉयज़ की संख्या भी बहुत अधिक थी. यहां संगीत सेबैस्टियन इसी से जुड़े आंकड़े, दिलचस्प तथ्य और सच्चाइयों से आपको रूबरू करवा रहे हैं.
भारतीय लोगों ने महामारी के दौरान जीवन के लिए कई आवश्यक चीज़ों का संग्रह किया था, जैसे- सैनिटाइज़र्स, मास्क्स, दस्ताने, किराने का सामान, दवाइयां वगैरह. पर इसके साथ एक और चीज़ भी थी, जिसके पैकेट्स होम-डेलिवर कराए गए थे: सेक्स टॉयज़.
पिछले दो वर्षों में जब से पूरी धरती महामारी के चंगुल में फंसी हुई है, सेक्स टॉयज़ की मांग दुनियाभर में बहुत ज़्यादा बढ़ी है. कुछ सर्वेज़ में सामने आया है कि कोविड-19 के लॉकडाउन के बाद केवल भारत में ही इसकी मांग में 65 प्रतिशत का इज़ाफ़ा हुआ है. और इस बात का केवल एक ही अर्थ निकाला जा सकता है: इतिहास में गुज़रे किसी भी समय की तुलना में लोग अपनी अंतरंग ज़रूरतों का इन दिनों ज़्यादा ख़्याल रख रहे हैं.
प्रभावी तिकड़ी की चाहत
सेक्स से जुड़े सर्वे में जब यह सवाल पूछा जाता है कि आपकी सेक्शुअल फंतासी क्या है तो सबसे ज़्यादा जवाब ये मिलता है- थ्रीसम (यानी सेक्शुअल गतिविधि में तीन लोगों का शामिल होना). लेकिन, वास्तव में, इस कल्पना को साकार करना कभी-भी अच्छा साबित नहीं होगा. इसकी एक बड़ी वजह यह है कि यदि तीन लोग इस गतिविधि में शामिल होंगे तो तीनों को ही इससे अलग-अलग उम्मीदें होंगी. और दो लोगों के बीच एक तीसरे अनजान शख़्स की मौजूदगी का ख़तरा तो अपनी जगह होगा ही.
वहीं सेक्स टॉयज़ एक नए तरह की तिकड़ी का विकल्प देता है, जिसमें जोखिम कम है और चीज़ें आपके नियंत्रण में होती हैं.
सेक्स टॉयज़ बनानेवाली कंपनियों की बिक्री के आंकड़े इस बात की तस्दीक करते हैं. ऐप्स से नियंत्रित होनेवाले गैजेट्स तो ऐसे होते हैं कि वे इसे इस्तेमाल करने वाले जोड़े के बीच की क़रीबी और अंतरंगता को कहीं से भी बढ़ा सकते हैं, फिर चाहे आपका पार्टनर आपके बाजू में बैठा हुआ हो या किसी दूसरे महाद्वीप में, इसलिए इनकी मांग बहुत ज़्यादा है.
काम के तो हैं सेक्स टॉयज़
इसके अलावा सेक्स टॉयज़ महिलाओं में होनेवाले ‘ऑर्गैज़्म गैप’, जिसकी बहुत चर्चा भी होती है, को दूर करने में भी मददगार साबित होते हैं. यही नहीं, मैस्टर्बेशन उपकरण पुरुषों में स्खलन (इजैकुलेशन) के नियंत्रण को बेहतर बनाते हैं.
इन सभी बातों को देखें तो किताबी नतीजा ये निकाला जा सकता है कि महामारी के अंत तक हम सभी में अपने शरीर के बारे में गहरी समझ विकसित हो गई होगी और अपनी सेक्शुऐलिटी के प्रति हमारी भीतरी शर्मिंदगी कम हो जाएगी.
तो क्या सेक्स टॉयज़ के ज़रिए सेक्स लाइफ़ को बेहतर बनाया जा सकता है?
सेक्स टॉयज़ के सिलसिले में यही वो सवाल था, जो मैंने डॉक्टर डी नारायणा रेड्डी से पूछा. डॉक्टर रेड्डी दुनिया के जानेमाने सेक्शुअल स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वीवॉक्स के एक्स्पर्ट भी हैं.
‘‘सेक्स टॉयज़ के ज़रिए सेक्स लाइफ़ बेहतर बनेगी या नहीं इस सवाल के जवाब में सबसे पहले तो यह जानने की ज़रूरत होगी कि आख़िर कोई जोड़ा या कोई व्यक्ति सेक्स टॉय का इस्तेमाल क्यों करना चाहता है? यदि वह नयापन लाने के लिए या उत्सुकता के लिए ऐसा करना चाहते हैं तो ये उनकी सेक्स लाइफ़ को बेहतर बनाएगा,’’ ये बताते हुए डॉक्टर रेड्डी आगे कहते हैं,‘‘सेक्स थेरैपी के दौरान हम सेक्स टॉयज़, गैजेट्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, ख़ासतौर पर महिलाओं को, ताकि वे अपनी क्लिटोरिस को उत्तेजित कर सकें, क्योंकि इलाज के लिए आनेवाली अधिकतर महिलाएं अपनी हाथ से इसे छूने में ग्लानि महसूस करती हैं. सेक्स टॉयज़ का इस्तेमाल करने में वे सहज होती हैं और अपनी सेक्शुऐलिटी को बेहतर ढंग से समझ पाती हैं.’’
सेक्स टॉयज़ के इस्तेमाल को लेकर डॉ रेड्डी ने हमें चेताते हुए यह भी बताया कि यदि आप अपनी सेक्स लाइफ़ के लिए सेक्स टॉयज़ पर ज़्यादा निर्भर होने लगेंगे तो आपका सेक्स जीवन नीरस होने लगेगा. सेक्स टॉयज़ से जुड़ी दुर्घटनाएं भी असामान्य नहीं हैं. एक आंकड़े के मुताबिक़, वर्ष 2000 से वर्ष 2019 के बीच अमेरिका में 18547 वाइब्रेटर से जुड़ी और 6468 डिल्डो से जुड़ी दुर्घटनाओं में लोगों को इमर्जेंसी रूम ले जाना पड़ा था.’’
डॉक्टर रेड्डी ने एक घटना का ज़िक्र करते हुए बताया,‘‘कई साल पहले हमें एक महिला की मदद करनी पड़ी थी, क्योंकि सेक्शुअल गतिविधि के दौरान बेन वॉ बाल (बेन वॉ बॉल छोटी गोलाकार गेंद होती है, जिसे वजाइना में अंदर डालने के लिए डिज़ाइन किया गया है. इरोटिक थ्रिलर फ़िल्म फ़िफ़्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे की सफलता के बाद इस उपकरण की लोकप्रियता में बढ़ोतरी हुई थी), उसके शरीर में भीतर तक उतर गई थी,’’ यह बताते हुए उन्होंने इस बात पर ज़ोर देत हुए कहा,‘‘किसी भी तरह के सेक्शुअल वेलनेस प्रोडक्ट के इस्तेमाल के साथ आपकी अपनी सुरक्षा आपकी पहली प्राथमिकता होनी चाहिए!’’