बैंगन को अपने खानपान में शामिल करने के फ़ायदे आज से तो हैं नहीं, वो तो सदियों से चले आ रहे हैं. अकबर-बीरबल के ज़माने में भी बैंगन खाने के वही फ़ायदे थे, जो आज हैं. पर आज तक ये फ़ायदे आपको किसी ने इतने दिलचस्प अंदाज़ में नहीं बताए होंगे, जितने रुचिकर अंदाज़ में डॉक्टर दीपक आचार्य इसके बारे में बता रहे हैं…
राजा अकबर जो कुछ भी कहते, उनकी हां में हां करने की आदत थी, अपने बीरबल बाबू की. एक दिन अकबर साहब बोले,”यार बीरबल, मुझे बैंगन खाना बहुत पसंद है. इसमें कोलेस्ट्रॉल को मेंटेन करने का ग़ज़ब का गुण है, इसमें डायटरी फ़ाइबर्स और बायोफ़्लेवेनॉइड्स पाए जाते हैं और कम मात्रा में सॉल्युबल कार्बोहाइड्रेट्स पाए जाने के कारण ये डायबिटिक लोगों के लिए भी ज़ोरदार है. बीरबल बाबू वही दोहराने लगे और बोले,‘’राजा जी, एकदम टप्पे की बात कह रहें हैं आप, ज़बरदस्त चीज़ है बैंगन, मुझे भी बेहद पसंद है बैंगन खाना.’’
फ़ाइबर्स से भरे और वज़न कम करने में कारगर
राजा अकबर अपनी बात आगे बढ़ाते हुए कहने लगे कि बैंगन में फ़ाइबर्स भी ख़ूब होते हैं और जिन्हें वजन कम करना हो, उनके लिए भी ख़ास है. इसके फ़ाइबर्स ‘घ्रेलिन’ हॉर्मोन को बनने से रोकते हैं. ये हॉर्मोन वही हॉर्मोन है, जो हमें भूख लगने का संकेत देता है. बीरबल भाई तो जैसे इंतज़ार ही कर रहे थे राजा अकबर की बात ख़त्म होने का, तपाक से बोल पड़े,”यस बॉस, एकदम सही कहा आपने, बैंगन है ही कमाल का आइटम.’’
राजा साहब ने लगे हाथ फिर एक बात और कह डाली,‘’पता है बीरबल, बैंगन में फ़िनोलिक एलिमेंट्स भी ख़ूब पाए जाते हैं, जो ओस्टियोपोरोसिस के लक्षणों को भी कम करते हैं, और तो और इसमें पाया जाने वाला आयरन एनीमिया के लिए भी बेस्ट है.”
बस बीरबल जी फिर हां में हां कर बैठे,”बिल्कुल सही कह रहे हैं आप सर, कमाल के गुण पाए जाते हैं इसमें, तभी न इसको सब्ज़ियों का राजा कहा जाता है, आप बिलकुल सही हैं सरकार.. और ये तो एनीमिया भी दूर करता है. वाह गुरुजी, कमाल है बैंगन भी…”
एलर्जी होने पर और गर्भवती महिलाएं करें परहेज़
राजा अकबर सोचने लगे कि ये कमबख़्त हर बात में जी हुज़ूरी कर रहा. इस बार अकबर साहब ने अपनी बात ज़रा हटकर कही, वे बोले,‘’यार बीरबल, एक बात ठीक नहीं है इस बैंगन की, वो ये कि कई लोगों को इससे एलर्जी भी होती है और गर्भवती महिलाओं को बैंगन खाने से थोड़ा परहेज़ करना चाहिए.’’
बीरबल भाई इस बात पर भी अपना मुंह खोल बैठे,‘’बिल्कुल सही कह रहे सरकार, बिल्कुल सही. मुझे भी यही बात बुरी लगती है बैंगन की…’’
राजा अकबर मन ही मन खिसियाए जा रहे थे. एक मिनट की लंबी सांस लेकर राजा साहब फिर बीरबल से बोले,‘’एक दो और भी बुरी बातें हैं बैंगन की, एक ये कि अगर आप एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं ले रहे हैं तो इसे कम खाएं, क्योंकि ये दवाओं के असर को कम करता है. और दूसरा ये कि साला… तला हुआ बैंगन लगता तो ज़ोरदार है, पर तेल ख़ूब सोख लेता है, ऐसे में सेहत के हिसाब से ये ठीक नहीं… पर कौन इसको भूनकर भर्ता-वर्ता बनाए…’’
बीरबल तो ठहरे बीरबल, तपाक से सुर में सुर मिला दिए,‘’एकदम करेक्ट कह रहे हैं आप सरकार, मुझे भी इसीलिए बैंगन बुरा लगता है. अब हर कोई दीपकआचार्य जैसा फ़ुरसतिया तो है नहीं, जो आराम से चूल्हे पर भूनकर बैंगन भर्ता बना ले और चट्ट कर जाए.’’
अब राजा साहब से रहा न गया, राजा अकबर बोले,‘’अबे बीरबल, तुम ये बताओ, मैं तारीफ़ करूं तो तुम तारीफ़ करते हो, बुराई करूं तो बुराई करते हो, तुम्हारी प्रॉब्लम क्या है?’’
बीरबल जी मुस्कुराते हुए बोले,”सरकार, मेरे माई बाप… बात ऐसी है कि राजा आप हैं, बैंगन नहीं’’
तो भई, प्यारी जनता. आपने राजा अकबर से बैंगन के गुणों को जान लिया है तो फटाफट भर्ता-वर्ता का जुगाड़ करें, जोवार/बाजरे की रोटी और हरी धनिया-मिर्च-टमाटर की चटनी बनाएं और देसी गुड़ के साथ दबाकर सूत लें.
दोस्त हूं, प्यार से कह रहा हूं, बैगन खा लिया करो यार, फ्रेंडशिप की कसम!
फ़ोटो: पिन्टरेस्ट