हार्पर कॉलिंस इंडिया और हार्पर हिंदी अपने हिंदी पब्लिशिंग प्रोग्राम के तहत ऐसी किताबों का चयन कर रहे हैं, जो हिंदी के पाठकों को आकर्षित करेंगी. इसके तहत इस वर्ष हार्पर कॉलिन्स ने कई चर्चित लेखकों की बेहतरीन और लोकप्रिय किताबों के अनुवाद अपने हिंदी पाठकों के लिए प्रकाशित किए हैं. इन किताबों में हिंदी पाठकों की रुचि को देखते हुए प्रकाशक आगे भी कई चर्चित और महत्वाकांक्षी किताबों के अनुवाद प्रकाशित करेंगे, जिसकी सूची उन्होंने हाल ही में साझा की है.
समय की ज़रूरत और पाठकों की मांग को ध्यान में रखते हुए हार्पर कॉलिन्स हिंदी ने अनूदित किताबों की यह श्रृखंला निकालने का निर्णय लिया है. इस बारे में जानकारी देते हुए हार्पर कॉलिंस इंडिया के प्रकाशक उदयन मित्रा ने कहा,’’हार्पर कॉलिंस में हमारा प्रयास अधिक से अधिक पाठकों तक किताबें पहुंचाना होता है. हार्पर हिंदी पब्लिशिंग प्रोग्राम के तहत हम ऐसी किताबों का चयन कर रहे हैं, जो हिंदी के पाठकों को आकर्षित करेंगी. पिछले एक साल में प्रकाशित हुई हार्पर हिंदी की किताबों में गिरीश कर्नाड, अमिताभ घोष और रामचन्द्र गुहा से लेकर जेफ़ केलर और देवदत्त पट्टनायक तक की किताबें शामिल हैं; अवनि दोशी की पुरस्कृत किताब ‘गर्ल इन वाइट कॉटन’ का अनुवाद जल्द ही आने वाला है. हमारी हिंदी की सभी किताबें ई-बुक और कुछ किताबें ऑडियो बुक के रूप में भी उपलब्ध हैं. हार्पर हिंदी की लिस्ट में और भी बेहद दिलचस्प किताबें शामिल हैं और हम आशा करते हैं कि आने वाले कुछ महीनों में ये किताबें पाठकों तक पहुंच जाएंगी.”
उन्होंने यह भी बताया कि हार्पर हिंदी से पूर्व प्रकाशित किताबों में गुलज़ार साहब, ऋषि कपूर, पंकज कपूर, अब्दुल कलाम, अगाथा क्रिस्टी, इब्ने सफ़ी (श्रृंखला) और सुरेन्द्र मोहन पाठक की किताबों को पाठकों का ख़ूब प्यार मिला है.
इस वर्ष प्रकाशित हुई अनूदित किताबों में अमिताभ घोष की किताब ‘महापर्बत’, जो एक दिलचस्प कहानी के माध्यम से हमें पर्यावरण की महत्ता समझाती है; गिरीश कर्नाड का संग्रहणीय संस्मरण ‘यह जीवन खेल में’; रामचन्द्र गुहा की किताब ‘क्रिकेट का कॉमनवेल्थ’, जो क्रिकेट के प्रति दीवानगी के साथ स्टेट और नैशनल लेवल के क्रिकेट के कई अनसुने क़िस्से बेहद रोचक अंदाज़ में हमारे सामने बयां करती है; सत्या सरन की किताब ‘रितु नंदा: फिर भी रहेंगी निशानियां’ एक प्रतिष्ठित परिवार में पैदा हुई और फिर एक धनी परिवार की बहू बनने वाली एक ऐसी लड़की की कहानी कहती है, जो अपने लिए एक अलग राह बनाती है; पुराण और योग को अधिक क़रीब से समझाने की कोशिश करती देवदत्त पट्टनायक की किताब ‘योग पुराण’ और प्रेरक किताबों की श्रेणी में जेफ़ केलर की बहुचर्चित किताब ‘नज़रिया जीत का’ शामिल हैं.
हार्पर कॉलिन्स की इस पहल के बारे में हार्पर कॉलिंस इंडिया की हिंदी किताबों की संपादक उर्मिला गुप्ता ने कहा, “एक संपादक के लिए उसकी किताब एक ‘खिड़की’ या नार्निया (फ़िल्म) की अलमारी की तरह होती है, जो उसे एक नई और अनूठी दुनिया में ले जाती है. और फिर यहां तो कहानी, संस्मरण, इतिहास, जीवनी, पुराण और प्रेरक जैसे विविध विषयों से जुड़ी अलग-अलग दुनियाएं हैं. इनमें से प्रत्येक किताब का चयन उसके विषय और पाठकों में उसकी लोकप्रियता के आधार पर किया गया है. इन किताबों के अनुवाद के लिए क्षेत्र के श्रेष्ठ और अनुभवी अनुवादकों के सहयोग ने संपादन को और भी सहज और रोचक बना दिया. आशा है किताबों की ये ‘खिड़की’ या ‘अलमारी’ पाठकों का भी खुले दिल से स्वागत करेगी.”
प्रकाशन संस्थान की आगामी किताबों में अवनि दोशी का बुकर प्राइज़ के लिए चयनित उपन्यास द गर्ल इन वाइट कॉटन का अनुवाद ‘सफ़ेद लिबास वाली लड़की’; कैप्टन गोपीनाथ द्वारा शुरू की गई सबसे सस्ती एयरलाइन के रोमांचक सफ़र की गाथा ‘उड़ान: एयर डेक्कन का सफ़र’ और शीतल कक्कर मेहरा की बहुप्रशंसित किताब ‘बिज़नेस एटिकेट: युवा प्रोफ़ेशनल्स के लिए एक गाइड’ शामिल हैं.