यदि आपको सायटिका की समस्या है तो आपको कुछ ख़ास योगासनों का अभ्यास करना चाहिए. ये ऐसे योगासन हैं, जो पीठ, नितंब और पैरों की स्ट्रेचिंग में कारगर हैं और सायटिका के दर्द में राहत पहुंचाते हैं. हालांकि हमारी सलाह होगी कि आप डॉक्टर व फ़िज़ियोथेरैपिस्ट से सलाह लेने के बाद किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही इन आसनों को करें. यहां जानिए कौन से हैं वे आसन जो सायटिका में आपको राहत देंगे.
सायटिक एक नस या नर्व है, जो हमारे पीठ के निचले हिस्से से शुरू होकर, नितंब से होते हुए एड़ी पर जाकर समाप्त होती है. यह मानव शरीर की सबसे महत्वपूर्ण तंत्रिकाओं में से एक है. यदि इस नस में कोई समस्या आ जाती है तो कमर में दर्द, पैरों का सुन्न होना या पैरों में दर्द होने लगता है.
सायटिका होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- हड्डियों का अलाइन्मेंट गड़बड़ाना, पॉश्चर ख़राब होना, ज़्यादा वज़न उठाना, मोटापा, ख़राब जीवनशैली आदि.
यदि आप शरीर के किसी हिस्से में दर्द के निवारण के लिए किसी फ़िज़ियोथेरैपिस्ट से मिले हैं और कोई सेशन लिया है तो आप अच्छी तरह जानते होंगे कि वे हमें अपने दर्द के निवारण के लिए जो एक्सरसाइज़ सिखाते हैं, उनमें कई तरह के योगासन शामिल होते हैं. सायटिका के दर्द के निवारण में भी कई योगासन बेहद कारगर होते हैं. पर हमारी सलाह है कि आप किसी फ़िज़ियोथेरैपिस्ट या योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में ही ये योगासन करें:
अर्ध पवनमुक्तासन
अर्ध पवनमुक्तासन करने से आपके दोनों पैरों की मांसेशियों और पेल्विक रीजन स्ट्रेच होती हैं, साथ ही पेट की मांसपेशियां भी इसमें शामिल होती हैं. इसे करने के लिए:
• योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं.
• अब अपना बांया पैर सीधा रखते हुए दाएं घुटने को मोड़कर, हाथों की सहायदा से इसे छाती से लगाने का प्रयास करें. एक मिनट तक होल्ड करें और फिर पैर सीधा कर लें.
• यही प्रक्रिया दूसरे यानी दांए पैर के लिए भी अपनाएं.
सेतु बंधासन
सेतु यानी पुल से प्रेरित इस योगासन से पैर और पेट की मांसपेशियां मज़बूत बनती हैं. यदि सेतु बंधासन में जननेंद्रियों, पेट के निचले हिस्से और नितंबों को अंदर की ओर खींचा जाए (स्क्वीज़ करते हुए) तो यह और भी कारगर होता है. इसे करने के लिए:
• योग मैट पर पीठ के बल लेटें. हाथ बगल में रखें. अपने घुटनों को मोड़कर, सीलिंग की ओर रखते हुए एड़ियों को नितंबों के जितना क़रीब ला सकते हों ले आएं.
• अब पैरों व पीठ के हिस्से को ज़मीन से न उठाते हुए केवल अपने कमर के हिस्से को ऊपर उठाएं. इससे आपका शरीर एक पुल या सेतु के आकार में आ जाएगा.
• इस स्थिति में रहते हुए अपनी जननेंद्रियों, गुदाद्वार, पेट के निचले हिस्से और नितंबों को अंदर की ओर खींचने का प्रयास करें. तीस सेकेंड तक इस स्थिति में बने रहें. फिर विश्राम करें.
सुप्त कपोतासन
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है ‘सुप्त’ यानी सोया या लेटा हुआ, ‘कपोत’ यानी कबूतर तो यह आसन कबूतर के एक पोज़ से प्रेरित है. इस आसन को करने से जंघा, नितंब और पीठ या कमर के निचले हिस्से की स्ट्रेचिंग होती है और इस तरह यह आसन सायटिका के दर्द से निजात दिलाने में कारगर होता है. इसे करने के लिए:
• योग मैट पर पीठ के बल लेट जाएं. अपने दांए घुटने को मोड़ें और बाएं पैर की एड़ी को दाएं घुटने पर रखें.
• अब अपने हाथों के सहारे से दाएं पैर को अपनी छाती की ओर लाने का प्रयास करें. तीस सेकेंड तक इसी स्थिति में बने रहें. फिर विश्राम करें.
• अब इस प्रक्रिया को दूसरे पैर के साथ दोहराएं.
नोट: आप इन आसनों को किसी विशेषज्ञ की देखरेख में ही करें. शुरुआत में दो-दो बार इन आसनों का अभ्यास करें और धीरे-धीरे इन आसनों की फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जा सकती है.
फ़ोटो साभार: फ्रीपिक, yoga15.com व गूगल