नीदरलैंड्स में नई-नई मां बनी महिलाओं पर की गई एक रिसर्च में पाया गया कि बच्चे के जन्म के बाद के पहले वर्ष में नए पैरेंट्स की सेक्स लाइफ़ सबसे ज़्यादा प्रभावित होती है. रिसर्च में भाग लेनेवाली 23% महिलाओं की सेक्स लाइफ़ बच्चे के जन्म के तीन माह के बाद, 32% महिलाओं की छह माह के बाद और 45% महिलाओं की पूरे एक बरस बाद सामान्य हो सकी थी. पर राहत की बात यह है कि यदि पति-पत्नी कोशिश करते रहें तो जल्द ही आपकी सेक्स लाइफ़ वापस पटरी पर लौट आती है. और यहां हम आपको उसी के बारे में बता रहे हैं.
हमें पता है कि घर में आए नए मेहमान की मुस्कान पर आप दोनों वारे जाते हैं. और शिशु से जुड़े सभी कामों के साथ-साथ आप दोनों अपनी नींद की क़ुर्बानी भी पूरे मनोयोग से देते चले जाते हैं. हो भी क्यों न? शिशु का आपके जीवन में आना एक बेहतरीन अनुभव है. लेकिन बच्चे के जीवन में आने का अर्थ यह तो नहीं कि बाक़ी के सभी रिश्तों को समय ही न दिया जाए. और यहां हम ख़ासतौर पर पति-पत्नी के बीच के सेक्शुअल रिश्ते की बात कर रहे हैं. हमारे देश में यह बात भी सच है कि बच्चे की परवरिश में अनकहे ही ज़्यादा भार मां पर आ पड़ता है, लेकिन यदि आप और आपके पति संवेदनशील हैं तो ये ज़िम्मेदारी बख़ूबी आधी-आधी बांटी जा सकती है.
हमें पता है कि छोटे बच्चे से जुड़ी सभी ज़िम्मेदारियां, अपने ख़ुद के और घर से जुड़े काम, साथ ही ऑफ़िस से जुड़े काम आप दोनों को बुरी तरह थका देती हैं. ऐसे में अपनी सेक्स लाइफ़ के बारे में सोचने का तो आपके पास समय ही नहीं बचता. लेकिन नीचे दी गई कुछ छोटी-छोटी सलाहों को अपना कर आप दोनों यक़ीनन अपनी सेक्स लाइफ़ का पूरी तरह आनंद उठा सकते हैं. तो आइए, जानते हैं इन टिप्स के बारे में…
रात का इंतज़ार न करें
नई मांओं के लिए लिखी गई अपनी किताब द मॉमिनैट्रिक्स गाइड टू सेक्स: अ नो-सरंडर ऐड्वाइज़ बुक फ़ॉर नॉटी मॉम्स की लेखिका क्रिस्टीन चेज़ इस बारे में जो सलाह देती हैं, वो आपके लिए काम की साबित होगी. वे कहती हैं,‘‘सेक्स को रात के लिए बचाकर न रखें, क्योंकि शाम होते-होते आप थककर चूर हो जाएंगी और सेक्स के लिए कोई ऊर्जा नहीं बचेगी.’’ तो जब भी आपका बच्चा सो रहा हो, बजाय दूसरे कामों को वरीयता देने के आप दोनों को चाहिए कि आप निजी पलों का आनंद उठाएं. वो भी इस बात की परवाह किए बिना कि यह दिन का कौन-सा पहर है.’’
मदद लेने से कभी न हिचकें
यदि आप सेक्स लाइफ़ को पटरी पर लाना चाहती हैं तो आपको इसके लिए प्रयास करने होंगे. शिशु के सारे कामों के बीच कम से कम महीने में एक दिन अपने स्पाउस के साथ डेट नाइट रखें. इसके लिए अपने माता-पिता, परिजनों या दोस्तों से कहें कि एक रात के लिए वे आपके बच्चे को संभाल लें. और याद रखें कि उनसे यह वायदा ज़रूर करें कि आप भी उनके लिए इस तरह की कोई मदद ज़रूर करेंगे. और वक़्त आने पर उनकी मदद करें भी. आज़मा कर देखिए कि ऐसी ‘डेट नाइट’ आपके अंतरंग रिश्तों को कितनी गर्माहट से भर देगी.
एकरसता उबाऊ होती है
क्रिस्टीन चेज़ की किताब के एक मंत्र का सार यह भी है कि एकरसता उबाऊ होती है. चेज़ लिखती हैं,‘‘सेक्शुअल लाइफ़ को ऊर्जावान बनाना है तो आप दोनों को इस दिशा में कुछ नई ट्रिक्स सीखते रहनी चाहिए.’’ इसका मतलब ये है कि शिशु के आने से पहले के सेक्शुअल इंटरकोर्स के तरीक़े को बदल डालिए. जब और जितना समय मिले, उसका आनंद लेना सीखिए. लंबे सेशन्स की जगह, क्विवकीज़ यानी जल्दी निपटने वाला सेक्शुअल इंटरकोर्स अपनाएं. सेक्स लाइफ़ को दिलचस्प बनाने के लिए उपलब्ध समय में एक-दूसरे से चुहलबाज़ी का कोई मौक़ा न छोड़ें. इस बात को हमेशा याद रखें कि आप माता-पिता बने हैं इसका ये मतलब क़तई नहीं है कि आप पति-पत्नी वाली भूमिका को पहले की तरह गर्मजोशी से न निभाएं.
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