फ़ेस ब्लीच आपके चेहरे की रंगत को उजला करता है. इसे इसकी तीखी गंध के लिए जाना जाता है, लेकिन इसका इस्तेमाल करने के लिए केवल इतनी ही जानकारी पर्याप्त नहीं है. यही वजह है कि हम आपको चेहरे को ब्लीच करने के बारे में वे सभी बातें बता रहे हैं, जो आपको जाननी ही चाहिए.
यदि आपके मन में इस तरह के सवाल हैं कि फ़ेस ब्लीच क्या है, कैसे काम करता है, इसके क्या फ़ायदे हैं, क्या नुक़सान हैं और किन बातों का ध्यान रखते हुए फ़ेस ब्लीच करवाया जाना चाहिए तो यहां आपको इन सभी बातों के जवाब मिल जाएंगे.
अमूमन कहा जाता है कि चेहरे को ब्लीच करने से सन टैन हटता है, पिग्मेंटेशन हल्का होता है और ब्लैकहेड्स भी निकल जाते हैं. जो युवतियां/महिलाएं थ्रेडिंग के दर्द से बचना चाहती हैं, वे ब्लीचिंग का चुनाव करती हैं. ये बातें कितनी सच हैं, आगे हम इसी बारे में जानेंगे.
फ़ेस ब्लीच आख़िर है क्या और यह क्या करता है?
फ़ेस ब्लीच में मुख्यत: हाइड्रोजन परॉक्साइड ब्लीचिंग एजेंट होता है. यह चेहरे पर मौजूद बालों (रोएं) के रंग को हल्का कर देता है, जिसकी वजह से चेहरे की रंगत साफ़ दिखाई देने लगती है. यहां इस बात पर ध्यान दीजिए कि ये हमारे चेहरे की रंगत को हल्का नहीं करता, बल्कि चेहरे पर मौजूद बालों की रंगत को हल्का करता है. इस बात पर हम इसलिए ज़ोर दे रहे हैं, ताकि यदि आपके मन में यह भ्रांति बैठी हो कि ब्लीच चेहरे की रंगत हल्की करता है या फिर चेहरे पर मौजूद बालों को हटाने का एक तरीक़ा है तो वह दूर हो जाए.
ब्लीचिंग के क्या फ़ायदे हैं?
ब्लीचिंग करने पर तुरंत ही चेहरे की रंगत निखर जाती है. ब्लीचिंग क्रीम में मौजूद एजेंट्स चेहरे पर मौजूद बालों की रंगत को हल्का कर देते हैं, जिससे चेहरा साफ़-सुथरा नज़र आता है. चेहरे के बाल हटाने के लिए आप यदि थ्रेडिंग कराती थीं तो उस दर्दभरी प्रक्रिया से गुज़रे बिना, ब्लीचिंग करने पर आपको लगभग वही प्रभाव मिलता है. यही वजह है कि कई युवतियां/महिलाएं चेहरे पर मौजूद बालों को थ्रेडिंग के ज़रिए निकलवाने की बजाय ब्लीचिंग के ज़रिए छुपा लेना ज़्यादा पसंद करती हैं. यह बात भी अपनी जगह सच है कि ब्लीचिंग के इस्तेमाल से चेहरे पर मौजूद दाग़-धब्बे या पिग्मेंटेशन मार्क्स हल्के हो जाते हैं. यह भी जान लें कि हालांकि ब्लीचिंग का प्रभाव अस्थाई होता है, लेकिन यह 20-25 दिनों तक बना रहता है.
क्या हैं फ़ेस ब्लीच के नुक़सान?
यदि आपकी त्वचा बेहद संवेदनशील है तो इसके इस्तेमाल से बचना ही बेहतर है, क्योंकि इसमें मौजूद केमिकल्स आपकी त्वचा को नुक़सान पहुंचा सकते हैं, रैशेज़ आ सकते हैं, लालिमा और जलन महसूस हो सकती है. साथ ही, ब्लीच की बहुत तेज़ गंध होती है. यदि आपको तेज़ गंध की वजह से सिर दर्द, नौशिया या फिर एलर्जी जैसी समस्या हो जाती है तो इसके इस्तेमाल से बचें. बेहतर होगा कि इसके इस्तेमाल से पहले एक पैच टेस्ट कर के देख लें कि यह आपको सूट करता है या नहीं. यदि सूट करता हो, तभी इसका इस्तेमाल करें.
ब्लीच के इस्तेमाल के दौरान क्या सावधानियां रखें?
जैसा कि हमने ऊपर बताया कि सबसे पहल आपको ब्लीच के लिए पैच टेस्ट कर लेना चाहिए. इसके लिए पहले आप ब्लीच को अपनी बांहों पर लगाकर देखें कि इसका कैसा रिऐक्शन हो रहा है. यदि कोई रिऐक्शन नहीं हो रहा है, तभी इसका इस्तेमाल करें. अन्य सावधानियां जो आपको रखनी चाहिए, वे हैं:
• ब्लीच लगाते समय अपनी आंखों और होंठों के हिस्से को पूरी तरह छोड़ते हुए इसे चेहरे पर लगाएं.
• ब्लीचिंग क्रीम प्रॉडक्ट पर दिए गए दिशा-निर्देशों का पालन ज़रूर करें. ख़ासतौर पर इस बात का कि इसे चेहरे पर कितने समय तक लगाए रखना है.
• ब्लीचिंग करने के बाद चेहरे को स्क्रब बिल्कुल न करें.
• ब्लीचिंग करने के तुरंत बाद धूप में जाने से बचें. यदि किसी कारण से जाना ही हो तो चेहर पर सनस्क्रीन ज़रूर लगाएं.
कितनी बार करना चाहिए ब्लीच?
ब्लीच का इस्तेमाल महीने में एक बार ही करें. इससे ज़्यादा इस्तेमाल करने पर आपका चेहरा पैची नज़र आ सकता है. यही नहीं, इसके ज़्यादा इस्तेमाल से चेहरे पर लालिमा, जलन और मुहांसों जैसी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है. एक बात और, ब्लीच करने के बाद भी अपनी त्वचा की देखभाल के रूटीन का यानी क्लेंज़िंग, टोनिंग और मॉइस्चराइज़िंग का अच्छी तरह पालन करें. इससे आपकी त्वचा सेहतमंद बनी रहेगी.
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