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बीस साल बाद: दोस्ती और फ़र्ज़ की कहानी (लेखक: ओ हेनरी)

टीम अफ़लातून by टीम अफ़लातून
October 9, 2021
in क्लासिक कहानियां, ज़रूर पढ़ें, बुक क्लब
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बीस साल बाद: दोस्ती और फ़र्ज़ की कहानी (लेखक: ओ हेनरी)
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यह कहानी है सच्ची दोस्ती की और दोस्ती निभाते हुए अपने फ़र्ज़ को पूरा करने की. क्या होता है, जब दो दोस्त वादे के मुताबिक़ 20 साल बाद मिलते हैं? पढ़ें ओ हेनरी की दिलचस्प कहानी ‘बीस साल बाद’.

एक पुलिस अधिकारी बड़ी फुर्ती से सड़क पर गश्त लगा रहा था. रात के अभी मुश्क़िल से 10 बजे थे, लेकिन हल्की-हल्की बारिश तथा ठंडी हवा के कारण सड़क पर बहुत कम आदमी नज़र आ रहे थे.
सड़क के एक छोर पर एक गोदाम था. जब पुलिस अधिकारी उस गोदाम के क़रीब पहुंचा तो उसके दरवाज़े के पास उसने एक आदमी को देखा. वह आदमी मुंह में बिना जला हुआ सिगार दबाए झुक कर खड़ा था.
पुलिस अधिकारी उसके पास गया तो उस आदमी ने कहा,“मैं यहां अपने एक दोस्त का इंतज़ार कर रहा हूं. हमने 20 वर्ष पहले यहां मिलने का वादा किया था. आप को मेरी यह बात कुछ अजीब लग रही होगी, लेकिन यह सच है.”
यह कह कर उस आदमी ने दियासलाई की तीली जला कर सिगार सुलगाया. उस जलती हुई तीली के उजाले में पुलिस अधिकारी ने उस आदमी का चेहरा देखा. उसका चेहरा पीला था, आंखों में चमक थी तथा दाहिनी भों के पास एक छोटा सा दाग़ था. उसके टाईपिन में एक बड़ा-सा हीरा कुछ अजीब तरह से जड़ा हुआ था.
उस आदमी ने दोबारा कहना शुरू किया,“20 वर्ष पहले इस गोदाम की जगह ‘बिग जो’ नाम का एक रेस्तरां हुआ करता था.”
“आज से ठीक 20 वर्ष पहले ऐसी ही रात को मैंने अपने सबसे अच्छे मित्र जिमी के साथ उस रेस्तरां में खाना खाया था.”
“उस रात हमने निश्चय किया था कि अगली सुबह अगले 20 वर्षों के लिए हम एक-दूसरे से अलग हो जाएंगे. इन वर्षों में हम जीवन में कुछ बनने के लिए संघर्ष करेंगे और जो कुछ बन पाएंगे, बनेंगे. ठीक 20 वर्ष बाद इसी समय हम फिर यहीं मिलेंगे, चाहे इसके लिए हमें कितनी ही दूर से क्यों न आना पड़े तथा हमारी कैसी भी परिस्थिति क्यों न हो.”
यह सुन कर उस पुलिस अधिकारी ने कहा,“यह तो बड़ी दिलचस्प बात है. वैसे जब से आप जिमी से अलग हुए, क्या उसके बारे में आप को कुछ नहीं पता चला?”
“कुछ समय तक तो हम एक दूसरे को पत्र भेजते रहे, लेकिन यह पत्र-व्यवहार केवल एक-डेढ़ साल तक ही चल सका, उसके बाद बंद हो गया. पर मुझे पूरा विश्वास है कि यदि जिमी जीवित होगा तो मुझसे मिलने ज़रूर आएगा. मैं एक हज़ार किलोमीटर दूर से उससे मिलने के लिए यहां आया हूं.”
यह कहने के बाद उस आदमी ने अपनी घड़ी देखी. घड़ी में छोटे-छोटे हीरे जड़े हुए थे.
पुलिस अधिकारी ने अपना डंडा घुमाया और वहां से चला गया.

क़रीब 20 मिनट बाद एक लंबा आदमी उस आदमी उस आदमी के पास आया. उसने ओवरकोट पहना हुआ था तथा कॉलर से कानों को ढका हुआ था. उसने पूछा,“क्या तुम बॉब हो?”
“क्या तुम जिमी वेल्स हो?”
इंतज़ार करने वाले आदमी ने ख़ुशी से लगभग चिल्लाते हुए कहा.
उस लंबे आदमी ने ख़ुशी से उसके हाथों को अपने हाथों में थाम लिया और बोला,“हां बॉब, चलो. अब किसी अच्छी जगह पर बैठें और बीते दिनों की बात करें.”
और दोनों एक-दूसरे का हाथ थामे हुए चल पड़े.
दवाइयों की एक दुकान के सामने से गुज़रते हुए उस दुकान की रौशनी में उन्होंने एक-दूसरे का चेहरा ठीक से देखा.
बॉब को उस लंबे आदमी का चेहरा देख कर कुछ संदेह हुआ. फिर वह अचानक ग़ुस्से में भड़क कर बोला,“तुम जिमी वेल्स नहीं हो. मैं मानता हूं कि 20 वर्षों का समय बहुत अधिक होता है, लेकिन इतना अधिक भी नहीं कि एक आदमी की नाक चौड़ी से पतली हो जाए.”
इसके जवाब में उस लंबे आदमी ने कहा,“ऐसा होता है कि नहीं मुझे नहीं पता, लेकिन 20 वर्षों में एक अच्छा आदमी बुरा आदमी बन जाता है. 20 वर्ष पहले तुम एक अच्छे आदमी थे, लेकिन आज एक बुरे आदमी बन गए हो. ख़ैर, यह काग़ज़ लो और पढ़ो.”
बॉब ने काग़ज़ का टुकड़ा उसके हाथ से ले लिया और पढ़ने लगा.
जब उसने काग़ज़ को पूरा पढ़ लिया तो उसके हाथ कांपने लगे.
काग़ज़ में लिखा था,‘‘बॉब, हम ने जहां मिलने का वादा किया था, वहां मैं बिल्कुल ठीक समय से पहुंच गया था. पर जब तुमने सिगार सुलगाने के लिए दियासलाई जलाई तो मैंने तुम्हारा चेहरा देखा और मुझे यह देख कर बहुत आश्चर्य हुआ कि तुम वही आदमी हो, जिसकी तलाश शिकागो पुलिस कर रही है.
‘‘मुझे तुम्हें उसी वक़्त गिरफ़्तार कर लेना चाहिए था, लेकिन मैं तुम्हारा दोस्त होने के कारण यह काम नहीं कर सका. अब मैंने पुलिस के ही दूसरे आदमी को सादे कपड़ों में तुम्हें गिरफ़्तार करने के लिए भेजा है.’’

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